मनुष्य अपने ह्दय के संदेह को दूर कर आत्मज्ञान को कर सकता है प्राप्त: सुधा।
हरियाणा संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
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थानेसर एमएलए सुभाष सुधा व इन्द्री एमएलए रामकुमार कश्यप ने श्रीमदभागवत ज्ञान महायज्ञ में कि शिरकत।
कुरुक्षेत्र 21 फरवरी:- विधायक सुभाष सुधा ने कहा कि मनुष्य को पहले खुद का आकलन करना चाहिए और खुद की क्षमता को जानना चाहिए, मनुष्य को अपने ह्रदय से अज्ञान के संदेह को आत्म-ज्ञान की तलवार से काटकर अलग कर देना चाहिए। जब तक मनुष्य खुद के बारे में नहीं जानेगा तब तक उसका उद्धार नहीं हो सकता है।
विधायक सुभाष सुधा रविवार को लॉटस ग्रीन सिटी सैक्टर 9 में श्रीमद भागवत कथा ज्ञान महायज्ञ के समापन समारोह में सम्बोधित कर रहे थे।
इस श्रीमद भागवत कथा ज्ञान महायज्ञ में विधायक सुभाष सुधा, इन्द्री विधायक रामकुमार कश्यप, नप अध्यक्षा उमा सुधा ने शिरकत की है। विधायक सुभाष सुधा ने कहा कि जब मनुष्य सभी सांसारिक इच्छाओं का त्याग करके बिना फल की इच्छा के कोई काम करता है तो उस समय वह मनुष्य योग मे स्थित कहलाता है और जो मनुष्य मन को वश में कर लेता है, उसका मन ही उसका सबसे अच्छा मित्र बन जाता है, लेकिन जो मनुष्य अपने मन को वश में नहीं कर पाता है, उसके लिए वह मन ही उसका सबसे बड़ा दुश्मन बन जाता है।
इन्द्री विधायक रामकुमार कश्यप ने कहा कि पवित्र ग्रंथ गीता में हर समस्या का हल मौजूद है, जो मनुष्य अपने जीवन में इस ग्रंथ के उपदेशों को धारण करता है, वह मनुष्य अपने जीवन की हर समस्या का हल इस ग्रंथ में पा सकता है। जो मनुष्य अपने अशांत मन को वश में कर लेते हैं, उनको परमात्मा की प्राप्ति होती है और जिस मनुष्य को ज्ञान की प्राप्ति हो जाती है उसके लिए सुख-दु:ख, सर्दी-गर्मी और मान-अपमान सब एक समान हो जाते हैं। नपा अध्यक्षा उमा सुधा ने कहा कि हमारे देश की पहचान अध्यात्मक की पहचान है। गीता शक्ति का प्रतीक है, गीता अध्यात्म और शांति का रास्ता है। उन्होंने कहा कि सदियों वर्ष पूर्व भगवान श्री कृष्ण ने गीता का उपदेश दिया था, इन उपदेशों को आज भी अपने जीवन में धारने की जरूरत है।
समिति के संस्थापक अध्यक्ष व प्रसिद्ध कथा वाचक भागवत प्रवक्ता अनिल कुमार शास्त्री वेदाचार्य ने उपस्थित श्रोताओं को प्रवचन में बताया की जिस घर में भागवत जी नहीं रहते वह घर, घर नहीं होता। उस घर में देवताओं का निवास नहीं होता, इतना ही नहीं जिस घर में भागवत जी नहीं रहते उस घर के लोग चंडाल के समान है। कथा के छठे दिन गोवर्धन गिरिराज भगवान की महिमा को विस्तार विस्तार से बताते हुए कहा कि जो नर नारी गोवर्धन जी का पूजन अर्चन तथा परिक्रमा करते हैं उनकी मनोकामना अवश्य पूरी हो जाती है। 7 कोस के गोवर्धन गिरिराज को दूध से अभिषेक करने वाले नव दंपति को पुत्र रत्न की प्राप्ति होती है।
इस कार्यक्रम में यज्ञाचार्य पंडित रंगनाथ त्रिपाठी ने पूजन कराया। इस मौके पर डॉ आनंद सिंह व मीरा देवी ने परिवार सहित श्री बालकृष्ण भगवान को तथा भागवत जी का पूजन अर्चन व आरती किया और कार्यक्रम में गुरमीत सिंह, अजय गोयल, राखी गोयल, राजीव मित्तल, स्वीटी मित्तल, राममूर्ति शर्मा, सौरभ चौधरी, राजेश शर्मा शिक्षक, डॉ. रिषी शर्मा, डॉ नरेंद्र सिंह, सुरेश सैनी कुक्कू, राजीव मित्तल, स्वीटी मित्तल, बलवान तंवर, राजन सोनी, प्रवीण बधवा, सुषमा देवी, अमनदीप कौर, भावना देवी, मिरा सिंह, राज देवी, प्रवीण देवी, सरिता देवी, कीर्ति सोनी, राज देवी, गोविंद तिवारी, बालकिशन शर्मा इत्यादि उपस्थित रहे।