हरियाणा संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
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पंचकूला : कच्चा समझ कर बेच ना देना कभी ये मकान , शायद कभी ये सर को छुपाने के काम आये यह शब्द केन्द्रीय मंत्री व गायक पद्मश्री हंस राज हंस ने अदाकारा व अंतरराष्ट्रीय मानव अधिकार ऑब्जर्वर्स की इंटरनेशनल ब्रेंडम्बेस्डर रितु के साथ विशेष मुलाकात कर आवाम को जागृत करते हुए कही।
उन्होंने कहा मानवता सर्वोप्रिय धर्म है। उन्होंने देश और दुनिया के हर कोने में भृमण किया है। अपने स्टेज शो के दौरान आवाम ने जो उन्हें अपनी महोब्बत से नवाजा है वो उसके हमेशा ऋणी रहेंगे। इंसान बुरा नही होता हालात और वक्त उसे बुरा बनाते है । मगर खुदा की इबादत उस वक्त इंसान का साथ दे सम्भाल लेती है ।
उन्होंने कहा जिस प्रकार से दुनिया मे धर्म , जातपात ओर मजहब को लेकर जो एकता व आपसी भाईचारे को तोड़ने की साजिश चल रही है वो मानवता के नाम पर बहुत बड़ा धब्बा है । युवा वर्ग अपनी संस्कृति , संस्कारो को छोड़ नशे की ओर भाग रहा है यह देश के उज्ज्वल भविष्य पर खतरा है क्यूंकि आज का युवा कल के देश क़ा भविष्य है । अगर देश का युवा ही बिखर गया तो देश कोंन सम्भालेगा ।
सियासत ओर संगीत मंच के वो दो सिपाही हैं जोकि आवाम के प्रेम बिना अधूरे हैं । सियासत मे आवाम के दर्द को अपना दर्द समझ सियासतदार दिन रात मेहनत कर उनके दर्द को कम करता है । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जमीनी स्तर पर जुड़ी हुई वो शख्शियत है जो देश के सरहद पर खड़े हर जवान व झोंपड़ी में रह रहे हर इंसान के बीच जाकर उनके दर्द को बांट सेवा कर रहे हैं । लेकिन देश में आवाम के बीच बसी कुछ देशद्रोही ताकते उनके देश व आवाम के बीच बने प्यार व एकता को तोड़ने में हर सम्भव प्रयास करती रहती हैं ।
पद्मश्री हंस राज हंस ने कहा कि उनका सौभाग्य है कि वे भारत देश के उस राज्य पँजाब से हैं जोकि पीरों , फकीरों व शहीदों की धरती से सम्बन्ध रखती है । उन्होने संगीत की दुनिया मे उभरते कलाकारों को अपना आशीर्वाद देते हुए कहा कि संगीत की पवित्रता को बनाये रखने के लिये रियाज बहुत जरूरी है । कलाकार को चाहिये कि वो अपनी प्रतिभा को उजागर करने में इतनी मेहनत करे जो श्रोताओं को मदमस्त कर दे।