- प्रसव पूर्व जांच गर्भवती महिला के साथ-साथ गर्भस्थ शिशु की सुरक्षा के लिये जरूरी
- पहली बार मां बनने पर उचित पोषण व समुचित देखभाल के लिये आर्थिक मदद का है प्रावधान
अररिया, 09 जून ।
जिले में मातृत्व स्वास्थ्य को सुदृढ़ बनाने व जच्चा-बच्चा की सुरक्षा सुनिश्चित कराने के उद्देश्य से जरूरी प्रयास किये जा रहे हैं। ताकि मातृ-शिशु मृत्यु दर को न्यूनतम स्तर पर लायी जा सके। इसी कड़ी में प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व योजना बेहद कारगर साबित हो रही है। गर्भवती महिलाओं की प्रसव पूर्व जांच के लिये हर महीने नौ तारीख को स्वास्थ्य केंद्रों में विशेष आयोजन का प्रावधान है। इसमें विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा गर्भवती महिलाओं की संपूर्ण जांच के साथ-साथ प्रसव संबंधी जटिलता को चिह्नित कर उन पर खास नजर रखी जाती है। इसी कड़ी में गुरुवार को जिले के सभी स्वास्थ्य संस्थानों में विशेष शिविर आयोजित कर बड़ी संख्या में गर्भवती महिलाओं की प्रसव पूर्व जांच की गयी ।
सुरक्षित मातृत्व के लिये प्रसव पूर्व जांच महत्वपूर्ण :
सिविल सर्जन डॉ विधानचंद्र सिंह के मुताबिक गर्भवती महिलाओं की प्रसव पूर्व चार जांच जरूरी है। इससे हाई रिस्क प्रेग्नेंसी के मामलों का पता लगाना आसान होता है। एएनसी के क्रम में खून, रक्तचाप, एचआईवी, गर्भ की स्थिति सहित इस दौरान गंभीर संक्रमण के मामलों का पता लगाने के लिये समुचित जांच की जाती है। इसे लेकर हर महीने नौ तारीख को स्वास्थ्य संस्थानों में विशेष आयोजन किये जाते हैं। इसके अलावा पहली बार गर्भवती होने पर प्रधानमंत्री मातृत्व योजना के तहत सही पोषण व उचित स्वास्थ्य देखभाल के लिये तीन किस्तों में 5000 रुपये दिये जाने का प्रावधान है। एएनसी जांच संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने में मददगार है।
सुरक्षित मातृत्व को बढ़ावा देने में आशा की भूमिका महत्वपूर्ण :
सिविल सर्जन ने कहा कि सुरक्षित मातृत्व को बढ़ावा देने में आशा कर्मियों की भूमिका महत्वपूर्ण है। क्षेत्र में किसी महिला के गर्भवती होने की सूचना मिलते ही आशा कर्मियों पर नजदीकी स्वास्थ्य केंद्रों पर उसका पंजीकरण, गर्भावस्था के दौरान बरती जाने वाली सभी जरूरी सावधानियों के प्रति महिला को जागरूक करने से लेकर सभी प्रसव पूर्व जांच व गर्भवती महिलाओं को संस्थागत प्रसव के लिये प्रेरित करते हुए प्रसव के लिए उन्हें अस्पताल पहंचाने में आशा कर्मियों की भूमिका को उन्होंने महत्वपूर्ण बताया।
संस्थागत प्रसव को किया जा रहा प्रोत्साहित :
डीपीएम स्वास्थ्य रेहान अशरफ ने जानकारी देते हुए बताया कि पीएमएसएमए अभियान के तहत जिले के विभिन्न चिकित्सा संस्थानों में तीन हजार से अधिक गर्भवती महिलाओं की प्रसव पूर्व जांच संभव हो सकी । इस क्रम में हाई रिस्क प्रेग्नेंसी के तीन सौ से अधिक मामले चिह्नित किये गये हैं। उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य विभाग संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने के लिये विभिन्न स्तरों पर जरूरी प्रयास कर रहा है। इसमें जननी सुरक्षा योजना बेहद महत्वपूर्ण है। योजना के तहत सरकारी अस्पताल में प्रसव कराने पर ग्रामीण महिलाओं को 1400 रुपये व शहरी क्षेत्र की महिलाओं को 1000 रुपये प्रोत्साहन राशि के रूप में भुगतान किया जाता है। सुरक्षित प्रसव के लिये समय पर घर से अस्पताल व प्रसव के उपरांत घर पहुंचाने के लिये एंबुलेंस की सुविधा नि:शुल्क उपलब्ध करायी जाती है।