आजमगढ़। पूर्व सांसद बलिहारी बाबू की प्रथम पुण्यतिथि गुरूवार को हरबंशपुर स्थित उनके आवास पर मनाई। इस अवसर पर वाराणसी सारनाथ से पधारे भिक्खु चन्द्रिमा के अतिरिक्त भिक्खु प्रज्ञाशील, विनयशील, धम्म रतन, भन्ते सदानन्द भन्ते महाकश्यप ने धम्मदेशना दिया तथा उनके चित्र पर पुष्प अर्पित कर परित्राण पाठ किया। उनके पुत्र सुशील कुमार आनन्द ने संचालन किया।
भन्ते चन्द्रिमा जी ने धम्मदेशना में कहाकि भगवान बुद्ध का उपदेश आज भी प्रासंगिक है। बुद्ध के विचारों को अपने जीवन में उतारकर अपना तथा समाज देश का कल्याण किया जा सकता है। स्मृति शेष पूर्व सांसद बलिहारी बाबू ने बौद्ध धम्म के प्रचार प्रसार में अपना बहुमूल्य समय देकर समाज में भाईचारा, समता, स्वतन्त्रता बन्धुत्व स्थापित करने के लिए अपना पूरा जीवन लगा दिया। उन्होने बौद्ध धम्म की स्थापना के लिए आजमगढ़ में त्रिसरण बुद्ध बिहार हरबंशपुर आजमगढ़ स्थापित करके जनपद में बौद्ध विचारधारा को आगे बढ़ाने का काम किया।
परित्राण पाठ में मुख्य रूप से भिक्खु संघ कुशीनगर, त्रिसरण बुद्ध बिहार हरबंशपुर, बुद्ध बिहार गोठांव सरायमीर, पंचशील बुद्ध बिहार तहबरपुर की समितियों के अलावा विधायक संग्राम यादव, विधायक दुर्गा प्रसाद यादव, पूर्व सांसद नन्द किशोर यादव, कमलाकान्त राजभर, विधायक रमाकांत यादव, विधायक अखिलेश यादव, सीता देवी(पत्नी स्व० बलिहारी बाबू ), शुभम आनन्द, पंचम बाबू, अनन्तशील कौशाम्बी, अशोक कुमार गौतम, इंजी सहदेव प्रधान, राजेन्द्र, ज्वाला, चन्द्रदीप, जगधारी बौद्ध, जीएस प्रियदर्शी, दूधनाथ मधुकर, रामपति, ध्रुव सिंह यादव, शिवबचन, राजेन्द्र, सिंगारी गौतम, पूर्व मंत्री विद्या चौधरी, लालचन्द, पीआर गौतम आदि मौजूद रहे।