जिनको जानकारी थी,उन्हें तो केंद्र सरकार द्वारा आवंटित चावल मिल गया,पर सैकड़ों परिवार ऐसे हैं,जिन्हें इसकी जानकारी नहीं उसे नही मिला चावल
जांजगीर-चाम्पा 05 जून 2022/ अप्रैल महीने में विधानसभा जैजैपुर के अधिकांश पंचायतों के राशन दुकानों में जमकर राशन घोटाला हुआ। जिनको जानकारी थी, उन्हें तो केंद्र सरकार द्वारा आवंटित चावल मिल गया, पर सैकड़ों परिवार ऐसे हैं, जिन्हें इसकी जानकारी नहीं थी।
इसका फायदा राशन दुकान संचालकों ने उठाया और पूरा राशन खा गए। इसमें खाद्य विभाग की भी मिलीभगत की बात सामने आ रही है।
बता दें कि राज्य शासन द्वारा प्रत्येक कार्डधारी को 35 किलो चावल तो दिया ही जा रहा है, केंद्र सरकार भी कोरोना काल से परिवार के प्रत्येक सदस्य के नाम पर पांच किलो चावल आवंटित कर रही है। केंद्र सरकार मार्च 2022 में इस योजना बंद करने वाली थी, पर इसे सितंबर 2022 तक बढ़ा दिया गया।
इसकी जानकारी लोगों को नहीं हो पाई। इसका फायदा राशन दुकान संचालकों ने उठाया, और अप्रैल महीने का केंद्र सरकार द्वारा आवंटित पांच पांच किलो चावल खा गए।
केंद्र सरकार ने राशनकार्ड में शामिल परिवार के प्रत्येक सदस्य को पांच पांच किलो चावल देने की घोषणा कोरोना काल में की थी। दो साल बाद यानी मार्च महीने में इसे बंद करने की योजना थी, पर केंद्र सरकार ने इस योजना को सितंबर तक बढ़ा दिया।
इधर राज्य शासन ने मार्च व अप्रैल का चावल एक साथ देने का निर्देश दे दिया। लोग दो महीने का चावल एक साथ पाकर खुश हो गए, और वे केंद्र सरकार द्वारा आवंटित परिवार के प्रत्येक सदस्य का पांच किलो चावल लेना भूल गए। इसका फायदा राशन दुकान संचालकों ने उठाया और लाखों का चावल अपने पास रख लिया।
*फूड स्पेक्टर अधिकारियों की मिली भगत*
ग्रामीणों ने बताया कि राशनकार्ड धारकों को अप्रैल महीने का चावल के अतिरिक्त आवंटन का वितरण नहीं किए जाने पर खाद्य विभाग के अधिकारियों की भूमिका पर सवाल खड़ा किया है। गरीबों के हक के चावल की हेराफेरी में अधिकारियों व राशन दुकान संचालकों से मिली भगत का अंदेशा जताया जा रहा है।
ग्रामीणों का आरोप है कि जैजैपुर विधानसभा क्षेत्र के सरकारी राशन दुकानों में चावल दबाने का खेल चल रहा है। हितग्राहियों को केंद्र सरकार द्वारा अप्रैल महीने के लिए चावल का अतिरिक्त आवंटन दिया गया है। लेकिन, इस चावल को दुकानदारों के द्वारा राशनकार्ड धारियों को नहीं दिया जा रहा है।
-केंद्र सरकार द्वारा गरीबों को दिए जाने वाला चावल दबा जा रहा है। 80 प्रतिशत लोगों को अप्रैल महीने का चावल नहीं मिला। राशन दुकान संचालक सिंडिकेट बनाकर गरीबों का चावल लूट रहे हैं। इसमें खाद्य विभाग की भी मिली भगत है।
*गरीबो की राशन कार्ड में एंट्री कर नही दिया चावल*
सूत्रों से जानकारी अनुसार गरीबो की राशन कार्ड में अप्रैल माह की अतिरिक्त आबंटन को चावल दिए बिना ही एंट्री कर दिया गया है ताकि शिकायत होने पर बच सके
इस तरह की खेल राशन दुकान के संचालक द्वारा किया गया है जो समझ से परे हुए है अधिकारी द्वारा सभी गांव में जाकर गरीबो से जानकारी लेकर अतिरिक्त आबंटन चावल को दिलाने की जरूरत है और संचालक के खिलाफ कार्यवाही करने की आवश्यकता है लेकिन अधिकारियों की मिलीभगत के कारण कार्यवाही तो दूर की बात राशन संचालक से कमीशन लेकर मामला रफादफ़ा कर दिया जा रहा है जो जागरूक है उसे चावल मिल गया लेकिन जानकारी के आभाव में गरीब कोसो दूर है जिसके कारण चावल नही मिल रहा है
*गरीबो के विरोध करने पर संचालक ने राशन कार्ड काटवा देने की धमकी*
जानकारी के अनुसार जिस गरीब की अतिरिक्त चावल आबंटन की जानकारी मिली वह संचालक के पास जाकर अतिरिक्त चावल की मांग की जाती है तो उसे धमका कर वापस भेज दिए जाते है यही नहीं अगर शिकायत करोगे तो तुम्हारे राशन कार्ड को कटवा देने की धमकी दी जाती है बेचारे गरीब डर कर किसी अधिकारी या जनप्रतिनिधियों से शिकायत करने पर डरते है गरीब तत्व के लोगो हमेशा सदमे और डर के कारण अपने हक की चावल तक नही ले पाते है
*फूड स्पेक्टर नही करते राशन दुकान की मॉनिटरिंग*
आपको बता दे कि लगातार ग्रामीणों की शिकायत है कि फूड स्पेक्टर अधिकारी को राशन दुकान संचालक के अलावा कोई ग्रामीण नही पहचानते क्योंकि माह अंतिम में जानकारी के अनुसार जाते है और अपना बंधे कमीशन को लेकर संचालक को खुली छूट देकर आ जाते है जिसकी मनमानी संचालक करने में कोई कसर नही छोड़ते अधिकारी शिकायत की राह देखते रहते है जहां शिकायत भी हो गई तो ठंडे बस्ते में रख देते है और आखिर में राशन दुकान संचालक को क्लीन चिट दे देते है क्या करे अधिकारी को प्रत्येक माह जो कमीशन में बंधे हुए है
वर्जन
जहाँ की शिकायत मिलती है। उसकी जांच की जा रही है। राशन दुकान के बारे में कुछ पंचायत की शिकायत है, शेष दुकानों की जानकारी जुटाई जा रही है। जांच कर कार्यवाही किया जाएगा ।