पंचकूला में विकास की नई इबारत लिख गया 2022, दशकों पुरानी मांगें हुईं पूरी,नई परियोजनाओं ने भी दी दस्तक

पंचकूला में विकास की नई इबारत लिख गया 2022, दशकों पुरानी मांगें हुईं पूरी,नई परियोजनाओं ने भी दी दस्तक।

हरियाणा संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
दूरभाष – 9416191877

विकास पुरुष ज्ञान चंद गुप्ता की 8 साल की मेहनत धरातल पर चमकी, जो मांगें सदन पटल पर नकार चुके थे मंत्री, स्पीकर ने साकार की।

पंचकूला, 31 दिसंबर :
साल 2022 पंचकूला के विकास की नई इबारत लिख गया। स्थानीय विधायक एवं विधान सभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता की पिछले 8 साल की मेहनत का रंग इस साल धरातल पर चमकता दिखाई दिया। इसके चलते क्षेत्रवासियों की कई दशकों पुरानी मांगें पूरी हुईं तो बड़ी संख्या में नई परियोजनाओं ने भी दस्तक दी। तरक्की की इस रफ्तार का लाभ जहां क्षेत्र की जनता को हुआ वहीं गुप्ता की छवि ‘विकास पुरुष’ की बन गई। इन विकास परियोजनाओं में कुछ अनायास हुई आपातकालीन घटनाओं की परिणति रही तो कुछ पंचकूला के इतिहास का अंग बन चुकी थीं। इन योजनाओं में शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के लोग समान रूप से लाभान्वित हो रहे हैं।
बात अगर इतिहास से ही शुरू की जाए तो खटौली गांव के पास टांगरी नदी पर नवनिर्मित पुल पर दौड़ते वाहन 80 के दशक की याद दिलाते हैं। टांगरी नदी में आकस्मिक होने वाले बहाव के कारण बड़ी संख्या में गांव विकास की मुख्य धारा में जुड़ नहीं पा रहे थे। उस समय प्रदेश के मुख्यमंत्री देवी लाल ने यहां आकर लोगों की मांग पर नदी पर पुल निर्माण का वादा किया था, लेकिन पूरा नहीं हो सका। 1992 में तत्कालीन मुख्यमंत्री भजन लाल ने भी लोगों को इस पुल के निर्माण का आश्वासन दिया, लेकिन यह आश्वासन भी सरकारी फाइलों में कब लुप्त हो गया, किसी को पता नहीं चला। ज्ञान चंद गुप्ता तब लोगों से वोट मांग गांव की डगर पर निकले तो लोगों ने उनके सामने भी यही फरियाद रखी। गुप्ता ने वादा किया, लेकिन लोगों को विश्वास नहीं हो पाया। चर्चा रही कि 2 धुरंधर मुख्यमंत्री जिस काम को नहीं कर सके एक विधायक कैसे करेगा। अब 18 करोड़ की लागत से पुल पर सरपट गाड़ियां दौड़ रही हैं। ठीक वैसे ही जैसे इलाके में विकास की रफ्तार। यह मुद्दा आज भी उतना ही चर्चा का हिस्सा है, लेकिन जुबान बदली हुई है। अब लोग कह रहे हैं जनप्रतिनिधि अगर ठान ले तो इतिहास ही नहीं बल्कि भविष्य भी गढ़ सकते हैं।  
गांव से लौटकर अगर शहर की तरफ निगाहें दौड़ाएं तो सेक्टर 19 को शहर के शेष हिस्सों से जोड़ने वाला रेलवे ओवरब्रिज आसमान में ऊंचाई नापता नजर आता है। इस पुल का किस्सा भी दिलचस्प है। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के शासनकाल में स्थानीय लोगों की यह मांग तत्कालीन विधायक डीके बंसल ने विधान सभा में उठाई थी। जबाव देना था उस समय के लोक निर्माण विभाग के मंत्री रणदीप सिंह सुरजेवाला ने। कई रिपोर्ट और दूसरे दस्तावेजों को हवाला देते हुए उन्होंने सदन को बताया था कि यहां पुल बन ही नहीं सकता। इसके पीछे उन्होंने दलीलों की लंबी फेहरिस्त भी रख दी थी। कहा था कि फिजिबिलिटि ही नहीं बनती। सत्ता बदली तो दलीलें भी फाइलों से कब फुर्र हो गईं, किसी को नहीं मालूम। अगर आज किसी तो जानकारी है तो इतनी कि आने वाले गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर ज्ञान चंद गुप्ता मुख्यमंत्री मनोहर लाल के हाथों यह पुल जनता को समर्पित करवा देंगे। पुल पर 30.50 करोड़ की लागत आई है।
शहरवासियों के लिए परेशानी का सबब बन चुके कालका-जीरकपुर हाईवे की गलत डिजाइनिंग का तोड़ भी ज्ञान चंद गुप्ता ने अफसरों से निकलवा लिया। सेक्टर 12 ए के पास से जीरकपुर जाने के लिए करीब 21 करोड़ की लागत वाले अंडर पास का काम शुरू हो चुका है। सेक्टर 19 में सीआईडी थाने के पास बने रेलवे अंडरपास ने भी जनजीवन को सुगम किया है। जीरकपुर-कालका हाईवे पर सेक्टर 20-21 से शुरू होकर सेक्टर 25-26 के पास से एक और ओवरब्रिज का काम मंजूर हो चुका है। जल्द ही धरातल पर दिखाई देगा।
बात सिर्फ इतिहास का हिस्सा बन चुके पुलों तक सीमित नहीं है, बल्कि भविष्य को संवारने वालों संस्थानों का जिक्र करना भी नववर्ष की वेला पर जरूरी है। राष्ट्रीय स्तर के फैशन प्रौद्योगिकी संस्थान (निफ्ट) में आज होनहार युवाओं का दूसरा बैच पढ़ाई कर रहा है। देश में अपने तरह के नए प्रयोग आयुष के एम्स की शुरुआत भी पंचकूला से हुई है। यह संस्थान आज शहर का गौरव बढ़ा रहा है।
लोगों के छोटे से छोटे सुख-दुख में शामिल होने वाले विधान सभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता क्षेत्रवासियों की सेहत को लेकर भी सदैव फ्रिकमंद रहते हैं। सेक्टर 6 के सिविल अस्पताल के साथ 200 बैड का अलग से जज्जा-बच्चा अस्पातल इसी चिंता का परिणाम है। राष्ट्र सर्वोपरि के सिद्धांत पर राजनीति करने का बीड़ा उठाने वाले नेता शहीद क्रांतिकारियों को कैसे भूल सकते हैं। आने वाली पीढ़ियों के जहन में शहादत को जिंदा रखने के लिए सभी सामुदायिक केंदों का नाम शहीदों के नाम पर रखे गए हैं।  
जन-जन की आस्था के केंद्र माता मनसा देवी और गुरुद्वारा नाडा साहिब में प्रसाद योजना के तहत करीब 15-15 करोड़ से बहुमंजिली पार्किंग बन चुकी है। पंचकूला के सेक्टर 9 की रेहड़ी मार्केट को खाक करने वाली आगजनी जैसी आपदा की घटना को भी ज्ञान चंद गुप्ता ने छोटे दुकानदारों के लिए अवसर में बदल दिया है। हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के यहां किराएदार के तौर पर काम करने वाले दुकानदारों के लिए यहां न केवल नए बूथ बनाए जा रहे हैं, बल्कि मालिकाना हक भी दुकानदारों को दिलवा दिया है। 23 सितंबर 2021 की सुबह इन दुकानदारों के लिए उम्मीद की नई किरण लेकर आई, क्योंकि इस दिन मुख्यमंत्री मनोहर लाल और विधान सभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता ने इन्हें मालिकाना हक के दस्तावेज सौंप दिए।
दशकों से पेरिस बनाने के वादों से जिस शहर से कान पक चुके थे, आज वह शहर मेट्रोपोलिटन सिटी का दर्जा पा चुका है। ज्ञान चंद गुप्ता की पहल पर प्रदेश सरकार ने पंचकूला महानगर विकास प्राधिकरण का गठन किया है। इसके साथ ही ट्राईसिटी में पंचकूला को पहले नंबर पर लाने के लिए ठोस योजना का खाका भी तैयार कर लिया गया है। 48 साल पहले पंचकूला की स्थापना की गई थी। विकास की पहली योजना 1983 में बनाई गई थी। पंचकूला के विकास को लेकर नई योजना 2018 में बनानी शुरू की थी। इस योजना के तहत पंचकूला का विकास गुरुग्राम की तर्ज पर किया जा रहा है।

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