कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के पूर्व प्रो. केआर अनेजा की 15 वीं पुस्तक के छठे संस्करण का हुआ विमोचन

कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के पूर्व प्रो. केआर अनेजा की 15 वीं पुस्तक के छठे संस्करण का हुआ विमोचन।

हरियाणा संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
दूरभाष – 9416191877

संस्करण यूजी और पीजी के छात्रों सहित माइक्रोबायोलॉजी, बायोटेक्नोलॉजी के शोधकर्ताओं व शिक्षकों सहित अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्रों के लिए साबित होगा महत्वपूर्ण उपकरण।
भारतीय वानिकी अनुसंधान और शिक्षा परिषद, देहरादून में प्रख्यात बुद्धिजीवियों ने किया विमोचन।

कुरुक्षेत्र, 29 जनवरी : कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के माइक्रोबायोलॉजी विभाग के पूर्व प्रोफेसर डॉ. केआर अनेजा की 15 वीं पुस्तक के छठे संस्करण का भारतीय वानिकी अनुसंधान और शिक्षा परिषद, देहरादून के निदेशक अरूण सिंह रावत की अध्यक्षता में अन्य प्रख्यात बुद्धिजीवियों के द्वारा विमोचन किया गया। “माइक्रोबायोलॉजी, प्लांट पैथोलॉजी, टिशू कल्चर और माइक्रोबियल बायोटेक्नोलॉजी में प्रयोग“ शीर्षक पर आधारित पुस्तक का छठा संस्करण न केवल यूजी और पीजी बल्कि माइक्रोबायोलॉजी, बायोटेक्नोलॉजी के शोधकर्ताओं व शिक्षकों सहित कृषि, बागवानी, वानिकी, पर्यावरण विज्ञान, खाद्य और पोषण, वनस्पति विज्ञान, पादप रोग विज्ञान, फार्मेसी, बीटेक, एमटेक, नर्सिंग, छोटे और बड़े पैमाने पर डेयरी, पेय पदार्थ, खाद्य प्रसंस्करण, निदान और मशरूम उत्पादन इकाइयों से संबंधित उद्योगपतियों के लिए महत्वपूर्ण उपकरण साबित होगा।
प्रो. केआर अनेजा ने बताया कि यह पुस्तक बहुत ही सरल भाषा में लिखी गई है तथा यह संस्करण माइक्रोबायोलॉजी, बायोटेक्नोलॉजी तथा अन्य क्षेत्रों में करियर शुरू करने वालों के लिए तकनीक, उपकरण, सिद्धांत, सावधानियां तथा अपेक्षित परिणाम संबंधी ज्ञान प्रदान करता है। उन्होंने बताया कि इसमे प्रयोगशाला मैनुअल के 191 अभ्यासों का विवरण दिया गया जिसमें आनुवंशिकी, पादप रोग विज्ञान, पादप ऊतक संवर्धन और मशरूम उत्पादन तकनीक के अलावा जीवाणु, कवक, शैवाल, विषाणु के सभी पहलुओं को शामिल किया गया है। मैनुअल के अंत में सोलह परिशिष्ट सूक्ष्म जीवों (जैसे, कवक, बैक्टीरिया, शैवाल और प्रोटोजोआ) की संस्कृतियों को प्राप्त करने के लिए संदर्भ स्रोतों का वर्णन किया गया है।
इस अवसर पर भारतीय वानिकी अनुसंधान और शिक्षा परिषद, देहरादून के निदेशक अरूण सिंह रावत, डॉ. रत्नाकर जौहरी, डॉ. सुमित चक्रवर्ती, प्रो. आर.एन. खरवार, वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. मुरुगेसन, डॉ. अमित पांडे, प्रमुख वन संरक्षण प्रभाग, वैज्ञानिक डॉ. अजय ठाकुर, जावेद अशरफ सहित ऑनलाइन माध्यम से भी जुड़कर भारत के सात वन संस्थानों के वैज्ञानिकों ने प्रो. केआर अनेजा को पुस्तक के विमोचन के लिए बधाई एवं शुभकामना दी।
शिक्षण एवं शोध के क्षेत्र में 38 वर्षों का लम्बा अनुभव, अंतर्राष्ट्रीय व राष्ट्रीय पब्जिशर्ज 175 शोध पत्र,10 पुस्तकें कर चुके हैं प्रकाशित।
कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के माइक्रोबायोलॉजी विभाग के सेवानिवृत्त प्रोफेसर, अध्यक्ष डॉ. केआर अनेजा वर्तमान में आईसीएफआरई, देहरादून के पीईजी के विशेषज्ञ सदस्य हैं तथा वनस्पति विज्ञान और माइक्रोबायोलॉजी विभागों में उन्होंने 38 वर्षों का शिक्षण और शोध किया है। वह माइकोलॉजिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया, पंजाबी विश्वविद्यालय पटियाला में शिक्षक चयन के लिए चांसलर/गवर्नर के नामित हो चुके हैं। अभी हाल ही में उन्हें आईसीएआर-निदेशालय खरपतवार अनुसंधान, जबलपुर (2022-2025) के सदस्य अनुसंधान सलाहकार समिति के रूप में नामित किया गया है। प्रो. अनेजा द्वारा सूक्ष्म जीव विज्ञान (सामान्य, भोजन, कृषि, स्वास्थ्य देखभाल), कवक विज्ञान, जैव रसायन और जैव प्रौद्योगिकी से संबंधित विभिन्न क्षेत्रों में तीन अंतर्राष्ट्रीय व दो राष्ट्रीय प्रकाशकों द्वारा 175 शोध पत्रों/समीक्षाओं, 10 पुस्तके, 3 पुस्तकों का संपादन और 2 मैनुअल प्रकाशित किए जा चुके हैं।

Read Article

Share Post

VVNEWS वैशवारा

Leave a Reply

Please rate

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

उत्तराखंड: अंकिता भंडारी की माँ ने सीएम धामी को भेजा पत्र, एडवोकेट बदलने की मांग की,

Sun Jan 29 , 2023
सागर मलिक पौड़ी– पौड़ी में अंकिता भंडारी हत्याकांड पर अंकिता भंडारी की मां ने अब सीएम पुष्कर धामी को डीएम के माध्यम से पत्र भेजा है इस पत्र में अंकिता की मां ने डीजीसी जितेंद्र रावत के बजाय इस केश की पैरवी अन्य किसी भरोसेमंद क्रिमिनल ऑफेंस के वकील से […]

You May Like

Breaking News

advertisement