रमजान शरीफ का पाक महीना आज से शुरू
अररिया
इस्लामिक कलेंडर के मुताबिक मुक़द्दश व पवित्र महीना माहे रमजान के रविवार से शुरू होने व पूरा रोजा रखने को लेकर अकीदतमंदों ने सभी तैयारी पूरी करली गयी है । वहीं मौलाना मुसव्विर आलम चतर्वेदी ने कहा कि रमजान एक अरबी शब्द है, जिसका मायने है झुलसा देने वाला । इस महीने का नाम रमजान इस लिए रखा गया कि मुल्क अरब में जब महीने का नाम रख रहे थे तो सख्त झुलसा देने वाली चिलचिलाती धूप व गर्मी थी, इसी दरमियान इस महीने का नाम रमजान रखा गया । लेकिन कुछ धर्म गुरु का कहना है कि इस महीने में अल्लाह तबारक व तआला अपनी खास रहमत व दया से रोजेदारों के गुनाहों को झुलसा देता है व अपने बंदों के माध्यम से किये गए गुनाहों को माफ कर देता है । इस लिए इस महीने को रमजान कहा जाता है । मौलाना ने कहा अल्लाह के प्यारे नबी व रसूल मोहम्मद साहब के समक्ष मुसलमानों का मक्का शहर त्याग कर मदीना शहर की तरफ जाने के दूसरे वर्ष ही रमजान के महीने का पूरा रोजा तमाम आठ वर्ष से ऊपर वाले आकिल व बालिग पुरुष व महिला मुसलमानों पर रोजा रखना फर्ज किया गया । मौलाना ने यह भी कहा कि यही वह महीना है, जिसमे सम्पूर्ण मानव जाति के कल्याण के लिए अंतिम पैगम्बर हजरत मोहम्मद साहब पर पवित्र व मुक़द्दश पुस्तक कुरआन उतारा गया था । इस महीने में एक रात ऐसी भी है जो हजार महीनों से बेहतर व अफजल है , उस रात को शबे कद्र कहते हैं । उन्होंने कहा कि इस पूरे माहे रमजान के महीने को तीन हिस्से में बांटा गया है । पहला एक से दस रोजा तक रहमत का हिस्सा कहलाता है व दस रोजा से बीस रोजा तक गुनाहों के मगफिरत के लिए है , बीस रोजा से तीस रोजा तक जहन्नुम की आग से छुटकारे की है । हजरत मोहम्मद साहब ( स ) ने फरमाया इस पाक महीने के दरमियान एक दूसरे के दुख दर्द में शामिल होने के साथ साथ एक दूसरे से हमदर्दी से पेश आने का महीना है । उन्होंने कहा कि यही वह महीना है जिसमे ईमान वालों की रोजी बढ़ा दी जाती है और रोजेदारों को इफ्तार कराने का बड़ा सवाब भी मिलता है । कुरआन व हदीश का हवाला देते हुए उन्होंने कहा इस पवित्र महीनों के दौरान किये गए नेकियों का बदला अल्लाह के तरफ से सत्तर गुना अधिक सवाब दिया जाता है । साथ साथ जहन्नुम की आग से उन्हें छुटकारा भी दिया जाता है । इस माह के दरमियान अल्लाह के तरफ से रहमतों की बारिश बरसाई जाती है । इस माह के दौरान अल्लाह के प्यारे नबी मोहम्मद साहब ने उपदेश दिया है कि जो आदमी इस महीने में अपने गुलामों व गरीब मजदूरों पर रहम करेगा, अल्लाह उसके गुनाहों को माफ कर, जहन्नुम की दहकती हुई आग से मुक्ति देगा । मुसलमान इस महीने की कद्र करें और हम सब को भी इबादत करने का ज्यादा से ज्यादा समय , इस महीने में लगाना चाहिए। इससे पूर्व शनिवार की शाम को ही जिले के तमाम मस्जिदों में इशा नमाज़ के बाद तरावीह नमाज़ का एहतमाम किया गया और लगभग सभी मस्जिदों में तरावीह की नमाज़ शुरू हो गई। वहीं शनिवार को दिन भर मुस्लिम समुदाय के लोग रमजान शरीफ के बाबत सामानों की खरीदारी भी करते देखे गए। आज से पहला रोजा भी शुरू हो गया है।