“आवाज की बादशाहत में आगे जाने की हो तो उज्जयी प्रणायाम करे”
समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित पर्यवेक्षण गृह पूर्णिया में शाम की पाठशाला द्वारा चल रहे नाट्य संगीत कार्यशाला के प्रथम सत्र में भारत स्वभिमान योग जिला सह प्रभारी मुख्य योग शिक्षक सह अकाशवाणी पूर्णिया में बतौर टेक्निकल इंजीनियर रमेश कुमार द्वारा बच्चो को योग प्रशिक्षण दिया गया जिसमें प्रणायाम, योग आसन,योगिंग जोगिग आदि बच्चो से करवाते हुए बीमारियों से बचने के उपाय की जानकारी दिये साथ ही गीत संगीत नाटक में आवाज के महत्व को बताते हुए नियमित रूप से उज्जयी प्रणायाम करने की सलाह दी गयी। और कहाँ गया कि आवाज की बादशाहत में आगे जाने की हो तो उज्जयी प्रणायाम जरूर करें।
योग कक्षा को किशोर न्यायालय की सदस्या किरण कुमारी एवं जिनन्त रहमान ने सम्बोधित करते हुए सभी बच्चो को योग से होने वाले मानसिक शारीरिक फायदे को बताते हुये बच्चो को नियमित समय पर नाट्य संगीत कार्यशाला के योग कक्षा में भाग लेने को कही, और सभी बच्चो को आने वाले समय मे सर्टिफिकेट कोर्स से सम्बंधित बात की जानकारी देते हुए कही की अगर आप योग शिक्षक बन जाते हैं ,तो यहाँ से बाहर जाते जाते अपना योग कक्षा बना कर लोगो को सीखा सकते हैं,
ई0 शशि रंजन कुमार के कार्यो की सराहना करते हुए अन्य संस्थानों में भी कार्यशाला करवाने की बात कहते हुए विचार विमर्श किया गया।
शाम की पाठशाला के संथापक ई0 शशि रंजन कुमार ने बताया कि बच्चो के बीच नाट्य संगीत प्रशिक्षण चल रही हैं, जिसमे योग का अपना महत्व हैं, जिससे बच्चो को काफी फायदा होगा। कार्यशाला में कला संस्कृति से जुड़े तमाम विशेषज्ञ को आमंत्रित कर रहे हैं जो अपने अपने क्षेत्र में उत्कृष्ट हैं, और निशुल्क सेवा भाव से अपना बहुमूल्य समय दें रहे हैं। कार्यशाला से जुड़े बच्चो पर सकरात्मक प्रभाव देखने को मिल रहा हैं।