बिहार: विभागीय लापरवाही का 43 शिक्षक हुए शिकार,वेतन भुगतान का तीन साल से कर रहे इंतजार

विभागीय लापरवाही का 43 शिक्षक हुए शिकार,वेतन भुगतान का तीन साल से कर रहे इंतजार

बगैर वेतन पाये एक शिक्षिका खड़ी है सेवानिवृत्ति के द्वार

भूखे पेट ड्यूटी करने वाले शिक्षकों के बच्चों की गुहार,अब तो वेतन दे दो सरकार

हाजीपुर(वैशाली)लोकतंत्र की धरती वैशाली मे शिक्षा विभाग की बड़ी लापरवाही के कारण 43 शिक्षक तीन साल से वेतन के इंतजार में हैं।जबकि एक शिक्षिका तो अब बगैर वेतन लिए सेवानिवृत्ति के द्वार पर खड़ी है।बावजूद सरकार के अधिकारी मोटी तनख्वाह उठा कर मौज कर रहे हैं और सपरिवार भूखे पेट तीन सालों से ये 43 शिक्षक अपनी सख्त ड्यूटी निभा रहे हैं।यह मामला वैशाली जिले के जन्दाहा प्रखंड का है।जहां माननीय उच्च न्यायालय पटना के सी डब्लू जे सी संख्या 19838,2112,14844 / 2016 एवं एम जे सी संख्या 2111 / 2018 के आलोक में सह अपीलीय प्राधिकार के वाद संख्या 139/2015 के न्यायादेश के आलोक जिला कार्यक्रम पदाधिकारी(स्थापना)वैशाली के पत्रांक 4722 एवं 4341 दिनांक 10-12-2018 एवं 30-07-2019 के आलोक में प्रखंड विकास पदाधिकारी जन्दाहा वैशाली सह नियोजन सचिव के द्वारा क्रमश: 03-08-2019,07-09-2019 एवं 23-12-2019 के आलोक में 43 प्रखंड शिक्षकों को नियोजन पत्र दिया गया।नियोजन पत्र मिलते ही खुशी से खिले चेहरों के साथ ये 43 शिक्षकों ने अपने-अपने आवंटित विद्यालयों में योगदान किया।यहां तक कि कोरोना काल 2020 के दौरान प्रखंड के विभिन्न विद्यालयों में प्रवासी मजदूरों की भी सेवा की।इसके बाद भी गर्मी,जाड़ा,बरसात जैसे मौसम में भी अपनी ड्यूटी पूरी की।बावजूद इसके इन शिक्षकों का वेतन भुगतान अब तक नहीं होना शिक्षा विभाग की बड़ी लापरवाही को दर्शाता है।वहीं इन शिक्षकों के साथ विभाग का सौतेलापन तब नजर आता है जब ये लोग अपनी ड्यूटी सख्ती से कर रहे है और इन लोगों का अनुपस्थित विवरणी तक विभाग नहीं ले रही है।ऐसा क्यों?यह सवाल इस बात की तरफ इशारा करता है कि क्या यह नियोजन सही नहीं है।अगर सही है तो फिर इन लोगों का वेतन भुगतान अब तक नहीं होना और अनुपस्थित विवरणी न लेना यह किसके इशारे पर हो रहा है।शिक्षकों का कहना है कि इस संबंध में बिहार के माननीय उच्च न्यायालय के आदेश पर हम सभी को नियोजन पत्र दिया गया और हम सभी नियोजन पत्र के बाद अपनी ड्यूटी बखूबी अंजाम दे रहे हैं।बावजूद इसके विभाग के अधिकारी वेतन भुगतान नहीं कर रहे हैं।वहीं शिक्षकों के द्वारा मुख्यमंत्री,शिक्षा मंत्री,प्रधान सचिव शिक्षा विभाग,क्षेत्रीय उप निदेशक तिरहुत प्रमंडल मुजफ्फरपुर,निदेशक प्राथमिक शिक्षा पटना,जिला पदाधिकारी वैशाली,जिला शिक्षा पदाधिकारी वैशाली,जिला कार्यक्रम पदाधिकारी स्थापना वैशाली,प्रखंड विकास पदाधिकारी जन्दाहा एवं प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी जन्दाहा को पत्र के माध्यम से वेतन भुगतान के लिए गुहार लगाया गया जो अब तक शायद रद्दी की टोकरी में पड़ा है।इस संबंध में संतोष कुमार,पितांबर पंडित,सर्व देश कुमार सिंह,राणा शेखर कुमार सिंह,रामनाथ चौधरी,रीता कुमारी,मोहम्मद शाकिर हुसैन,रिंकू कुमारी,कुमारी निरूपमा,रुखसाना खातून,पुनिता कुमारी,रविंद्र कुमार,साजिद मुर्तजा,असगरी खातून,रहमिला खातून,रविकांत,शाहिना आजमी,कुमारी पिंकी,पिंकी चौधरी,अरूण कुमार,हेमा कुमारी,शंभू राय,रजनीकांत,सुनीता कुमारी,रिंकी,ललिता कुमारी,रेणु सिंह,संगीता सिंह,अनुष्का रानी,अंजू कुमारी,बालेश्वर राय,मनोज कुमार,रविकांत आदि शिक्षकों ने प्रखंड संसाधन केन्द्र पर मीडिया से बात करते हुए बताया कि न जाने क्यों हम सभी शिक्षकों का वेतन रोक रखा गया है।शिक्षकों ने यह भी कहा कि अगर विभाग इस पर अविलंब कार्रवाई नहीं करती है तो हम लोग मजबूर होकर माननीय उच्च न्यायालय का दरवाजा खट खटाएंगे।
रिपोर्ट व फोटो मोहम्मद शाहनवाज अता

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