जिले में 19 जून से होगी पांच दिवसीय पल्स पोलियो अभियान की शुरुआत
-अभियान के तहत जिले के 7.31 लाख बच्चों को दवा पिलाने का है लक्ष्य
-निर्धारित लक्ष्य की प्राप्ति के लिये 1406 टीकाकरण दल व 213 ट्रांजिट व 40 मोबाइल टीम गठित
-अभियान के क्रम कोरोना टीका के निर्धारित डोज से वंचित लाभुकों का होगा सर्वे
अररिया
जिले में आगामी 19 जून से पल्स पोलियो टीकाकरण अभियान की शुरुआत होगी। पांच दिवसीय इस अभियान में 0 से 5 साल तक शत-प्रतिशत बच्चों को दवा पिलाने का लक्ष्य निर्धारित है। गौरतलब है कि पोलियो छोटे उम्र के बच्चों में विकलांगता के प्रमुख कारणों में से एक है। पोलियो ऐसी बीमारी है। जो हड्डियों को कमजोर कर बच्चों को अपंग भी बना सकती है। पांच साल से कम उम्र के बच्चों को पोलियो संक्रमण का खतरा सबसे अधिक होता है। पोलियो का कोई इलाज नहीं है। टीका की मदद से ही इसकी रोकथाम संभव है। ओरल दवा पिला कर भी बच्चों को पोलियो के खतरों से बचाया जा सकता है। इसलिये सरकार द्वारा निश्चित समयांतराल पर बच्चों को पोलियो की दो बूंद दवा पिलाने के लिये विशेष अभियान का संचालन किया जाता है। इसे लेकर जिले में 19 जून से पांच दिवसीय विशेष अभियान संचालित किया जायेगा।
कोरोना टीका के निर्धारित डोज से वंचितों का होगा सर्वे :
जानकारी देते हुए सिविल सर्जन विधानचंद्र सिंह ने कहा कि अभियान के दौरान कोरोना टीकाकरण के निर्धारित डोज से वंचित लाभुकों को सर्वे भी किया जाना है। . पोलियो की दवा पिलाने के लिये आशा व आंगनबाड़ी कार्यकर्ता घर-घर जायेंगी। . इस क्रम में वे पता लगाने का प्रयास करेंगी कि परिवार को कोई व्यक्ति टीका के निर्धारित डोज से वंचित तो नहीं है। ऐसे लाभुकों को चिह्नित कर उन्हें कोरोना का टीका लगाया ।
पल्स पोलियो अभियान से संबंधित जानकारी देते हुए जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ मोईज ने बताया कि दो बूंद पोलियो की दवा कई जानलेवा बीमारियों से बच्चों को सुरक्षा प्रदान करती है। उन्होंने कहा कि पोलियो एक गंभीर बीमारी है जो लोगों को किसी भी उम्र में लकवा से ग्रसित कर सकता है। पोलियो रीढ़ की हड्डी व मस्तिष्क को मुख्य रूप से नुकसान पहुंचाता है। बीमारी किसी भी उम्र के लोगों को प्रभावित कर सकता है। कम उम्र के बच्चों में इसका खतरा ज्यादा होता है। उन्होंने आम जिलावासियों से अपील करते हुए अपने पांच साल से कम उम्र के तमाम बच्चों को पोलियो की दवा पिलाने की अपील की।