पंजाब के राज्यपाल द्वारा फिरोजपुर में राष्ट्रीय सुरक्षा को प्रभावित करने वाले सीमावर्ती जिले के महत्वपूर्ण मुद्दों की समीक्षा

राज्यपाल ने केन्द्र व राज्य की सुरक्षा एजंसियों को मिलकर कार्य करने का किया आह्वाहन

लोगों को सहयोग के लिए की अपील कहा, सीमा को सुरक्षित करने के लिए संयुक्त प्रयास और दृढ़ संकल्प अनिवार्य

फिरोजपुर 09 अप्रैल {कैलाश शर्मा जिला विशेष संवाददाता}:-

पंजाब के राज्यपाल श्री बनवारीलाल पुरोहित ने राष्ट्रीय सुरक्षा को प्रभावित करने वाले सीमावर्ती जिले फिरोजपुर से संबंधित महत्वपूर्ण मुद्दों का जायजा लेने के लिए आज फिरोजपुर में कई बैठकें कीं।
इस बैठक में बीएसएफ, इंटेलिजेंस ब्यूरो, नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो, नेशनल इन्वेस्टीगेशन एजेंसी, सेना के सैन्य खुफिया विभाग सहित केंद्र सरकार की विभिन्न एजेंसियों के वरिष्ठ अधिकारी और राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारी, मुख्य सचिव, डीजीपी, उपायुक्त, एसएसपी फिरोजपुर शामिल थे।
इन बैठकों में सीमावर्ती जिले से संबंधित राष्ट्रीय सुरक्षा को प्रभावित करने वाले प्रमुख मुद्दों को उठाया गया और सभी एजेंसियों के साथ विस्तृत चर्चा की गई।
इससे पहले राज्यपाल ने सरपंचों और जिले के अन्य प्रमुख नागरिकों के साथ एक बैठक को संबोधित किया जिसके बाद  एक प्रेस कॉन्फ्रेंस भी की।
राज्यपाल ने अपने संबोधन में लोगों से सीमा सुरक्षा बलों की ‘आंखें और कान’ बनकर पूर्ण सहयोग करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि पंजाब की सीमा पर ड्रोनों द्वारा हथियार और गोला-बारूद गिराने की पिछली घटनाओं के कारण सभी संबंधित पक्षों को सतर्क रहने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि सुरक्षा बल अपना काम कर रहे हैं लेकिन स्थानीय तौर पर उपलब्ध खुफिया जानकारी और सहायोग राज्य में हथियारों और नशीले पदार्थों की आमद को रोकने में काफी सहायक सिद्ध हो सकते हैं।
उन्होंने कहा कि यह देखने में आया है कि कई मामलों में हथियारों और गोला-बारूद की बड़ी मात्रा के साथ-साथ नशीले पदार्थों की खेप की तस्करी के लिए ‘छुपाओ और निपटाओ’ की विधि का प्रयोग किया जा रहा है, जिसमें सीमा पार से तस्कर ड्रोन जैसी उच्च तकनीक का उपयोग करके खेप को भारतीय क्षेत्र में गिराते हैं, जिसे बाद में उनके भारतीय सहयोगीयों द्वारा हासिल कर लिया जाता है। इसलिए, यह जरूरी है कि गांव में आने वाले सभी नए लोगों की पृष्ठभूमि के बारे में ग्रामीणों को पूर्ण जानकारी होनी चाहिए और राष्ट्र विरोधी ताकतों द्वारा उन लोगों के भोलेपन व मासूमीयत के दुरुपयोग के किसी भी प्रयास के प्रति सतर्क रहना चाहिए।

उन्होंने कहा कि सुरक्षा की अवधारणा में पिछले कुछ वर्षों में काफी विस्तार हुआ है। राज्य की क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता के लिए पारंपरिक खतरों के साथ-साथ, इसकी सुरक्षा को अब संगठित अपराध, अवैध प्रवास, हथियारों और नशीले पदार्थों की तस्करी आदि के रूप में गैर-पारंपरिक खतरे की भी आशंका बढ़ गई है। इनमें से छोटे हथियारों की तस्करी की बढ़ती संख्या और इनका दुरुपयोग एक बड़ा सुरक्षा खतरा है। उन्होंने कहा कि सीमावर्ती जिले अवैध हथियारों की तस्करी के इस खतरे की चपेट में हैं। इसलिए, यह अनिवार्य है कि राज्य और देश की रक्षा व सुरक्षा हेतु लोग सीमा सुरक्षा बलों और राज्य पुलिस का पूरे दिल से साथ दें और अपने क्षेत्र में किसी भी संदिग्ध गतिविधि या व्यक्ति की तुरंत सूचना दें। उन्होंने लोगों से क्षेत्र में नशीले पदार्थों की तस्करी को रोकने के लिए स्थानीय अधिकारियों का सहयोग करने की भी अपील की।
राज्य में नशीले पदार्थों की आमद किसी युद्ध से कम नहीं है; यह पंजाब की जनता पर एक जानलेवा हमला है। इसे एक आपराधिक गतिविधि के रूप में देखा या खारिज भी किया जा सकता है, लेकिन नशीले पदार्थों की खेप को भारतीय सीमा के अन्दर गिराना, गुप्त और अप्रतिबंधित युद्ध की एक व्यापक रणनीति है। नशीले पदार्थों के साथ-साथ जाली करंसी जैसे वित्तीय साधनों तथा हथियार और गोला-बारूद जैसी घातक सामग्रीयों में वर्तमान और भविष्य में नुकसान पहुंचाने की जबरदस्त क्षमता है। ये अलग-अलग नहीं, बल्कि एक विनाशक एकीकृत, नियोजित और निरंतर रणनीति का हिस्सा हैं।
राज्यपाल ने कहा कि सीमाओं के रास्ते देश में प्रवेश करने वाले नशीले पदार्थ शहरों, कस्बों, स्कूलों और कॉलेजों तक पहुंचते हैं। युवाओं को नशीले पदार्थों की आपूर्ति हमारी भावी पीढ़ी और हमारे भविष्य पर सीधा हमला है। हम इस खतरे को अपने राज्य के वर्तमान को बर्बाद या इसके भविष्य से खिलवाड़ करने की अनुमति कतई नहीं दे सकते। राज्यपाल ने जोर देकर कहा कि हमें एक दूसरे का साथ देने और हर तरह की घुसपैठ के खिलाफ अपनी सीमा को सील करने की जरूरत है। सीमावर्ती क्षेत्रों की सुरक्षा हर स्तर पर लोगों, राज्य सरकार की एजेंसियों और केंद्र सरकार की एजेंसियों के ठोस और निरंतर सहयोग से ही सुनिश्चित की जा सकती है।
श्री बनवारीलाल पुरोहित ने कहा कि “अवैध वस्तुओं व नशीले पदार्थों  की तस्करी को एक क्षण में ही रोकना संभव नहीं है; इसके लिए सतत प्रक्रिया अपनाना एकमात्र विकल्प है और इसके प्रति हम सभी को प्रतिबद्ध होने की आवश्यकता है।’’
राज्यपाल के अभिभाषण में इस बात पर भी जोर दिया गया कि केंद्र और राज्य की सभी एजेंसियों को एक साथ मिलकर काम करना चाहिए और नियमित रूप से गुप्त जानकारी व सूचनाओं का आदान-प्रदान करना चाहिए। उन्होंने कहा कि इसे जनता के समर्थन से पूरा करने की जरूरत है। साथ ही उन्होंने कहा कि ‘सीमा को सुरक्षित करने के लिए संयुक्त प्रयास और दृढ़ संकल्प’ निश्चित रूप से सफल साबित होंगे।
इस दौरान उन्होंने सुरक्षा बलों को भी प्रेरित किया और सीमाओं की रक्षा में उनकी प्रतिबद्धता और वीरता की सराहना की।

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