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नियमानुसार पूजन करने से होता है दुखों का निवारण।
कुरुक्षेत्र, 3 अप्रैल : जयराम संस्कृत महाविद्यालय के प्राचार्य प. रणबीर भारद्वाज के अनुसार नवरात्र पर प्रत्येक दिन मां भगवती के विभिन्न स्वरूपों के अनुसार पूजा करने से विशेष फल होता है। उन्होंने बताया कि नवरात्रों के अवसर पर प्रतिदिन नियमानुसार तथा विधि पूर्वक पूजन करना चाहिए। शुद्ध मन से और सात्विक तरीके से किये गए पूजन से प्रसन्न होकर मां भगवती जीवन के सभी कष्टों और दुखों को दूर कर देती है। प. रणबीर भारद्वाज ने बताया कि नवरात्रों में देवी माँ भगवती को प्रसन्न करने के लिए सच्चे मन से उनकी आराधना करने के साथ उन्हें कुछ खास चीजों का भोग लगाना शुभ फल देता है। उन्होंने बताया कि नवरात्र के दूसरे दिन माता ब्रह्मचारिणी स्वरूप का पूजन करते हैं। माता के मस्तक पर मुकुट शोभायमान है। पीली और लाल चुनरी में माता का रूप मनभावन है। प. रणबीर भारद्वाज ने बताया कि मां की नारियल, चुनरी, माला फूल आदि चढ़ा कर पूजा की जाती है। भगवती दुर्गा की नौ शक्तियों का दूसरा स्वरूप ब्रह्मचारिणी माता का है। ब्रह्मा का अर्थ है तपस्या। तप का आचरण करने वाली भगवती जिस कारण उन्हें ब्रह्मचारिणी कहा गया है। उन्होंने बताया कि वेदस्तत्वंतपो ब्रह्म, वेद, तत्व और ताप ब्रह्मा अर्थ है। ब्रह्मचारिणी देवी का स्वरूप पूर्ण ज्योतिर्मय एवं अत्यन्त भव्य है। इनके दाहिने हाथ में जप की माला एवं बायें हाथ में कमंडल रहता है। जो देवी के इस रूप की आराधना करता है उसे साक्षात परब्रह्म की प्राप्ति होती है। जयराम विद्यापीठ की वैष्णो देवी गुफा में बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं।