रेणु जी के धरोहरों को सुरक्षित रखने का प्रयास करें प्रशासन: पुत्र
अररिया
कलम के सिपाही व स्वतंत्रता सेनानी विश्व पटल पर अपनी लेखनी के माध्यम से कोशी जनपद व पुरे बिहार का नाम रौशन करने वाले कालजयी कथाकार फणीश्वरनाथ रेणु के गाँव को आज भी विशेष पहचान नहीं मिल पाई है। उक्त बातें रेणु के छोटे पुत्र व सामाजिक कार्यकर्ता दक्षिणेश्वर प्रसाद राय पप्पू ने बताया की वे वर्षों से जिला प्रशासन व सरकार से रेणु गाँव को साहित्यिक पर्यटन केंद्र, का दर्जा दिलाने हेतु मांग करते आ रहे हैं। पप्पू ने कहा की यहाँ बड़े-बड़े राजनेताओं समेत सुबे के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी आ चुके है और उन्होंने यहाँ रेणु जी के याद में उनके धरोहरों को संरक्षित करने हेतु करोड़ों की लागत से रेणु स्मृति भवन का निर्माण भी कुछ वर्ष पहले करवाया है। लेकिन अभी तक न तो उसमें पुस्तकालय, म्यूजियम, को अभी तक शुरू किया गया है और न हीं उसके मेंटनेंस और देखभाल के लिए प्रशासन की ओर से कोई व्यवस्था की गई है। आगे पप्पू बताते हैं की वे वषोॅ से लाखों रुपए इसके देख रेख व साफ सफाई में लगा चुके हैं। उन्होंने बताया की यह भवन हाथी का सफेद दांत बनकर रह गया है। वहीं दुसरी ओर 4 जनवरी 2020 को इस भवन में भीषण चोरी हुई थी और चोरों ने लाखों रुपए के सामान चोरी कर लिया था जिसका उद्भेदन सिमराहा पुलिस आजतक नहीं कर पाई है। उक्त भवन में मोटर खराब है और भारी मात्रा में पानी में आयरन आता है जिसकी शिकायत वे जिलाधिकारी अररिया से कर चुके हैं। लेकिन आजतक जिलाधिकारी ने इन बातों पर गंभीर होकर कोई संज्ञान नही लिया है जो की काफी चिंता का विषय है। रेणु गाँव को आदर्श ग्राम बनाने हेतु भी वे अनेक बार प्रशासन व सरकार से कर चुके हैं। लेकिन अबतक इस पर कोई सुनवाई नहीं हो सकी है। रेणु के जीवनकाल से अबतक उनके साथ भेदभाव किया जाना अनेक प्रश्न मानस पटल पर छोड जाता है।