भारत में पैकेजिंग उद्योग पसार रहा है पैर : प्रो. अनायत।
हरियाणा संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
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कुवि के जनसंचार एवं मीडिया प्रौद्योगिकी संस्थान में तीन दिवसीय कार्यशाला का समापन समारोह आयोजित।
कुरुक्षेत्र, 19 फरवरी:- दीनबंधु छोटूराम विश्वविद्यालय, मुरथल के कुलपति प्रोफेसर राजेन्द्र कुमार अनायत ने कहा है कि अब समय आ चुका है कि भारत पैकेंजिंग उद्योग में पूरे विश्व का नेतृत्व करेगा। उद्योग का जापान और चीन से विश्वास उठने के बाद भारत एकमात्र औद्योगिक देश बनकर उभरेगा। वे शुक्रवार को कुवि के जनसंचार एवं मीडिया प्रौद्योगिकी संस्थान में तीन दिवसीय कार्यशाला के समापन समारोह में बतौर मुख्यातिथि बोल रहे थे।
उन्हांने कहा कि प्रिंटिंग व पैकेजिंग उद्योग भारत में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग की संभावनाएं ढूंढने में लगा हुआ है। उन्होंने विद्यार्थियों को बताया कि नई शिक्षा नीति के बारे में बताते हुए कहा कि विद्यार्थियों को केवल एक विषय में पारंगत व निर्भर न रहकर सभी विषयों की जानकारी होना आवश्यक है। ज्यादा से ज्यादा विषयों में सक्षम होने की जरूरत है। बदलते तकनीक को समझना और अपनाना अनिवार्य हो चुका है।
उन्होंने विद्यार्थियों को अपने जीवन के अनुभवों को सांझा किया व बताया कि उन्होंने संघर्ष से ही यह मुकाम हासिल किया है। मेहनत से सब कुछ हासिल किया जा सकता है। कठिन परिश्रम से मुश्किल कार्य भी आसान हो जाता है। प्रो. अनायत ने विद्यार्थियों को प्रिंटिंग व पैकेजिंग की तकनीकी जानकारियों के बारे में कभी भी हर संभव सहायता का आश्वासन दिया।
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता बकार्डी पैकेजिंग गुरूग्राम के कंट्रोलिंग पैकेजिंग आफिसर संदीप कश्यप ने कहा कि ग्लास पैकेजिंग उसको रिसाईकल बहुत आसान है। प्लास्टिक का वातावरण पर प्रभाव को देखते हुए ग्लास पैकेजिंग ही प्लास्टिक के दुष्प्रभावों से बचने का एक अन्य सुरक्षित माध्यम है।
दूसरे मुख्य वक्ता हार्पर कालिन्स पब्लिशर, नोएडा के जनरल मैनेजर प्रोडक्शन अमित शर्मा ने विद्यार्थियों को ई-पब्लिशिंग के तकनीकी गुर सिखाए व उन्होंने बताया कि ई-पब्लिशिंग के प्रचलन से प्रिंट मीडिया प्रोडक्शन पर कोई असर नहीं पड़ रहा।
संस्थान की निदेशिका प्रो. बिन्दु शर्मा ने मुख्य अतिथि व मुख्य वक्ताओं का अभिनंदन किया व कहा कि समय-समय पर विद्यार्थियों के ऐसे तकनीकी कार्यक्रमों का संस्थान में आयोजन किया जाएगा जिससे विद्यार्थियों में कौशल विकास हो सके। कार्यक्रम के संयोजक डॉ. अशोक कुमार ने तीन दिवसीय कार्यक्रम की रिपोर्ट को प्रस्तुत किया। मंच का संचालन कंवरदीप शर्मा ने किया। सचिन वर्मा ने धन्यवाद प्रस्ताव दिया। इस मौके पर संस्थान के प्राध्यापक डॉ. रोशन, डॉ. तपेश किरण, रोमा, अमित जांगडा, राकेश, कंचन आदि मौजूद थे।