हरियाणा संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
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पिहोवा अरुणाय : शिवशक्ति पीठ आश्रम अरुणाय के स्वामी वेद पुरी जी महाराज ने आज सत्संग में ज्ञान पर चर्चा करते हुए बताया की ज्ञान का उद्देश्य मात्र धन कमाना ही नहीं है अपितु धर्म कराना भी है। ज्ञान का उद्देश्य ज्यादा कमाना नहीं अपितु जरूरत का कमाना है।
स्वामी जी ने बताया की ज्ञान का उद्देश्य केवल धन कहाँ से व कैसे आए ही नहीं है अपितु धन को कहाँ और कैसे खर्च करना भी है। ज्ञान संपत्ति का अर्जन ही नहीं सिखाता अपितु आवश्यकता पड़ने पर उसका विसर्जन भी सिखाता है।
ज्ञान घर में कैसे रहे ? इतना ही नहीं अपितु बाहर कैसे रहे यह भी सिखाता है। ज्ञान का अर्थ मौन नहीं अपितु सबसे मधुर व्यवहार करना है। ज्ञान केवल इसलिए नहीं है कि आपकी कृति सुन्दर हो अपितु इसलिए भी है कि आपके कृत्य सुन्दर हों।
स्वामी जी ने बताया की ज्ञान अच्छा विचारक नहीं अच्छा सुधारक बनाता है। अत: ज्ञान का सम्पूर्ण उद्देश्य एक सच्चे और अच्छे मानव का निर्माण ही है। जो ज्ञान स्वस्थ मानव का निर्माण नहीं कर सकता फिर वह रुग्ण और त्याज्य है।
चर्चा करते हुए स्वामी वेद पुरी जी महाराज
शिवशक्ति पीठ आश्रम अरुणाय।