जिलाधिकारी ने राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस की सफलता को लेकर अधिकारियों के साथ की बैठक
-सुरक्षित मातृत्व अभियान को प्रभावी बनाकर प्रसव संबंधी जटिल मामले चिह्नित करने का निर्देश
अररिया
स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्रालय से प्राप्त दिशा निर्देश के आलोक में जिले में आगामी 22 अप्रैल को राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस कार्यक्रम का आयोजन किया जायेगा। इसमें 01 से 19 साल तक के जिले के शतप्रतिशत बच्चों को कृमि नाशक अल्बेंडोजोल दवा का सेवन कराया जाना है। कोरोना प्रोटोकोल को ध्यान में रखते हुए इसे लेकर विशेष अभियान का संचालन किया जाना है। बच्चों को कुपोषण सहित अन्य बीमारियों से निजात दिलाने के लिये संचालित इस अभियान की सफलता को लेकर जिलाधिकारी प्रशांत कुमार सीएच की अध्यक्षता जिला समन्वय समिति की बैठक आयोजित की गयी। वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिये आयोजित बैठक में सिविल सर्जन, जिला शिक्षा पदाधिकारी, जिला कल्याण पदाधिकारी, डीपीओ आईसीडीएस सहित सभी पीएचसी प्रभारी व सीडीपीओ सहित अन्य ने भाग लिया।
बैठक में जिलाधिकारी ने जिले में राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस के सफल आयोजन के साथ-साथ प्रधानमंत्री मातृत्व योजना के प्रभावी क्रियान्वयन को लेकर संबंधित अधिकारियों को कई जरूरी निर्देश दिये। जिलाधिकारी ने कहा कि बच्चों के समग्र स्वास्थ्य को बढ़ावा देने, पोषण की स्थिति में सुधार व उन्हें गुणवत्तापूर्ण जीवन उपलब्ध कराने के उद्देश्य से कार्यक्रम का सफल संचालन महत्वपूर्ण है। उन्होंने सरकारी व गैर सरकारी विद्यालय, आंगनबाड़ी केंद्र में नामांकित व अनामांकित 01 से 19 साल तक के बच्चों को चिह्नित करते हुए कृमि नाशक दवा का सेवन सुनिश्चित कराने का निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिया।
जिलाधिकारी ने कहा कि 22 अप्रैल को दवा सेवन से वंचित बच्चों को दवा खिलाने के लिये 26 अप्रैल को दोबारा अभियान संचालित कर दवा खिलायी जायेगी। कार्यक्रम में जिले के सभी निजी व सरकारी विद्यालय बढ़-चढ़ कर अपनी सहभागिता निभायेंगे। इसके लिये माइक्रोप्लान तैयार करने का निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिया गया। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य, शिक्षा, आईसीडीएस, जीविका सहित अन्य विभागों के परस्पर से सहयोग अभियान की सफलता के लिये जरूरी है। प्राइवेट विद्यालय के संचालकों के साथ इसे लेकर बैठक आयोजित करने का निर्देश दिया गया।
बैठक में जिलाधिकारी ने स्वास्थ्य अधिकारियों को प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व योजना की सफलता को लेकर कई जरूरी दिशा निर्देश दिये। उन्होंने आगामी 09 अप्रैल को इसे लेकर सभी एचडब्ल्यूसी, एचएसबी सहित अन्य जगहों पर विशेष आयोजन सुनिश्चित कराने का निर्देश दिया। उन्होंने शत प्रतिशत गर्भवती महिलाओं की एएनसी जांच सुनिश्चित कराते हुए इस क्रम में प्रसव की जटिल मामलों को चिह्नित करने का निर्देश स्वास्थ्य अधिकारियों को दिया। उन्होंने मातृत्व-शिशु मृत्यु दर के मामलों में कमी लाने के उद्देश्य से प्रसव पूर्व जांच को महत्वपूर्ण बताया।