रिपोर्ट पदमाकर पाठक
दलाल नहीं भाजपा समर्थित कार्यकर्ता है, सीएम योगी मांगे माफी।
आधिकारियों के चंगुल में फंसे जनता सरकारी कर्मचारियों के भ्रष्टाचार के कारण कराह रही है – पवन देव त्रिपाठी पूर्व नगर अध्यक्ष
आजमगढ। उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा ललितपुर में दिए बयान के विरोध में भारतीय जनता पार्टी के पूर्व नगर अध्यक्ष पवन देव त्रिपाठी ने मुख्यमंत्री योगी के नाम खुला पत्र लिखा है। पवन देव त्रिपाठी अपने साथियों के साथ मेहता पार्क स्थित अम्बेडकर प्रतिमा के पास मौन रख कर अपना विरोध व्यक्त किया और कहा कि मुख्यमंत्री ने भाजपा कार्यकर्ताओं को नसीहत देते हुए कहा था कि वे दलाली करना बंद कर दें, मुख्यमंत्री अधिकारियों को खुद सुधार देंगे। पवन देव त्रिपाठी ने कहा कि योगी आदित्यनाथ आधिकारियों के चंगुल में फंस गए है अधिकारी उन्हें जो पाठ पढ़ा रहे हैं वे उसी को सच मान रहे हैं जबकि जनता सरकारी कर्मचारियों के भ्रष्टाचार के कारण कराह रही है और उसकी सुनने वाला कोई नहीं है। अगर भाजपा के कार्यकर्ता उनकी शिकायते करते हैं तो मुख्यमंत्री उन्हें ही दलाल कह रहे हैं। उन्होंने कहा कि योगी जी के इस वक्तव्य से प्रदेश ही नहीं पूरे देश के भाजपा कार्यकर्ता आश्चर्यचकित हतप्रभ और आवाक है।उन्होंने कहा कि यदि योगी भारतीय जनता पार्टी की विचारधारा और उसके कार्यकर्ता निर्माण की प्रक्रिया से परिचित होते तो ऐसी बातें नहीं कहते। उन्होंने कहा कि संभवतः कार्यकर्ताओं के बारे में योगी की धारणा हिंदु युवा वाहिनी के कडवे अनुभवों पर आधारित है जिसे मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्होंने भंग कर दिया था, ताकि उस संगठन के कार्यकर्ताओं की उदंडता के कारण उन्हें मुश्किलों का सामना न करना पड़े।उत्तर प्रदेश में कार्यकर्ताओं के बलिदान और अथक प्रयास से भाजपा को सरकार बनाने का सौभाग्य हासिल हुआ है लेकिन मुख्यमंत्री बनने का सौभाग्य किसी भाजपा कार्यकर्ता की बजाए योगी आदित्यनाथ को हासिल हुआ यह बात दूसरी है कि उस वक्त योगी भाजपा के मुख्यमंत्री पद के चेहरे थे और न ही भाजपा का सक्रिय सदस्य थे। इसके बावजूद कार्यकर्ताओं ने पार्टी के प्रति अपनी निष्ठा और अनुशासन का परिचय देते हुए उन्हें मुख्यमंत्री के रूप में सहर्ष स्वीकार किया।भारतीय जनता पार्टी का कार्यकर्ता एकात्म मानववाद और अंत्योदय की वैचारिक प्रतिबद्धता, राष्टप्रेम और समाजसेवा की भावना से ओतप्रोत होकर कार्य करता है। देश में जहां भी चुनाव होता है वहां प्रवासी कार्यकर्ता के रूप में अपना घर परिवार छोड़कर कार्यकर्ता पार्टी को जिताने का काम करता है तो उसका उददेश्य सरकार बनने के बाद वहां दलाली करना नहीं होता है। पूर्व नगर अध्यक्ष ने कहा कि मुख्यमंत्री आपकी सरकार में भाजपा का कार्यकर्ता दलाली नहीं कर रहा है बल्कि अपनी ही सरकार में अपनी उपेक्षा से दुखी है। शायद आपको न पता हो लेकिन समाज के प्रत्येक व्यक्ति को यह महसूस हो रहा है कि भ्रष्टाचार बढ़ रहा है और भ्रष्टाचार की राशि भी बढ़ गई है। उन्होंने कहा कि आप भ्रष्ट प्रशासनिक अधिकारियों पर लगाम नहीं लगा पा रहे हैं और इसका ठीकरा निरीह निश्च्छल त्यागी कार्यकर्ताओं के सिर पर फोड़ रहे हैं जो कि जघन्य पाप है। उन्होंने कहा कि शायद मुख्यमंत्री को यह न पता हो कि आम जनता की थाना और तहसील से संबंधित बहुत छोटी-छोटी समस्याएं होती हैं। यदि सरकारी कर्मचारी ईमानदारी से अपना काम करते तो किसी कार्यकर्ता को आम जनता की सिफारिश करने के लिए सरकारी दफ्तर में दौड़ना नहीं पड़ता।मुख्यमंत्री शायद आपको यह पता हो कि आपके द्वारा चलाए जा रहे जनकल्याणकारी कार्यक्रमों का प्रचार प्रसार करने के लिए पार्टी के कार्यकर्ताओं को लगाया जाता है यदि यही कार्यकर्ता उनमें हो रहे भ्रष्टाचार की शिकायत करता है तो यह तो लोकतंत्र में एक नागरिक होने के कारण उसका अधिकार भी है। आप किस तर्क से इसे दलाली की संज्ञा दे सकते हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने दलाल कहकर भाजपा के करोडो कार्यकताओं का निरादर किया है। ऐसे में कोई कार्यकर्ता समाज में क्या मुंह लेकर जाए जब आपने ही उसे दलाल घोषित कर दिया है। उन्होंने कहा कि आशा है। मुख्यमंत्री अपने बयान पर पुनर्विचार करेंगे और अपने हृदय की विशालता का परिचय देते हुए कार्यकर्ताओं से माफी मांगेंगे।