गोल्ड मेडल नगमा खातून का शिब्ली कॉलेज में किया गया सम्मानित समारोह
आजमगढ़| शिब्ली नेशनल महाविद्यालय में मंगलवार को दर्शनशास्त्र विभाग द्वारा स्नातकोत्तर वार्षिक परीक्षा 2020 में विश्वविद्यालय से गोल्ड मेडल प्राप्त की छात्रा नगमा खातून को पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम की तैल चित्र प्रतीक चिन्ह के रूप में देकर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर नगमा खातून ने कहा कि दर्शन विषय पढ़कर मैं उत्साहित हूं। वर्तमान युग में शिक्षा प्राप्त करने का उद्देश्य धनोपार्जन हो गया है परंतु दर्शन जैसे विषय ने मुझे विद्यानुराग एवं ज्ञान प्राप्त करने का मार्ग प्रशस्त किया। विभाग के शिक्षक कलीम अहमद डॉ वी के सिंह तथा डॉ गोविंद नारायण ने विषयों के सारगर्भित ज्ञान से हमें परिपूर्ण कर आज इस मुकाम पर पहुंचाया कि विभाग के लिए छठवां गोल्ड मेडलिस्ट के रूप में मैं आपके समक्ष खड़ी हूं ।कार्यक्रम की अध्यक्षता दर्शनशास्त्र विभागाध्यक्ष कलीम अहमद स्वागत भाषण डॉ विनोद कुमार सिंह धन्यवाद ज्ञापन डॉ गोविंद नारायण एवं कुशल संचालन कविता सोनकर ने किया ।संगोष्ठी के विषय नई शिक्षा नीति 2020ःदर्शनशास्त्र के महत्व पर चर्चा करते हुए महाविद्यालय के प्राचार्य मोहम्मद सलमान अंसारी ने कहा कि नई शिक्षा नीति से उच्च शिक्षा की पढ़ाई में काफी अंतर आएगा तथा शिक्षा का स्तर भी बढ़ेगा ।स्कूली शिक्षा में दर्शनशास्त्र जैसे विषयों को अनिवार्य बनाना चाहिए था ।जिससे नैतिक दर्शन, धर्म दर्शन की पढ़ाई से बच्चे लाभान्वित होते ।विभागाध्यक्ष कलीम अहमद ने कहा कि प्राथमिक शिक्षा मातृ भाषा व स्थानीय भाषा को नई शिक्षा नीति में लागू करने का निर्णय सर्वोत्तम है परंतु 10+2 में दर्शन शास्त्र विषय की महत्ता बढ़ाते हुए समकालीन भारतीय दर्शन एवं योग दर्शन की पढ़ाई सुनिश्चित किया जाना चाहिए था। वही असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ विनोद कुमार सिंह ने कहा कि अभी उच्च शिक्षा व व्यवसायिक शिक्षा में नामांकन 26.3 प्रतिशत है जो 50% करने का लक्ष्य है। दर्शन शास्त्र विषय के नामांकन में वृद्धि के लिए स्कूली शिक्षा के पाठ्यक्रम में प्रायोगिक दर्शनशास्त्र तथा समाज दर्शन पर जोर देना चाहिए था। संगोष्ठी में महाविद्यालय के अन्य शिक्षकों तथा प्रतिभागियों ने विभाग को 2014 से 2020 तक 6 गोल्ड मेडल प्राप्त करने पर विभाग के सभी शिक्षकों तथा गोल्ड मेडलिस्ट को बधाई दिया तथा सरकार से स्कूली शिक्षा में दर्शन शास्त्र विषय को लागू करने का सुझाव दिया। कार्यक्रम में दर्शनशास्त्र विभाग की छात्र छात्राओं ने गीत ,गजल, कविता से माहौल को खुशनुमा बना दिया। संगोष्ठी में डॉ हकीमुद्दीन डॉ ताहिर डॉ जावेद अख्तर डा नफीस डॉ जुबेर डा जाहिद डा जरार डॉ सिराज डा शफीउजजमाँ डॉ शैलेश पाठक डॉअवधेश गिरी शिखा, नगमा ,खुशी ,विवेक ,जीनत, अफसाना, आरती, विजय,कादीर तथा विभाग के सभी छात्र छात्राएं एवं महाविद्यालय के शिक्षक उपस्थित थे।