पूर्णिया की एक पत्नी और सहरसा की एक पति का मामला इस केंद्र में आया जिसमें पत्नी द्वारा आरोप लगाया गया उसके पति उसे प्रताड़ित करते हैं और दूसरी शादी भी कर लिया है इसलिए मैं उसके साथ किसी कीमत में नहीं रहूंगी मुझे भरण पोषण के लिए रुपया दिलवा दिया जाए केंद्र द्वारा कहा गया भरण पोषण लेना है तो इसके लिए न्यायालय जाइए लेकिन लड़का पक्ष ने कहा की ग्राम पंचायत मैं मुखिया इत्यादि की उपस्थिति में तय हुआ दो लाख 10,000 रुपैया छोड़ने के एवज में लड़का पक्ष लड़की को देगा वहीं लड़की की मां एवं दादा ने कहा कि या झूठ बोलता है दो लाख दस नहीं बल्कि 230000 रुपया में बातचीत तय हुआ था केंद्र ने जब पंचायती का कागजात मांगा तो दोनों पक्षों ने कागज प्रस्तुत नहीं किया केंद्र ने एक बार फिर कहा मामला न्यायालय से सुलझा ले तब दोनों पक्ष आपस में तय करके ढाई लाख रुपैया लड़का पक्ष के द्वारा लड़की पक्ष को देने की बात कही लड़की पक्ष भी राजी हो गई लड़का पक्ष के द्वारा एक चेक ढाई लाख रुपए का दिया गया जिसे 13 मई के बाद रुपैया ले लेने की बात कही गई लड़का पक्ष के द्वारा यह भी कहा गया इस बीच में अगर हमें रुपैया हो गया तो मैं नगद दे दूंगा तो मुझे चेक वापस मिल जाना चाहिए इस आशय का बांड पत्र बना दिया गया