हरियाणा संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
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कुरुक्षेत्र : अंबेडकर जयंती पर आयुष विवि के श्रीकृष्णा आयुर्वेदिक महाविद्यालय एवं अस्पताल द्वार शास्त्री नगर, वाल्मीकि धर्मशाला में आयुर्वेद चिकित्सा शिविर का आयोजन किया गया। कैंप का शुभारंभ बाबा साहेब अंबेडकर एवं भगवान धन्वंतरि की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर किया गया। शिविर में 250 से अधिक नागरिकों के स्वास्थ्य की जांच की गई। इसके साथ ही निःशुल्क आयुर्वेदिक दवाईयों का वितरण किया गया।
श्रीकृष्णा आयुर्वेदिक महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. देवेंद्र खुराना ने बताया कि शिविर का आयोजन राष्ट्रीय आयुर्वेद मिशन के सौजन्य से डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती पर किया गया है। इस तरह के आयोजन संस्थान द्वारा समय-समय पर किये जाते हैं। ताकि सामान्य नागरिक भी अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूक हो। डॉ. भीम राव अंबेडकर ने गरीब व पिछड़े तबके को शिक्षित और जागरूक करने के लिए उम्र भर काम किया। ताकि समाज से जातिगत भेदभाव की खाई को खत्म किया जा सके। इसलिए इस दिन को भारत में समानता व ज्ञान दिवस के रूप में मनाया जाता है। वर्तमान में शिक्षा और स्वास्थ्य दोनों जरूरी हैं। जिस तरह बाबा साहब ने शिक्षित बनो का नारा दिया था। हमारे संस्थान का उद्देश्य नागरिकों को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करना है। वाल्मीकि धर्मशाला एवं माता मदानन कमेटी के प्रधान दीपक गिल ने कहा कि पूरे देश में धूमधाम से बाबा साहेब अंबेडकर की 131वीं जयंती मनाई जा रही है। उसी के उपलक्ष्य में स्वास्थ्य जांच शिविर लगाया गया। जिसमें वाल्मीकि बस्ती के साथ-साथ शहर के लोग ने भी स्वास्थ्य की जांच कराई । उन्होंने कहा कि बाबा साहेब अंबेडकर सुख-सुविधाओं के अभाव में पले-बढ़े। जब देश में जातिगत भेदभाव की खाई काफी चौड़ी थी। बावजूद उन्होंने हार नहीं मानी। देश के कानून मंत्री बनने के साथ-साथ, विश्व के सबसे बड़े लिखित संविधान की रचना की। बाबा साहेब ने इसे भारत की कल्पना की जहां सभी नागरिकों को कानून के तहत समान माना जाए। उनका यह सपना तभी पूरा होगा जब समाज शिक्षित और मानसिक रूप से स्वस्थ होगा। इस अवसर पर डॉ. राजेंद्र चौधरी, डॉ. सुरेंद्र सिंह, डॉ. सचिन शर्मा, डॉ. नेहा लांबा, डॉ. दीपक, डॉ.अक्षय गर्ग, डॉ. प्रमोद, पवन कुमार, अलका, सुजाता, कल्पना, हरप्रीत कौर, प्रवीण और वाल्मीकि धर्मशाला कमेटी के सभी सदस्य मौजूद रहे।