माहे रमजान के दरमियान किये गए नेकियों का बदला अल्लाह तआला सत्तर गुना अधिक देता है।
अररिया
पैगम्बर हजरत मोहम्मद साहब के मक्का से मदीना प्लायन के दूसरे वर्ष ही मुसलमानों पर माहे रमजा़न का रोजा़ रखने का आदेश हुआ । माहे रमजान नेकियों का दिन है। इस महीने के दरमियान तमाम अकीदतमंद रोजे रखने के साथ साथ पांचो वक्त की नमाज व विशेष तराबी की नमाज पाबंदी के साथ अदा करने में लगे रहते हैं । माहे रमजान को तीन असरे में बांटा गया है, एक रमजान से दस रमजान तक रहमत का असरा है । इस असरे के दरमियान अल्लाह तबारक व तआला अपने रोजेदार बंदों पर खास रहमतों की बारिश करता है और बंदों के द्वारा किये गए हर एक नेकियों का बदला अल्लाह तआला सत्तर गुना अता फरमाता है । इस महीने में एक ऐसी रात भी है जो हजा़र महीनों से बेहतर है। उस रात को अरबी में लैलतुल कद्र और फार्सी में “शबे कद्र” कहते हैं। यह जानकारी मौलाना मुसव्विर आलम नदवी ने कही। उन्होंने हदीस शरीफ का हवाला देते हुए कहा कि जिसने ईमान व यकीन और सवाब की उम्मीद के साथ शबे कद्र का (इबादत) कर लिया, उसके पिछले सभी गुनाह माफ हो जाते है । उन्होंने कहा इस पाक महीने के दौरान सभी के साथ प्यार मोहब्बत के साथ रहने और एक दूसरे के दु:ख दर्द को समझने की सीख देने वाला महीना है । उन्होंने सभी अकीदतमंदों से अपील करते हुए कहा अपने पड़ोसियों का खयाल रखें और गरीबों , लाचारों , यतीमों की मदद करने से अल्लाह तबारक व तआला बेहतर बदला देता है । इधर रमजान की सातवां रोजा संपन्न होते ही बाजार सजना शुरू हो गया है। बाजार स्थित सेवई , छवारा , किशमिश, नारियल, अतर, टोपी आदि सामग्रियों की दुकानें सज गयी है और अकीदतमंदों में रोजा इफ्तार को लेकर काफी चहल पहल बढ़ी हुई है । इधर बच्चियों में भी रोजा रखने को लेकर ललक व उत्साह भी बढ़ गई है। वहीं दूसरी ओर बाजारों में भी ईद की खरीदारी को लेकर सभी कपड़े दुकानों में भीड़ देखी जा रही है। अभी से ही कपड़े खरीदने में लोग मशगूल हो गए हैं।