हरियाणा संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
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कुरुक्षेत्र अरुणाय : श्री शिवशक्ति पीठ आश्रम अरुणाय के स्वामी वेद पुरी जी महाराज ने आज एकादशी पर्व पर आज मानव जीवन पर चर्चा करते हुए बताया की मनुष्य जीवन से संघर्ष कभी भी खतम नहीं हो सकता। यह प्रत्येक घडी प्रत्येक पल चलता ही रहता है। बाहर और भीतर दोनों जगह थोड़े – थोड़े कुरुक्षेत्र के हालात बने ही रहते हैं। सब जीतना ही चाहते हैं , ऐसा कौन होगा जो हारना चाहे।
स्वामी वेद पुरी ने बताया की रामदिवत, वर्तितव्यम् अर्थात : भगवान् राम जैसा व्यवहार जिसके जीवन में होगा वो कभी भी पराजित नहीं हो सकता। राम कौन हैं ? रामो विग्रहवान धर्मः। भगवान राम धर्म के जीवंत स्वरूप् हैं।
राम माने सत्य, शुचिता, पवित्रता, सहजता, उदारता, कर्तव्य परायणता, साधना। तो हारने का प्रश्न ही पैदा नहीं होता। स्मरण रखना सत्य जिसके पास है वो ना भीतर हार सकता और ना ही बाहर।
स्वामी जी ने बताया की असत्य के मार्ग पर चलने वाला वाला हारेगा तो पक्का, साथ ही सदैव कष्ट ही अनुभव करेगा।
स्वामी वेद पुरी जी महाराज ने बताया की मनुष्य योनि जनकल्याण और मोक्ष प्राप्ति के लिए ही प्राप्त होती है और मनुष्य इस योनि में आकर सब कुछ भूल जाता है और धन कमाने में अपना सब कुछ न्यौछावर कर देता है जबकि वास्तविकता यह है उपर मात्र कर्म साथ जाते है स्वामी जी ने बताया की जब प्राण छूटते समय कर्म याद आते है फिर मनुष्य को मात्र पछतावा ही याद आता है तब बहुत देर हो चुकी होती है।
स्वामी जी ने बताया की कर्म करो कर्म कभी खाली नही जाते।