“कोविड 19 एक प्रेम गाथा” उपन्यास का हुआ विमोचन
बाराबंकी
‘कोविड-19 एक प्रेमगाथा’ उपन्यास केवल एक विभीषिका का प्रस्तुतीकरण मात्र नहीं बल्कि मनुष्य की जिजीविषा के प्रति उसके संघर्ष के अलावा परिस्थितियों के चक्र में घिरी मानवता के आंतरिक समझ का भी एक अद्भुत आख्यान है। मैं इसके लेखक विनयदास को हृदय से बधाई देता हूँ।
यह बात बतौर मुख्य अतिथि डॉ. सुधाकर अदीब पूर्व निदेशक हिन्दी संस्थान ने विनय दास के नवीनतम उपन्यास ‘कोविड-19 एक प्रेम गाथा’ के विमोचन कार्यक्रम में कही। विमोचन कार्यक्रम का आयोजन साहित्यकार समिति और यूनिक सोशल वेलफेयर सोसायटी के संयुक्त तत्वावधान में डिस्ट्रिक्ट कोआपरेटिव बैंक के चन्द्रमौलि सभागार में किया गया। डॉ. अदीब ने कहा कि कोविड-19 उपन्यास में जन समस्याओं के मार्मिक चित्रण के साथ उनकी संस्कृति और सांस्कृतिक पृष्ठभूमि का अनोखा लेखा प्रस्तुत करता है। इसमें खूबी यह है कि 5 मिनट की हाय-हाय के बाद एक जर्बदस्त हिम्मत, साहस और संघर्ष का दर्शन होता है।
विशिष्ट अतिथि सुप्रसिद्ध उपन्यासकार शिवमूर्ति सिंह ने कहा कि कोविड-19 एक प्रेमगाथा उपन्यास में अस्पताल में अपनों को खोने का दर्द बड़े ही संवेदनशील ढंग से बयां हुआ है। जितने आवेग से कोविड आया उस पीड़ा को, विस्थापन और पुनः स्थापन के दर्द को विनय दास ने हू-ब-हू उतार दिया है। इसमें कल्पना और यथार्थ का अद्भुत सम्मिश्रण है। उपन्यास पढ़ने पर एक जिम्मेदारी का भाव पाठक के हृदय में पैदा होता है।
विशिष्ट अतिथि समाजसेवी पंकज गुप्ता ‘पंकी’ ने उपन्यासकार को बधाई दी और कहा निश्चय ही विनयदास जैसे रचनाकार हमारे जनपद के गौरव हैं।
उपन्यास पर चर्चा करते हुए डॉ. श्याम सुंदर दीक्षित ने कहा यह उपन्यास स्नेह सन्दर्भों में मनुष्य बने रहने की कला का चित्रण करता है।
साहित्यभूषण मूसा खान अशान्त के आलेख का वाचन युवा कवि उत्कर्ष सिंह ने करते हुए कहा कि यह उपन्यास कोरोना काल का ऐतिहसिक दस्तावेज है जो जमीनी हकीकत से लोगों को रू-ब-रू कराता है। युवा कवि व लेखक सीताकान्त मिश्र ने उपन्यास की चर्चा करते हुए कहा कि इसमें पात्रों के अनुरूप ठेठ अवधी भाषा के संवादपात्रों को जीवंत कर देता है। इसमें समस्या ही नहीं अपितु उनका निदान भी है। इसे कोविड काल का संपूर्ण दस्तावेज भी कहा जा सकता है।
वीणा सुधाकर महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. बलराम वर्मा ने अध्यक्षता करते हुए कहा कि यह हर्ष का विषय है कि विनयदास ने ऐसे कठिन विषय पर एक सरस और यथार्थ से भरा उपन्यास लिखा है, जो पठनीय है। जगमग इण्डस्ट्रीज के चेयरमैन इंजीनियर दिलीप कुमार ने जगमग डिटर्जेंट पाउडर का पैक सभी अतिथियों को भेंट कर विशेष स्वागत किया गया। पर्यावरण प्रहरी डी.के. शुक्ल ने सभी अतिथियों को वृक्ष भेंट किया।
इस अवसर पर लेखक राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त शिक्षक सुभाष चन्द्र श्रीवास्तव, डॉ. अम्बरीष अम्बर, राम किशोर तिवारी ‘किशोर’, डॉ. फिदा हुसैन, इकबाल राही, डॉ. सुजीत चतुर्वेदी, कार्यक्रम व्यवस्थापक अनुपम वर्मा, पंकज कंवल अध्यक्ष यूनिक सोशल वेलफेयर सोसायटी, चित्रकार कृत वर्मा, प्रेम वर्मा प्रेम, विष्णु कुमार शर्मा ‘कुमार’, पप्पू अवस्थी, हिमांशु पाठक, आशीष राज, निशांत द्विवेदी, ऋषभ तिवारी आदि उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन सुप्रसिद्ध कवि आशीष ‘आनन्द’ ने किया।