हरियाणा संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
दूरभाष – 9416191877
कुरुक्षेत्र,1 मई : अमीन रोड स्थित पटियाला बैंक कॉलोनी के मनोकामना सिद्ध शिव मंदिर में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा में कथावाचक आचार्य रमेश उनियाल ने श्रीकृष्ण-रुकमणी विवाह प्रसंग विस्तार से सुनाया।मुख्य यजमान मंदिर के पुजारी उमेश पाठक, बृजेंद्रनाथ शर्मा,यशपाल गर्ग,विशेष गर्ग,देवेंद्र सिंगला,कृष्ण गोपाल,भूषण गर्ग और सुनील सिंगला ने भागवत पूजन करके कथावाचक को तिलक लगाया।प्रवचनों में कथावाचक ने कहा कि धर्म पुराणों में 8 प्रकार के विवाहों का उल्लेख मिलता हैँ,जिनमें ब्राह्म विवाह सर्वश्रेष्ठ है।ब्राह्म विवाह द्वारा जो संतान उत्पन्न होती है,वही संतान पितरों को गति प्रदान करने वाली होती है।उन्होंने विशेषतौर से बताया कि जो लडक़ा-लडक़ी अपने माता पिता की इच्छा के विरुद्ध मनमाना विवाह करते है,वह उनके पितरों को अधोगति प्रदान करता है और संतान में भी वर्ण संकर आता है।यह विवाह राक्षस विवाह कहलाता है।इसलिए माता-पिता की इच्छा से गुरुजन, ब्राह्मण एवं अग्नि को साक्षी मानकर विवाह करना चाहिए।यही ब्राह्म विवाह कहलाता है। इससे समाज में भी वर-वधू का सम्मान बढ़ता है और यही भारतीय परंपरा है। भगवान श्रीकृष्ण ने भी अग्नि परिक्रमा करके सभी बंधु-बांधुओं के समक्ष ब्राह्म विवाह किया।इस मौके पर श्री कृष्ण रुकमणी की आकर्षक झांकी दिखाई गई।गायक नायब सिंह द्वारा सुनाए गए भजन आओ मेरी सखियों मुझे मेंहदी लगा दो,मुझे श्याम सुंदर की दुल्हन बना दो और दूल्हा बने हैं नंदलाल की जोड़ी का जवाब नहीं…पर श्रद्धालु झूम उठे।भागवत आरती में महंत विजय दास,आचार्य द्वारिका प्रसाद मिश्र, कृष्ण कांत उनियाल, टीकम सूयाल,पण्डित श्रीराम पाठक,गोविंद पाठक, विनोद सिंगला, उमा शंकर,अजय गोयल,मुनेष प्रभाकर,महेंद्र कुमार खन्ना,नरेश भारद्वाज, रामस्वरुप,ईश्वर चंद जिन्दल,शुभम, राकेश,उद्देश्य पाठक, आदित्य,हेमंत,बबलू,जयंती देवी,सुदामा देवी,सुशीला देवी,सुषमा पाठक,प्रियंका सिंगला,सविता,किरण,ललिता,माया देवी, अलका,विमला,इन्दु शर्मा,राखी,सिम्मी,बबली और निर्मल सहित अन्य श्रद्धालु शामिल रहे।