हरियाणा संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
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कुरूक्षेत्र,9 अप्रैल : जय मां दुर्गा जय श्री महाकाल ट्रस्ट कुरूक्षेत्र द्वारा चैत्र नवरात्रों के उपलक्ष्य में करवाए जा रहे श्री दुर्गा शतचंडी पाठ महायज्ञ में शनिवार को मां दुर्गा के महागौरी स्वरूप की पूजा हुई।कार्यक्रम आयोजक राजेश मौदगिल,रमेश कौशिक,अंकुश गुप्ता,सतीश गुप्ता और भीम सिंह परिवार ने एवं यजमानों ने कालेश्वर महादेव मंदिर के समीप मां बाला सुंदरी त्रिपुरेश्वरी श्री दुर्गा देवी यज्ञशाला मंदिर में पूजन किया।कार्यक्रम में महंत गुप्तगिरी महाराज (उज्जैन) के सान्निध्य में यज्ञाचार्य पंडित भरत बिंजोला ने यजमानों से हवन में आहुतियां डलवाई। हवन के पश्चात कन्यापूजन और महिला श्रद्धालुओं द्वारा कीर्तन किया गया।मां दुर्गा के महागौरी स्वरूप की व्याख्या करते हुए महंत रूद्र पुरी महाराज ने कहा कि माँ दुर्गाजी की आठवीं शक्ति का नाम महागौरी है।दुर्गापूजा के आठवें दिन महागौरी की उपासना का विधान है। इनकी शक्ति अमोघ और सद्यः फलदायिनी है।इनकी उपासना से भक्तों को सभी कल्मष धुल जाते हैं, पूर्वसंचित पाप भी विनष्ट हो जाते हैं। भविष्य में पाप – संताप,दैन्य-दुःख उसके पास कभी नहीं जाते।वह सभी प्रकार से पवित्र और अक्षय पुण्यों का अधिकारी हो जाता है। इनका वर्ण पूर्णतः गौर है।इस गौरता की उपमा शंख,चंद्र और कुंद के फूल से दी गई है। इनकी आयु आठ वर्ष की मानी गई है। ‘अष्टवर्षा भवेद् गौरी। ‘ इनके समस्त वस्त्र एवं आभूषण आदि भी श्वेत हैं।महागौरी की चार भुजाएँ हैं। इनका वाहन वृषभ है। इनके ऊपर के दाहिने हाथ में अभय मुद्रा और नीचे वाले दाहिने हाथ में त्रिशूल है।ऊपरवाले बाएँ हाथ में डमरू और नीचे के बाएँ हाथ में वर-मुद्रा हैं। इनकी मुद्रा अत्यंत शांत है।माँ महागौरी का ध्यान, स्मरण, पूजन-आराधना भक्तों के लिए सर्वविध कल्याणकारी है।इनकी कृपा से अलौकिक सिद्धियों की प्राप्ति होती है।मन को अनन्य भाव से एकनिष्ठ कर मनुष्य को सदैव इनके ही पादारविन्दों का ध्यान करना चाहिए। महागौरी भक्तों का कष्ट अवश्य ही दूर करती हैं। इनकी उपासना से आर्तजनों के असंभव कार्य भी संभव हो जाते हैं। अतः इनके चरणों की शरण पाने के लिए हमें सर्वविध प्रयत्न करना चाहिए।कार्यक्रम में पण्डित कंवर पाल भुस्तला,राकेश मौदगिल, मोनू पंडित, गोपाल शर्मा, मेघराज शर्मा, कंवरपाल,सौरव पंडित,रमेश शर्मा बारवा, डॉ.भूपेंद्र शर्मा, राकेश कंसल, अनुराग कौशिक, आशुतोष, राहुल, मोहित, रमाकांत पाठक, पंकज तिवारी, लवकेश व्यास,शौर्य पंडित वृंदावन,अमित शुक्ला, गोपाल, रक्षित, हर्षित और राधेश्याम आदि शामिल रहे।