फिरोजपुर 31 मई [कैलाश शर्मा जिला विशेष संवाददाता]:=
दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान द्वारा प्रसिद्ध श्री भीमाकाली मन्दिर में चल रही श्रीमद्भागवत कथा के अंतिम दिवस की कथा में कथा व्यास साध्वी सुश्री कालिंदी भारती जी ने रुक्मणी विवाह के प्रसंग का उल्लेख किया। इस प्रसंग में उन्होंने रुकमणी रूपी जीवात्मा का अपने प्रभु प्रीतम के प्रति प्रेम व समर्पण भाव दर्शाया और साथ ही यह भी प्रकट किया कि कैसे आत्मा की पुकार पर प्रभु उसे समस्त बंधनों से स्वतंत्र कर अपने कभी ना टूटने वाले प्रणय सूत्र में बांध लेते हैं।कथा का समापन करते हुए साध्वी जी ने कहा कि राजा परीक्षित भय व असुरक्षा के भाव से ग्रस्त थे।जिसके समक्ष मौत मुंह बाएं खड़ी थी। साध्वी जी ने समझाते हुए कहा कि परीक्षित की मुक्ति केवल हरि चर्चा जा कृष्ण लीलाओं को श्रवण करने मात्र से ही नहीं हुई थी अपितु पूर्ण गुरु श्री सुखदेव जी महाराज के द्वारा प्रभु के तत्व रूप को अपने भीतर जान लेने पर हुई थी।अज्ञानता का नाश पूर्ण गुरु द्वारा दिव्य नेत्र प्राप्त होने पर ही होता है।राजा परीक्षित को सुखदेव जी ने ब्रह्म ज्ञान प्रदान कर उनके लिए मुक्ति का मार्ग प्रशस्त किया।साध्वी जी ने बताया कि आज दिव्य ज्योति जागृति संस्थान में गुरुदेव श्री आशुतोष महाराज जी की द्वारा ब्रह्मज्ञान प्राप्त कर असंख्य लोगों ने परीक्षित की ही भांति मुक्ति के मार्ग को पाया है।संस्थान आज विश्व शांति,बंधुत्व व एकता की स्थापना की ओर बढ़ रहा है। कथा में अशोक कुमार नेगी (डी.आई.जी. आईटीबीपी),टी.संजीत सिंह (कमाडेंट आईटीबीपी) और अनुज दीक्षित ने पूजन एवं दीप प्रज्वलित किया।स्वामी धीरानन्द जी की ओर से भागवत महापुराण ज्ञान यज्ञ सप्ताह के आयोजन में सहयोग करने वाले सभी क्षेत्रवासियों एवं संस्थाओं का धन्यवाद दिया। कथा के समापन पर डॉ प्रियंका के परिवार ने व्यास पूजन कर सन्त समाज को सम्मानित किया। श्री भीमाकाली मन्दिर न्यास की ओर से मुख्य पुजारी पूर्णानंद व मदन सिंह ने कथा व्यास को मन्दिर का स्मृति चिह्न भेंट किया। महिला मण्डल मजगांव,नवारा, कमराली,बठारा,तलारा,रंगोरी व ग्राम पंचायत सराहन ने भी साध्वी बहनों को सम्मानित किया। प्रभु की पावन आरती में ग्राम प्रधान अनु मेहता,सोहन,यशपाल, राजिंदर शर्मा आदि विशेष रुप से उपस्थित रहे।