चाय वाले वयोवृद्ध कवि की पुस्तक ‘जीवन है संग्राम’ लोकार्पित
अररिया। शहर में चाय वाले ‘गुड मॉर्निंग अंकल’ के नाम से प्रसिद्ध वयोवृद्ध कवि रामशरण मंडल की पहली कविता संग्रह की पुस्तक ‘जीवन है संग्राम’ का बुधवार को लोकार्पण किया गया।
स्थानीय पेंशनर भवन में आज आयोजित सादे लोकार्पण समारोह में शहर के साहित्यकारों और गणमान्य बुद्धिजीवियों के बीच कवि रामशरण मंडल की पुस्तक ‘जीवन है संग्राम’ का साहित्यकार रहबान अली राकेश, सुशील कुमार श्रीवास्तव, वरिष्ठ वकील मोहम्मद ताहा, कृषि वैज्ञानिक डॉक्टर के. पी. सिन्हा और लेखक व आम आदमी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता चंद्र भूषण ने संयुक्त रूप से लोकार्पित किया।
इस अवसर पर मंचासीन वक्ताओं ने कवि रामशरण मंडल के जीवन, साहित्य और उनके संघर्ष पर प्रकाश डाला कि किस प्रकार चाय बेचने के साथ ही साहित्य क्रम से भी जुड़े रहे। साहित्यकार रहबान अली राकेश ने उनकी क्रांतिकारी रचनाओं को चाय की तरह मीठी बताया।
साहित्यकार सुशील कुमार श्रीवास्तव ने ऐसे रचनाकारों की पुस्तकें प्रकाश में आने की घटना को ऐतिहासिक बताया। पुस्तक का प्रकाशन नई दिल्ली की संस्था समय प्रकाशन और यश प्रकाशन के संयुक्त प्रयासों से हुआ है। इस अवसर पर जो भी पुस्तकें लोगों ने क्रय कीं वह सारी धनराशि कवि को सौंप दी गई।
लोकार्पण समारोह का संचालन मो.सूफियान ने किया।
सरकारी पुस्तक खरीद पर भी उठे सवाल
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धन्यवाद ज्ञापन करते हुए लेखक, साहित्यकार और आम आदमी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता चंद्र भूषण ने सरकारी पुस्तक खरीद को लेकर जबरदस्त हमला बोला। उन्होंने कहा कि आज की सरकारी नीति के कारण रचनाकार या लेखक भूखे मरते हैं और चंद प्रकाशकों के साथ सांठगांठ कर सांसद- विधायक और अधिकारी लाखों के वारे न्यारे करते हैं।
उन्होंने सांसद, विधायक निधि से पुस्तक खरीद में घोटाले के साथ ही बिहार समग्र शिक्षा अभियान के तहत नीतीश सरकार द्वारा 32 करोड़ रुपए की पुस्तक एक ही प्रकाशक की तीन पारिवारिक फर्मों से खरीद का मामला भी उठाया। श्री भूषण ने कहा कि सरकार के पास प्रकाशकों से पुस्तकें खरीदने के लिए करोड़ों रुपए हैं लेकिन लेखकों और रचनाकारों को देने के लिए फूटी-कौड़ी भी नहीं है। यही कारण है कि धीरे-धीरे लेखन कर्म कम होता जा रहा है, जो समाज के लिए बेहद घातक है।
फोटो :
अररिया में बुधवार को कवि रामशरण मंडल की पुस्तक ‘जीवन है संग्राम’ के लोकार्पण समारोह में बाएं से चंद्र भूषण रहबान अली राकेश, मोहम्मद ताहा, रामशरण मंडल, डॉक्टर के.पी. सिन्हा और सुशील कुमार श्रीवास्तव