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गुजरात कृषि विवि. के वैज्ञानिक और छात्रों ने ली प्राकृतिक कृषि की विधिवत ट्रेनिंग

वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।

गुरुकुल में 31 सदस्यीय दल ने 3 से 5 मार्च तक प्राकृतिक खेती की बारीकियां सीखीं।

कुरुक्षेत्र, 5 मार्च : गुरुकुल कुरुक्षेत्र में चल रहे प्राकृतिक कृषि प्रशिक्षण केन्द्र में गुजरात प्राकृतिक कृषि विज्ञान विश्वविद्यालय, हलोल के विस्तार शिक्षा निदेशक रश्मीकान्त अनंत्रे सहित कृषि विशेषज्ञ एवं पीजी स्टूडेंट्स ने प्राकृतिक खेती की विधिवत चार दिन की ट्रेनिंग ली, साथ ही फार्म का दौरा कर वहां पर स्थित मिश्रित फसल व सब्जियों के मॉडल देखें। वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक पदम्श्री डॉ. हरिओम के मार्गदर्शन में गुजरात से पधारे इस दल को प्राकृतिक खेती के सभी पहलुओं से परिचित कराया गया जबकि ट्रेनिंग के दौरान डॉ. बलजीत सहारण, डॉ. विजय, डॉ. प्रदीप कुमार और डॉ. मनीषा का विशेष सहयोग रहा।
गुरुकुल के व्यवस्थापक रामनिवास आर्य ने बताया कि महामहिम राज्यपाल आचार्य देवव्रत के दिशा- निर्देशन में पूरे देश में प्राकृतिक खेती के विस्तार हेतु प्रचार अभियान चलाया जा रहा है। इसी कड़ी में गुजरात से हलोल कृषि विज्ञान विश्वविद्यालय से डॉ. प्रभु नायका, डॉ. एसपी देशमुख, डॉ. कृष्ण, डॉ. अल्पेश बीमानी सहित अनेक कृषि विशेषज्ञों ने गुरुकुल में ट्रेनिंग प्राप्त की। इसके अलावा पीजी स्टूडेंट केशवाला भूमि, जय पटेल, विशाल वायलू, दक्ष पटेल, महेन्द्र मेवादा, मौली पटेल, श्रद्धा चौधरी भी इस ट्रेनिंग कैम्प में शामिल हुए और प्राकृतिक खेती में हो रहे नवीन प्रयोगों को करीब से देखा। इसी दल में दिल्ली से कृषि विशेषज्ञ धूमसिंह, दिनेश कुमार, रविन्द्र सिंह आदि ने भी ट्रेनिंग ली।
डॉ. हरिओम ने कहा कि प्राकृतिक खेती आज की आवश्यकता है और धीरे-धीरे किसानों का विश्वास प्राकृतिक खेती में बढ़ता जा रहा है। आचार्यश्री के प्रयास से पहले हिमाचल, अब गुजरात और धीरे-धीरे पूरे देश में प्राकृतिक खेती को किसान अपना रहे हैं क्योंकि रासायनिक और जैविक खेती के दुष्प्रभाव भी लोगों के सामने आ रहे हैं, अब एकमात्र विकल्प प्राकृतिक खेती है।

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