निधि समर्पण अभियान का मुख्य उद्देश्य किसी प्रकार का धन संग्रह नहीं, बल्कि जन-संग्रह है : महंत जगन्नाथ पुरी।
हरियाणा संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
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संत महापुरुष भी दिखा रहे हैं निधि समर्पण अभियान के लिए उत्साह।
कुरुक्षेत्र, 22 फरवरी :- देश का हर नागरिक अयोध्या राम मंदिर में अपना योगदान दे। इसी के लिए निधि समर्पण अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान में कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड के मानद सचिव एवं विश्व हिन्दू परिषद के मदन मोहन छाबड़ा, सुरेश जोशी, ओम प्रकाश गुप्ता, अजय गुप्ता, प. प्रेम नारायण व प. कमल शर्मा इत्यादि श्री मार्कण्डेश्वर महादेव मंदिर ठसका मीरां जी में पहुंचे। यहां पर अखिल भारतीय श्री मार्कण्डेश्वर जनसेवा ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत जगन्नाथ पुरी एवं अन्य संत महापुरुषों ने विधिवत स्वागत किया। महंत जगन्नाथ पुरी ने संतों के साथ निधि समर्पण अभियान में सहयोग किया। उन्होंने कहाकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किए गए भूमि पूजन कार्यक्रम के बाद भव्य मंदिर निर्माण के लिए देश में महान जन अभियान चल रहा है। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य किसी प्रकार का धन संग्रह नहीं, बल्कि जन-संग्रह है। इससे अधिकाधिक लोग भगवान श्री राम की जन्मभूमि पर बनने वाले मंदिर से तथा मंदिर भक्तों से सीधा जुड़ रहे हैं। उन्होंने कहाकि हर भारतीय कहेगा कि यह मंदिर हमारा है। तभी तो ये सिर्फ राम मंदिर नहीं, अपितु एक राष्ट्र मंदिर कहलाएगा। महंत जगन्नाथ पुरी ने कहाकि यह निधि समर्पण अभियान ना तो दान का है, ना ही चंदे का, ना उगाही का है और ना ही बसूली का। यह तो भगवान को भक्त के श्रद्धापूर्वक समर्पण का पुनीत अभियान है। मदन मोहन छाबड़ा ने महंत जगन्नाथ पुरी का सहयोग के लिए आभार व्यक्त करते हुए कहाकि श्री राम मंदिर निधि समर्पण अभियान के अंतर्गत संपूर्ण भारत के सवा पाँच लाख गांवों के 13 करोड़ परिवारों से व्यक्तिगत संपर्क किया जा रहा है। देश की आधी जनसंख्या अर्थात लगभग 65 करोड देशवासियों तक पहुंचने के लिए विश्व हिंदू परिषद ने समाज के लाखों सेवा-भावी व समर्पित बंधुओं तथा संत समाज का सहयोग व आशीर्वाद लेते हुए लगभग 10 लाख टोलियों का गठन किया है। उन्होंने बताया कि प्रत्येक टोली में 4 से 5 कार्यकर्ता लगे हैं। इस प्रकार लगभग 40 लाख कार्यकर्ता इस समय सम्पूर्ण भारत में राम-काज में लगे हैं। इस अवसर पर स्वामी संतोषानंद, स्वामी सीता राम, स्वामी विश्वनाथ पुरी, स्वामी अमर दास, प. मुकेश शास्त्री, प. मुकुल गोस्वामी, मामराज मंगला, सुधाकर, पवन चौहान व सुक्खा सिंह इत्यादि भी मौजूद थे।
श्री मार्कण्डेश्वर महादेव मंदिर में महंत जगन्नाथ पुरी के साथ मदन मोहन छाबड़ा व अन्य।