रिर्पोट पदमाकर पाठक
जब बच्चे को दस्त हो तो दें ओआरएस का घोल और ज़िंक की गोली।
आशा कार्यकर्ता घर-घर जाकर पांच वर्ष तक के सभी बच्चों को वितरित करेंगी ओआरएस के पैकेट और जिंक की गोलियां।
15 जून तक चलेगा सघन दस्त नियंत्रण पखवाड़ा।
आजमगढ़।जिले में 1 जून से शुरू हुआ सघन दस्त नियंत्रण पखवाड़ा15 जून तक मनाया जाएगा। इस दौरान स्वास्थ्य कार्यकर्ता घर-घर जाकर दस्त के 5 वर्ष तक के बच्चों के केस चिन्हित कर रही हैं। साथ ही दस्त का मुख्य कारण दूषित पेयजल, शौचालय और साफ सफाई के प्रति जागरूक व दवा वितरित कर रही हैं।इस अभियान का उद्देश्य दस्त पर नियंत्रण से मृत्यु दर में कमी लाना है।यह कहना है मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आईएन तिवारी का।डॉ तिवारी ने बताया कि पाँच वर्ष से कम आयु के बच्चों में लगभग 10 फीसदी मृत्यु दस्त के कारण होती है। प्रदेश में प्रतिवर्ष लगभग 28 हजार बच्चों की मृत्यु दस्त के कारण होती है। जिसके के लिए इस पखवाड़े के दौरान आशा कार्यकर्ता द्वारा उन घरों का भ्रमण करेंगी,जहां पाँच वर्ष से कम आयु के बच्चे हैं। और उन घरों में ओआरएस घोल बनाने की विधि का प्रदर्शन कर,घोल बनाने का सही विधि की जानकारी देंगी।साथ ही परिवार के लोगों को हाथों एवं खाने पीने में साफ-सफाई संबंधी जानकारी भी देंगी। इसके अलावा आशा कार्यकर्ता उन सभी घरों में ओआरएस पैकेट का वितरण करेंगी। जहां पाँच वर्ष तक की उम्र के बच्चे हैं। एसीएमओ/कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ संजय कुमार ने बताया कि आशा कार्यकर्ता लोगों को इस बारे में भी जागरूक करेगी।दस्त में शिशु की देखभाल कैसे करें इसके बारे में भी अभिभावकों को बताया जा रहा है। साथ ही आशा व एएनएम द्वारा ओआरएस का पैकेट और जिंक की गोली का वितरण किया जा रहा है। साथ ही शहरी क्षेत्रों में नगर पालिका/नगर पंचायत वार्ड के कर्मचारियों आदि द्वारा मलिन बस्ती में भी घर–घर जाकर ओआरएस पैकेट वितरण किया जा रहा है।दस्त के दौरान ओआरएस का घोल एवं जिंक की गोली बच्चों को अवश्य दें। दस्त बंद हो जाने के बाद भी जिंक की खुराक दो से पाँच वर्ष तक के बच्चों को उनकी उम्र के अनुसार कुल 14 दिनों तक जारी रखनी चाहिए। साथ ही दो से छः माह तक को आधी गोली एवं सात माह से पाँच वर्ष तक के बच्चे को एक गोली।जिंक की गोली का प्रयोग करने से दो या तीन महीने तक डायरिया होने की संभावना भी कम हो जाती है।बच्चों को खाने खिलाने से पहले हाथ साफ करने और उन्हें साफ पानी पिलाने व जिंक और ओआरएस के उपयोग के उपरांत भी डायरिया ठीक न होने पर बच्चे को तुरंत नजदीक के स्वास्थ्य केंद्र पर लेकर जायें। बीमारी के दौरान और बाद में भी आयु के अनुसार स्तनपान व ऊपरी आहार अवश्य दें। पीने के लिए स्वच्छ पेयजल का उपयोग करें। खाना बनाने से पूर्व एवं बच्चे का मल साफ करने के उपरांत साबुन से हाथ अवश्य साफ करें। डायरिया को फैलने से रोकने के लिए शौचलय का उपयोग अवश्य करें।दस्त के लक्षण-बच्चे को पानी जैसा दस्त लगातार हो बार-बार उल्टी होना अत्यधिक प्यास लगना पानी ना पी पाना बुखार होना मल में खून आना।