जांजगीर चांपा, 13 अप्रैल, 2022/ “व्यक्तिगत परिचय से मिलजुल कर कार्य करने वाला सामूहिक परिचय अधिक बेहतर होता है। हमें मिलजुल कर देश को बेहतर बनाने के लिए कार्य करना चाहिेए। उस सामूहिक कार्य से हुए परिचय सबसे बेहतर होता है उपरोक्त कथन राजीव खोब्रागड़े ने युवाओं को मार्गदर्शन करते हुए कहा। “विदेशों में शिक्षा छात्रवृत्ति एवं रोजगार के अवसर: चुनौतियां एवं संभावनाएं” शीर्षक पर 10 अप्रैल को आयोजित वेबीनार में मुख्य वक्ता के रूप में कही। उन्होंने बताया कि विदेशों में उच्च शिक्षा के बेहतर अवसर उपलब्ध है। युवाओं को इसे पहचान कर सही समय पर तैयारी करते हुए विदेशों में शिक्षा एवं छात्रवृत्ति के लिए आवेदन करना चाहिए।
इस वेबीनार में ग्लासगो विश्वविद्यालय स्काट लैंड के पी.एच.डी. स्कॉलर रक्षिता धर एवं अनिकेत धोगड़े ने युवाओं को मार्गदर्शन करते हुए कहा कि उन्हें विदेशों में उच्च शिक्षा क्यों प्राप्त करना है? प्रवेश कैसे और कब मिलेगा उसकी जानकारी रखनी होगी तब वे आसानी से विदेशों में शिक्षा, छात्रवृत्ति एवं रोजगार के अवसर एवं चुनौती के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकेंगे।
न्यूयॉर्क विश्वविद्यालय अमेरिका में मैकेनिकल इंजीनियरिंग में मास्टर आफ सांइस की डिग्री ले रहे निनाद गायकवाड़ ने बताया कि विदेशों में उच्च शिक्षा में भारत के छात्रों के लिए अनेकों अवसर उपलब्ध हैं। भारतीय छात्र विश्व के बेहतरीन विश्वविद्यालयों में शिक्षा प्राप्त कर विश्व स्तरीय सोच के अनुरूप नए कार्यों को करने के लिए प्रेरित होते हैं। मेलबर्न विश्वविद्यालय ऑस्ट्रेलिया में फूड एंड इनोवेशन पैकेजिंग में मास्टर डिग्री कर रहे चक्षुपाल वानखेड़े ने ऑस्ट्रेलिया में उच्च शिक्षा की स्थिति के बारे में बताते हुए कहा कि वैश्विक संस्थानों से अध्ययन करने पर रोजगार की अनेकों अवसर एवं संभावनाओं का पता चलता है जिसके अनुसार वे विदेशों में और अपने देश में आकर स्टार्टअप की शुरुआत कर सकते हैं।
सूर्यांश शिक्षा उत्थान समिति द्वारा आयोजित इस वेबीनार श्रृंखला का संचालन ताराचंद रत्नाकर ने किया। वेबीनार के सभी वक्ताओं के प्रति आभार सत्यम भवानी ने प्रकट किया। प्रश्नोत्तरी का संचालन प्रो. गोवर्धन सूर्यवंशी ने किया। प्रश्नोत्तरी सत्र में युवाओं के जिज्ञासाओं का समाधान करते हुए राजीव खोब्रागड़े ने कहा कि न केवल इंजीनियरिंग, मेडिकल एवं मैनेजमेंट बल्कि आर्ट्स, कॉमर्स एवं अन्य सभी क्षेत्रों में भी विदेशों में उच्च शिक्षा के बेहतर अवसर उपलब्ध है। भारत सरकार के सामाजिक अधिकारिता एवं न्याय विभाग द्वारा प्रत्येक वर्ष 100 छात्र छात्राओं को छात्रवृत्ति प्रदान कर उच्च शिक्षा के लिए विदेश भेजने का प्रावधान है। इसके अलावा राज्य सरकारों के द्वारा भी युवाओं को विदेशों में उच्च शिक्षा के लिए सहायता उपलब्ध कराया जाता है। अलग-अलग देशों में अध्ययनरत छात्र छात्राओं के सहायता के लिए स्वयंसेवी संस्था “प्लेटफार्म” बेहतरीन कार्य कर रही है। इस संस्थान के विदेशों में अध्यनरत छात्र छात्राओं ने उक्रेन एवं रूसी युद्ध में फंसे हुए छात्र छात्राओं के लिए मदद का हाथ बढ़ाया है। इस तरह विदेशों में अध्ययनरत छात्र-छात्राएं भावी पीढ़ी के लिए एक बेहतर उदाहरण बन रहे हैं।
उक्ताशय की जानकारी देते हुए प्रो. गोवर्धन सूर्यवंशी ने बताया कि विदेशों में शिक्षा छात्रवृत्ति एवं रोजगार के अवसर: चुनौतियां एवं संभावनाएं विषय पर वक्ताओं के द्वारा बहुत ही महत्वपूर्ण जानकारी उपलब्ध कराया गया जिससे वर्तमान समय में विदेशों में शिक्षा के लिए प्रयासरत छात्र-छात्राओं एवं माता पिता को विशेष सहायता मिलेगा।