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सत्य साई सेवा केंद्र, कुरुक्षेत्र द्वारा श्रीमद् भागवत कथा आयोजन का पांचवा दिन।
कुरुक्षेत्र,20 अप्रैल : सेक्टर 7 के श्री सत्य साई सेवा केंद्र में चल रही श्रीमद् भागवत कथा में कथावाचक संत ऋतुराज महाराज (इंदौर) ने भगवान श्रीकृष्ण जन्म प्रसंग विस्तार से सुनाया।कृष्ण जन्म की कथा सुनाते हुए कथावाचक ने कहा कि भाद्रपद कृष्ण अष्टमी तिथि की घनघोर अंधेरी आधी रात को रोहिणी नक्षत्र में मथुरा के कारागार में वसुदेव की पत्नी देवकी के गर्भ से भगवान श्रीकृष्ण ने जन्म लिया था। द्वापर युग में भोजवंशी राजा उग्रसेन मथुरा में राज्य करते थे।उनके आततायी पुत्र कंस ने उग्रसेन को गद्दी से उतार दिया और स्वयं मथुरा का राजा बन बैठा। कंस की एक बहन देवकी थी, जिसका विवाह यदुवंशी वसुदेव से हुआ था।जब कंस अपनी बहन देवकी को उसकी ससुराल पहुंचाने जा रहा था तो रास्ते में आकाशवाणी हुई – ‘हे कंस, जिस देवकी को तू बड़े प्रेम से ले जा रहा है, उसी में तेरा काल बसता है। इसी के गर्भ से उत्पन्न आठवां बालक तेरा वध करेगा। यह सुनकर कंस वसुदेव को मारने के लिए उद्यत हुआ।तब देवकी ने उससे विनयपूर्वक कहा- ‘मेरे गर्भ से जो संतान होगी, उसे मैं तुम्हारे सामने ला दूंगी। कंस ने देवकी की बात मान ली और मथुरा वापस चला आया। उसने वसुदेव और देवकी को कारागृह में डाल दिया। वसुदेव – देवकी के एक-एक करके सात बच्चे हुए और सातों को जन्म लेते ही कंस ने मार डाला।श्री कृष्ण जन्म से कारागार में कड़े पहरे बैठा दिए गए।जिस समय वसुदेव-देवकी को पुत्र पैदा हुआ, उसी समय संयोग से यशोदा के गर्भ से एक कन्या का जन्म हुआ, जो और कुछ नहीं सिर्फ ‘माया’ थी।जिस कोठरी में देवकी-वसुदेव कैद थे, उसमें अचानक प्रकाश हुआ और उनके सामने शंख, चक्र, गदा, पद्म धारण किए चतुर्भुज भगवान प्रकट हुए। दोनों भगवान के चरणों में गिर पड़े।उसी समय वसुदेव नवजात शिशु-रूप श्रीकृष्ण को एक टोकरे में रखकर कारागृह से निकल पड़े और अथाह यमुना को पार कर नंदजी के घर पहुंचे। वहां उन्होंने नवजात शिशु को यशोदा के साथ सुला दिया और कन्या को लेकर मथुरा आ गए।कारागृह के फाटक पूर्ववत बंद हो गए।अब कंस को सूचना मिली कि वसुदेव-देवकी को पुत्र पैदा हुआ है।उसने बंदीगृह में जाकर देवकी के हाथ से नवजात कन्या को छीनकर पृथ्वी पर पटक देना चाहा, परंतु वह कन्या आकाश में उड़ गई और वहां से कहा- ‘अरे मूर्ख, मुझे मारने से क्या होगा ? तुझे मारनेवाला तो वृंदावन में जा पहुंचा है।वह तुझे तेरे पापों का दंड देगा। कथा के दौरान वसुदेव-शिशु कृष्ण की झांकी दिखाई गई।भागवत आरती में प्रांतीय अध्यक्ष डॉ रामभज खरब, प्रांतीय संयोजक प्रीतम तंवर,कुरुक्षेत्र जिला प्रधान रविन्द्र सिंगला,समिति संयोजक नरेंद्र कुमार शर्मा,सचिव रमेश शर्मा,कोषाध्यक्ष वाई.पी.शर्मा,डी.आर.गुप्ता,प्रवीण टुटेजा,आन्नंद शर्मा व निखिल आन्नद सहित सभी ट्रस्ट मेंबर शामिल रहे।