सुदन सहाय, डोलफ़िन शोधर्थी/पर्यावरणविद
-आज विश्व पर्यावरण दिवस है। यह हर साल 5 जून को मनाया जाता है। इसे पहली बार संयुक्त राष्ट्र संघ के तत्वाधान में स्वीडन की राजधानी स्टॉकहोम साल 1972 में मनाया गया था। इसका मुख्य उद्देश्य लोगों को पर्यावरण की सुरक्षा और संरक्षण के प्रति जागरूक करना है। साथ ही पर्यावरण के महत्व से अवगत कराना है। देखा जाए तो सम्पूर्ण जीवन पर्यावरण पर आधारित है, ब्रह्माण्ड में, पृथ्वी ही एक मात्र जीवन प्रदान करने वाला ग्रह है जिसमे प्रकृति का सम्पूर्ण सहयोग है। बिना पर्यावरण के पृथ्वी पर जीवन संभव नही है, इसलिए हमारा दायित्य है कि हम सभी पर्यावरण की सुरक्षा का प्रण उठाए । जब पर्यावरण स्व्स्थ रहेगा तो जीव जन्तु भी स्वस्थ रहेंगे। प्रदूषित पर्यावरण की वजह से भयंकर बीमारियां और महामारीयां जन्म ले रही है, जो मानव जाति के साथ साथ पृथ्वी पर मौजूद सभी जीव जंतुओं जाती के लिए विनाशकारी साबित हो रही है।
पर्यावरण संरक्षण, स्वस्थ जीवन के सर्वप्रथम है। हर संभव हमें प्रयास करना चाहिए कि जल प्रदूषण, वायु प्रदूषण, ध्वनि प्रदूषण, मृदा प्रदूषण इत्यादि पर अंकुश लगे। आवश्यक है प्रत्येक मनुष्य पर्यावरण संरक्षण के लिए अपना भरपूर सहयोग दे। जो मानव जीवन के अस्तित्व को बचाने के लिए, पर्यावरण संरक्षण करना अत्यंत आवश्यक है। बढ़ते प्रदूषण ने हमारे अस्तित्व को संकट में डाल दिया है। इसलिए पर्यावरण संरक्षण के प्रति लोगो को प्रोत्साहित करना होगा। तो आइये संकल्प ले बचाएंगे पर्यावरण को अपने और पृथ्वी के तमाम जीव जंतुओं के लिए। क्योंकि पर्यावरण रहेगा तो हम रहेंगे।