रिपोर्ट पदमाकर पाठक
नीमा और एपेक्स हॉस्पिटल वाराणसी के संयुक्त तत्वावधान में चिकित्सीय संगोष्ठी का आयोजन।
आजमगढ़। जनपद में रविवार की देर रात स्थानीय होटल के सभागार में नेशनल इंटीग्रेटेड मेडिकल एसोसिएशन (नीमा) आज़मगढ़ और एपेक्स हॉस्पिटल वाराणसी के संयुक्त तत्वावधान में हृदय रोग, अस्थि रोग, मधुमेह रोग, कैंसर रोग तथा नाक-कान-गला रोग विषय पर चिकित्सीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस संगोष्ठी को सर्वप्रथम वाराणसी के एमसीएच कार्डियोथोरेसिक डॉक्टर अमित श्रीवास्तव ने संबोधित करते हुए उच्च रक्तचाप में जल्दी और उचित चिकित्सा पर विस्तृत जानकारी दी और उससे बचाव तथा रोकथाम की व्याख्या करते हुए कहा कि बहुत से लोगों को मालूम ही नहीं होता है कि उन्हें बी.पी. की समस्या है। मोटापा होना, डायबिटीज, अनियमित दिनचर्या, दूषित आहार विहार और तनाव आदि उच्च रक्तचाप के सामान्य कारण हैं। ऐसे लोगों को जिनकी उम्र चालिश वर्ष से ऊपर है, उन्हें दो से तीन माह के नियमित अंतराल पर अपना बी.पी. अवश्य जाँच कराना चाहिए। यदि किसी व्यक्ति को लंबे समय तक बी.पी. की समस्या रहती है तो उसे कई सारे खतरे हो सकते हैं। उनकी आंखों को, दिमाग को, किडनी को और हृदय को प्रभावित कर सकता है। इसके निवारण के लिए बी.पी. को नियंत्रित रखना चाहिए, सामान्य जीवनचर्या का पालन करना चाहिए, बीड़ी, सिगरेट, तम्बाकू, अल्कोहल आदि का सेवन नहीं करना चाहिए, रोज सुबह कम से कम तीस मिनट तक व्यायाम अवश्य करना चाहिए, तनाव से दूर रहना चाहिए। किसी भी तरह की परेशानी होने पर योग्य चिकित्सक से परामर्श लेना चाहिए। मधुमेह या डायबिटीज पर बोलते हुए डॉक्टर अलंकार तिवारी ने लोगों से अपने आहार विहार को नियंत्रित करने को कहा। उन्होंने कहा कि डायबिटीज अनियमित दिनचर्या, बाहरी खाद्य पदार्थों का सेवन, शारीरिक श्रम न करना आदि कारणों से होता है। अतः नियमित व्यायाम और स्वस्थ आहार विहार का पालन करके हम इससे बच सकते हैं। इसके साथ ही अस्थि रोग विशेषज्ञ डॉक्टर अमित कुमार झा ने घुटने में होने वाले दर्द की चिकित्सा और बचाव पर व्याख्यान दिया। नाक-कान-गला रोग विशेषज्ञ डॉ हर्ष सिंह ने इनकी सामान्य बीमारी और उससे बचाव के उपाय बताए। कैंसर विशेषज्ञ डॉक्टर दीपक कुमार सिंह ने वर्तमान समय में बढ़ते हुए कैंसर रोगियों के प्रति चिंता व्यक्त की और आज के वातावरण और खानपान को उसका दोषी बताया।इससे पूर्व नीमा गीत “क्वचिद अर्थ, क्वचिद मैत्री, क्वचिद धर्म, क्वचिद यश” द्वारा कार्यक्रम की औपचारिक शुरुआत हुई। तत्पश्चात नीमा सदस्यों द्वारा सभी वक्ताओं को पुष्प गुच्छ देकर स्वागत किया। सभागार में उपस्थित चिकित्सको को संबोधित करते हुए अध्यक्ष डॉक्टर डी.डी. सिंह ने कोरोना काल में आयुर्वेद की बढ़ती हुई लोकप्रियता की सराहना किया तथा लोगों से इसे अपनाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि अंग्रेजी दवाओं के दुष्प्रभाव इतने खतरनाक हैं कि आदमी उसे लेने से डरता है। इसके विपरीत आयुर्वेद की दवाएं स्वास्थ्य को लाभ करती हैं और उनका दुष्प्रभाव भी नहीं के बराबर होता है।कार्यक्रम के अंत में नीमा आज़मगढ़ द्वारा सभी वक्ताओं को अंग वस्त्रम देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का समापन राष्ट्र गान के साथ हुआ।
संगोष्ठी की अध्यक्षता पूर्व अध्यक्ष डॉक्टर वी.एस सिंह ने और संचालन अकादमिक सचिव डॉक्टर विनोद कश्यप ने किया तथा धन्यवाद ज्ञापन नीमा के अध्यक्ष डॉक्टर डी.डी. सिंह ने किया। इस अवसर पर डॉक्टर वी.के. सिंह, डॉक्टर पी.एन. मिश्रा, डॉक्टर ए.के. बरनवाल, डॉक्टर दीपिका बरनवाल, डॉक्टर कैलाश त्रिपाठी, डॉक्टर के.एन. झा, डॉक्टर उमेश पांडेय, डॉक्टर अबुल बशर, डॉक्टर उपेंद्र दूबे, डॉक्टर नोमान अहमद, डॉक्टर वेद प्रकाश सिंह, डॉक्टर इमरान अहमद, डॉक्टर अज़ीम अहमद, डॉक्टर डी.पी. सिंह, डॉक्टर जगदीश यादव, डॉक्टर अबु शहमा खान, डॉक्टर संध्या सिंह, डॉक्टर मनीषा मिश्रा, डॉक्टर श्रेष्ठा अग्रवाल, डॉक्टर आरती सिंह, डॉक्टर अजय कुमार सिंह, डॉक्टर संतोष कुमार सिंह, डॉक्टर एस.सी. राय, डॉक्टर डी.के. राय, डॉक्टर मोहम्मद ताहिर, डॉक्टर राजेश कुमार सिंह, डॉक्टर अनिल कुमार सिंह, डॉक्टर अहमद तारिक़ नदीम, डॉक्टर नईम अहमद, डॉक्टर साकिब जमाल, डॉक्टर मनोज गोंड, डॉक्टर विक्रम सिंह बागरी, डॉक्टर विवेक सिंह पटेल, डॉक्टर प्रभात गुप्ता, डॉक्टर प्रदीप सरोज, डॉक्टर सौरभ यादव, डॉक्टर सुजय विश्वास, डॉक्टर श्वेता विश्वास, डॉक्टर सौरभ सिंह, डॉक्टर विनोद कश्यप, डॉक्टर वी.एस. सिंह, डॉक्टर डी.डी. सिंह आदि सहित नीमा के पदाधिकारीगण और जिले के कोने कोने से आए चिकित्सकगण उपस्थित रहे।