अंबेडकर सेवा सदन में रामस्वरूप वर्मा की 98 वीं जयंती समारोह का आयोजन
पूर्णिया से पवन भगत
पिछड़ा वर्ग मोर्चा के तत्वाधान में महान समाजवादी नेता, सामाजिक ,आर्थिक, राजनीतिक एवं सांस्कृतिक परिवर्तन के उत्तर भारत के नायक अर्जक संघ के संस्थापक महा मना रामस्वरूप वर्मा की 98वी जयंती समारोह का आयोजन अंबेडकर सेवा सदन में समाजसेवी विपिन बिहारी कुशवाहा के अध्यक्षता में किया गया। इस अवसर पर उपस्थित पिछड़े वर्गों के प्रबुद्ध सामाजिक एवं राजनीतिक प्रतिनिधियों ने रामस्वरूप वर्मा जी के चित्र पर पुष्प अर्पित कर उनके मानवतावादी विचारों के साथ-साथ उनके सामाजिक परिवर्तन एवं राजनीतिक हिस्सेदारी के लड़ाई पर अपने -अपने विचार रखे। इस अवसर पर ओबीसी की जाति आधारित जनगणना एवं मंडल रिपोर्ट के अन्य अनुशंसाओं का तीन दशक बीत जाने के बाद भी लागू नहीं होना विषय पर विशेष रूप से चर्चा किया गया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए बहुजन क्रांति मोर्चा के प्रमंडलीय प्रभारी प्रोफेसर आलोक कुमार ने कहा कि महा मना रामस्वरूप वर्मा जी उत्तर भारत में सामाजिक परिवर्तन एवं मानवतावादी सिद्धांत को आगे बढ़ाने के लिए बिहार लेलिन अमर शहीद जगदेव प्रसाद एवं उत्तर भारत के फेरियार ललई सिंह यादव के साथ मिलकर करोड़ों मेहनतकश पिछड़ों एवं दलितों में जागृति लाने के लिए अपना संपूर्ण जीवन समर्पित कर दिया। उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात के एक किसान परिवार में पैदा होकर डॉक्टर लोहिया के नेतृत्व में समाजवादी आंदोलन को मजबूत करने में अहम योगदान दिया। 6 बार विधानसभा में एवं एक बार यू०पी० के पूर्व मुख्यमंत्री चौधरी चरण सिंह के मंत्रिमंडल में वित्त मंत्री के पद पर रहकर आर्थिक परिवर्तन के लिए उनके बजट को सराहा पाखंडवाद, अवतारवाद, जन्म -मृत्यु जैसे अवसरों पर कर्मकांडओं के खिलाफ उन्होंने अर्जक संघ की स्थापना किया। साहित्यकार देवनारायण पासवान देव ने कहा रामस्वरूप वर्मा सामाजिक एवं राजनीतिक परिवर्तन हीं नहीं बल्कि सांस्कृतिक परिवर्तन के लिए कई रचनाओं को भी प्रकाशित किया। वर्मा जी ने डॉक्टर अंबेडकर के पुस्तक को उत्तर प्रदेश में शासन द्वारा लगाए गए रोक को हटाने के लिए ललई सिंह यादव के द्वारा इलाहाबाद हाई कोर्ट में याचिका दायर कर पुस्तक के प्रकाशन में शासन से सफलता दिलाई। अर्जक संघ के राष्ट्रीय महासचिव सियाराम महतो विस्तार पूर्वक उनके जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि अर्जक संघ आज भी रामस्वरूप वर्मा जी के विचारों को जन-जन तक पहुंचाने में अहम भूमिका अदा कर रहा है। पिछड़ा वर्ग मोर्चा के वरिष्ठ नेता समाजसेवी नीलू सिंह पटेल ने कहा कि रामस्वरूप वर्मा के जन्मदिन को क्रांति दिवस के रूप में हमें याद करना चाहिए, साथ ही उनके सपनों को साकार करने के लिए केंद्र एवं राज्य सरकारों से जनसंख्या के आधार पर हिस्सेदारी के लिए जाति जनगणना के अनिवार्यता के लिए समाज को संगठित होकर लड़ना चाहिए। अन्य प्रमुख वक्ता भारत मुक्ति मोर्चा के जिला अध्यक्ष उमेश प्रसाद यादव ,अमरनाथ सिंह, बम भोला साहनी, कटिहार के किसान नेता जय लाल सिंह कुशवाहा, रघुनंदन कांम्ती , छोटेलाल साह , राकेश कुमार, इंजीनियर सुरेश शर्मा, मुरली मनोहर यादव, हेमंत कुमार यादव अधिवक्ता, मानिक दास, माध्यमिक शिक्षक संघ के जिला सचिव रामशरण मेहता, प्रमंडलीय सचिव मोहम्मद शमीम, किसान सभा के अध्यक्ष मोहम्मद इस्लामुद्दीन, समाजसेवी मनोज ठाकुर, ब्रह्मदेव मंडल, चंदन सिंह पटेल, निरंजन कुशवाहा, संजीव कुमार सिंह, हरी लाल पासवान, ध्रुव नारायण साहनी, गोपाल ठाकुर, संतोष चंद्रवंशी, रंजीत दास, इंजीनियर सुरेश कुमार, विनोद ऋषि, प्रदीप पासवान, अनुसूचित जाति- जनजाति विचार मंच के अध्यक्ष हरी लाल पासवान, आदिवासी कल्याण परिषद के अध्यक्ष यमुना मुर्मू, आदि प्रमुख प्रतिनिधियों ने एकजुट होकर कार्यक्रम में रामस्वरूप वर्मा के जीवन पर प्रकाश डालते हुए ओबीसी की जाति आधारित जनगणना कराने, एवं मंडल आयोग की सिफारिश को पूर्णतः लागू करने की मांग उठाया। संगोष्ठी एवं जयंती समारोह का संचालन किसान सलाहकार संघ के जिला अध्यक्ष संजीव शुभम ने किया। अंबेडकर सेवा सदन के अध्यक्ष जिन्नत लाल राम ने धन्यवाद ज्ञापन किया।