बिहार:पूर्व मुख्यमंत्री बिंदेश्वरी प्रसाद मंडल का 103 वीं जयंती मनाई गई

पूर्णिया संवाददाता

पिछड़ा वर्ग मोर्चा के तत्वाधान में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री महान समाजवादी नेता एवं पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष स्वर्गीय बिंदेश्वरी प्रसाद मंडल का 103 वी जयंती समाजसेवी इंजीनियर रघुनंदन कामती के अध्यक्षता में लाइन बाजार स्थित समाजसेवी बमभोला साहनी के आवासीय परिसर में मनाई गई। इस अवसर पर पिछड़ा-अतिपिछड़ा, एससी- एसटी एवं अल्पसंख्यक समुदाय के प्रमुख समाजसेवी उपस्थित होकर मंडल कमीशन के प्रणेता बी०पी० मंडल जी के चित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित किए। इस अवसर पर उपस्थित बहुजन क्रांति मोर्चा के प्रमंडलीय प्रभारी प्रोफेसर आलोक कुमार ने बी० पी० मंडल जी के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि बीपी मंडल, कोसी क्षेत्र के मधेपुरा के मुरहो गांव के एक प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी रासबिहारी मंडल के सुपुत्र थे। एक बड़े जमींदार के घर में पैदा होने के बावजूद मंडल जी हमेशा समाज के दबे कुचले लोगों की लड़ाई आजीवन लड़ते रहे। सर्वप्रथम कांग्रेस पार्टी से बिहार विधानसभा के लिए मधेपुरा से चुने गए। बाद में सामंतो के जुल्म से दुखी हो कर बी पी मंडल जी डॉक्टर लोहिया की सोशलिस्ट पार्टी में शामिल होकर समाजवादी आंदोलन को मजबूती प्रदान किए । कई बार मधेपुरा लोकसभा से चुनकर संसदीय जीवन में हमेशा शोषितों की आवाज बने रहे । उनके इसी आवाज के चलते अमर शहीद जगदेव प्रसाद ने बिहार में बनी संविद सरकार को गिरा कर पहली बार शोषित दल की सरकार बी पी मंडल जी के नेतृत्व में गठन करवाया । जिसमें पिछड़े वर्गों के लिए जनसंख्या के आधार पर मंत्रिमंडल में जगह देकर एक मिसाल कायम किया। साहित्यकार देवनारायण देव ने बीपी मंडल को एक महान समाजवादी बताया, कहा कि बीपी मंडल के कथनी और करनी में भी समानता थी। अपने गांव एवं राज्य से लेकर राष्ट्रीय स्तर पर पिछड़े एवं दलित वर्गों के हितों के लिए हमेशा तत्पर रहते थे। मंडल कमीशन के चेयरमैन की हैसियत से भारत के उन तमाम सामाजिक शैक्षणिक रूप से पिछड़े वर्गों की जाति की सूची बनाकर 3743 जातियों को सरकारी सेवाओं शिक्षण संस्थानों एवं अन्य क्षेत्रों में वित्तीय संस्थानों की स्थापना कर इन वर्गों के आर्थिक विकास के लिए 40 सिफारिशों की अनुशंसा कर देश के बहुसंख्यक समुदाय में राजनीतिक एवं सामाजिक हलचल पैदा किया। किसान सलाहकार संघ के अध्यक्ष संजीव शुभम ने इस अवसर पर कहा कि पिछड़े वर्गों के लोगों को जाति एवं धर्म के अंधभक्ति को छोड़कर शिक्षा एवं देश के सभी संसाधनों पर हिस्सेदारी के लिए बी० पी९ मंडल के रिपोर्ट को शत-प्रतिशत लागू कराना हीं पिछड़ों के मसीहा को सच्ची श्रद्धांजलि होगी। समाजसेवी बमभोला साहनी ने इस अवसर पर कहा कि पिछड़े वर्गों की जाति जनगणना एवं मंडल रिपोर्ट का पूर्णता लागू कराने के लिए जिला स्तर पर राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा जाए और पिछड़ा और अतिपिछड़ा समाज को संगठित कर इस लड़ाई को अंजाम तक पहुंचाने का कार्यक्रम तय किया जाए। उपस्थित प्रमुख वक्ताओं में समाजसेवी अमरनाथ सिंह, भारत मुक्ति मोर्चा के जिला अध्यक्ष उमेश प्रसाद यादव, इंजीनियर सुरेश शर्मा, किसान सभा के अध्यक्ष मोहम्मद इस्लामुद्दीन, पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष जवाहर यादव, मुरलीमनोहर यादव, किसान नेता अनिरुद्ध मेहता, मजदूर नेता दिनेश दास, शेरशाहवादी देवलपमेंट कमेटी के अध्यक्ष शफीक आलम , एससी एसटी मंच के अध्यक्ष हरि लाल पासवान मुखिया लंबू मंडल, उपेंद्र दास ,पवन साहनी, मोहम्मद मन्नान , आदि लोगों ने बीपी मंडल जी के जीवन पर अपने- अपने विचार रखें।

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