आतंकियों द्वारा टारगेट किलिंग न रोक पाने के लिए कांग्रेस प्रवक्ता ने कसा तंज
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जांजगीर-चांपा 02 जून 2022/
कश्मीर से धारा 370 हटने के बाद आतंकियों ने टारगेट किलिंग से लोगों को अपना निशाना बनाना शुरू कर आतंक फैलाना शुरू कर दिया है। घाटी से लगातार बेगुनाह लोगों और स्थानीय कारोबारियों के मौत की खबरें आ रही है। बता दें कि कश्मीर और लद्दाख धारा 370 हटने के बाद केंद्र शासित प्रदेश के स्वरूप में हैं, जिस पर कांग्रेस प्रवक्ता शिशिर द्विवेदी ने केंद्र की मोदी सरकार पर तंज कसते हुए कहा है कि कश्मीरी नागरिकों को सुरक्षा देने में केंद्र की सत्ता पर बैठी नरेंद्र मोदी जी की सरकार अक्षम है। इस सरकार का धर्म केवल हिंदू मुस्लिम के नाम पर ध्रुवीकरण की राजनीति करना है। समाचार पत्रों के माध्यम मिल रही जानकारी के अनुसार 12 मई को आतंकियों ने बड़गाम के चाडूरा में कश्मीरी हिंदू क्लर्क राहुल भट्ट की उनके कार्यालय में घुसकर हत्या कर दी थी। 13 मई को पुलवामा में पुलिसकर्मी रियाज अहमद अपने घर के बाहर आतंकी हमले में बलिदान हो गए थे। 18 मई को बारामुला में आतंकियों ने शबरा की दुकान पर ग्रेनेड से हमला किया। इसमें सुंदरबनी के रंजीत सिंह की मौत हो गई थी। 24 मई को श्रीनगर के सौरा इलाके में आतंकियों ने पुलिसकर्मी सैफ कादरी की उनके घर के बाहर हत्या कर दी थी। 25 मई को बड़गाम के हुशरू में आतंकियों ने महिला टीवी कलाकार अमरीना बट की हत्या कर दी थी। 25 मई को बारामुला के शराकवारा में पुलिसकर्मी मुदस्सिर अहमद एक मुठभेड़ में बलिदान हो गए थे। 31 मई को कुलगाम में आतंकियों ने अध्यापिका रजनी बाली की हत्या कर दी थी, और अब बैंक मैनेजर विजय कुमार की हत्या आतंकियों द्वारा बैंक में घुसकर कर दी गई है। उन्होंने आगे कहा कि कश्मीर को आइसोलेट कर और इंटरनेट बंद कराकर मोदी सरकार ने अपनी आलोचना और विरोध पर जीत हासिल कर ली थी, किंतु घाटी में लॉ एंड आर्डर स्थापित कर अपना इकबाल स्थापित कर पाने नाकाम साबित हुई है। केंद्र सरकार को लगता था कि "द कश्मीर फाइल्स" जैसी फिल्मों को जनता को दिखाकर कश्मीर के तत्कालिक चुनौतियों से जनता का ध्यान भटकाने में कामयाब हो सकते हैं, किंतु वहां बेगुनाहों की जान जा रही है। इस अत्याचार के खिलाफ घाटी की जनता सड़क पर उतरकर सत्याग्रह करने को मजबूर है।