गीता किसी एक धर्म का ग्रंथ नहीं बल्कि यह संपूर्ण दुनिया को मानवता का सार देने वाला ग्रंथ है : भागवत

हरियाणा संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
दूरभाष – 9416191877

भगवान श्री कृष्ण जी द्वारा जीवन जीने का संदेश आज भी उतना ही प्रासंगिक है : मनोहर लाल।
अंतर्राष्ट्रीय गीता जयंती महोत्सव की तरह श्री कृष्ण उत्सव भी मनाया जाएगा।
आरएसएस के सरसंघचालक डा. मोहन राव भागवत, राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय, मुख्यमंत्री मनोहर लाल, गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद ने जीओ गीता द्वारा पवित्र ग्रंथ गीता पर तैयार किए आनलाईन सर्टिफिकेट कोर्स का किया शुभारंभ।
जीओ गीता की तरफ से शीघ्र ही पवित्र ग्रंथ गीता के डिप्लोमा और डिग्री कोर्स को भी किया जाएगा शुरु।

कुरुक्षेत्र 30 जून : राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन राव भागवत ने कहा कि सृष्टि की समस्याओं का उत्तर देने वाला और संपूर्ण मानवता की समस्याओं का समाधान करने वाला तथा कभी फीका न पडऩे वाला सुख का ज्ञान श्रीमद्भगवद्गीता में है, जिसे हर मानव जाति को समझने की जरूरत है। गीता के इस ज्ञान के कारण ही धर्मक्षेत्र कुरुक्षेत्र महाभारत की धरती के अलावा सबसे विश्व में गीता की अवस्थली (लैंड ऑफ गीता) के रूप में जाना जाएगा।
सरसंघचालक डॉ. मोहन राव भागवत आज कुरुक्षेत्र के ब्रह्मसरोवर स्थित गीता ज्ञान संस्थानम में आयोजित भगवत गीता की वर्तमान प्रासंगिकता पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। आरएसएस के सरसंघचालक डा. मोहन राव भागवत, राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय, मुख्यमंत्री मनोहर लाल, गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद ने गीता ज्ञान संस्थानम केंद्र में जीओ गीता की तरफ से पवित्र ग्रंथ गीता के सर्टिफिकेट कोर्स (आनलाईन) का विधिवत रुप से शुभारंभ किया। इस संस्थान की तरफ से आने वाले समय में पवित्र ग्रंथ गीता के डिप्लोमा और डिग्री कोर्स को वैश्विक स्तर पर शुरु किया जाएगा। इस कोर्स को शुरु करने पर गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद की प्रशंसा की है। इस दौरान हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय, मुख्यमंत्री मनोहर लाल और गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद महाराज, गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज, पर्यटन मंत्री कंवर पाल, राज्यसभा सांसद कार्तिक शर्मा, सांसद नायब सिंह सैनी, सांसद रतनलाल कटारिया, सांसद संजय भाटिया, विधायक सुभाष सुधा, विधायक लीला राम, विधायक प्रमोद विज, विधायक महिपाल ढांडा सहित अन्य गणमान्य अतिथिगण उपस्थित रहे।
डॉ. मोहन राव भागवत ने कहा कि गीता किसी एक धर्म का ग्रंथ नहीं है बल्कि संपूर्ण दुनिया को मानवता का सार देने वाला ग्रंथ है। गीता किसी एक धर्म का ग्रंथ नहीं है बल्कि यह संपूर्ण दुनिया को मानवता का सार देने वाला ग्रंथ है। हिंदू परंपरा को यद्यपि गीता मिली है लेकिन उस पर किस प्रकार का कोई पेटेंट नहीं है, यह तो विश्वधर्म है। उन्होंने कहा कि सृष्टि में जब तक मानव जाति विद्यमान है तब तक गीता की प्रासंगिकता रहेगी। 5155 साल पहले इस भूमि पर इन बातों को बताया गया। इस ढंग से सृष्टि की समस्याओं का उत्तर देने वाला, सारी मानवता की समस्याओं का समाधान निकालने वाला ज्ञान गीता में है।
गीता एक जीवन विद्या है
उन्होंने कहा कि गीता हमें सिखाती है कि जीवन में जो भी कार्य करो वह बिना किसी द्वेष और दुश्मनी के करो। अपने कर्तव्यों का निर्वहन निर्मल मन से करने का ज्ञान इस शास्त्र में है, यानी गीता एक जीवन विद्या है। उन्होंने कहा कि आज हम देख रहे हैं कि सृष्टि का संतुलन बिगड़ गया है इसे संतुलित करने की आवश्यकता है। आज जगह-जगह कट्टरता दिखाई दे रही है। आपस में विश्वास खोता जा रहा है। देशों में लड़ाइयां देखने को मिल रही हैं , हालांकि भारत में यह कम देखने को मिलता है, क्योंकि भारत की संस्कृति में गीता है। यह इसलिए हो रहा है क्योंकि मनुष्य का मन संकुचित हो रहा है। वह अपने आप को अमर्यादित कर रहा है, जात पात और पंथ व संप्रदाय में स्वयं को विभाजित कर रहा है। संपूर्ण मानवता की एकता की बात तो करता है लेकिन मन में गुटबाजी की भावना संलिप्त होती है। इसे दूर करने की आवश्यकता है, जिसका ज्ञान हमें श्रीमद्भगवद्गीता से मिलता है। उन्होंने कहा कि गीता में कहा गया है कि समस्याओं से भागो मत उनका सामना करो। इसलिए अपनी बुद्धि को स्थिर करो। इसका ज्ञान गीता के 12 वें अध्याय में मिलता है, जिसमें बताया गया है कि आचरण कैसा होना चाहिए। मनुष्य जीवन को सफल कैसे करना है और इस सृष्टि के साथ कैसे चलना है यह भी गीता हमें सिखाती है।
कुरुक्षेत्र पूरे विश्व में जाना जाएगा गीता के केंद्र के रूप में : दत्तात्रेय।
हरियाणा के राज्यपाल बंडारु दत्तात्रेय ने कहा कि हरियाणा की धरती हमारी सांस्कृतिक विरासत को संजोकर रखने और बौद्धिक चिंतन के उन्नयन का प्राचीनतम केंद्र रहा है। यह वह महान भूमि है, जहां भगवान श्रीकृष्ण ने बार-बार गमन किया। ऐसी माना जाता है कि ‘हरि’ श्रीकृष्ण ने पहली बार जैसे ही अपने यान को इस पवित्र धरती पर उतारा तो उसे ‘हरि-याना’ कहा गया, जिसको कालांतर में ‘हरियाणा’ पुकारा जाने लगा। यह भूमि भगवान श्रीकृष्ण के पदचिह्नों की साक्षी रही है। इसी का नियमित साक्षात्कार करने के लिए आज उनके विराट स्वरूप का उद्घाटन किया गया है, जोकि हमारे लिए गर्व की बात है। श्रीमद्भगवद्गीता हमारे जीवन की रेखा और प्राचीन संस्कृति की अमूल्य धरोहर है। यह ज्ञान, कर्म और उपासना का बेजोड़ संगम है। द्वापर काल में करीब पांच हजार एक सौ उन्सठ (5159) वर्ष पूर्व भगवान श्री कृष्ण ने जिन परिस्थितियों में गीता ज्ञान का अठारह अध्यायों संचय किया था। उससे मानव मात्र को हमेशा निष्काम-भाव से कर्म करने की प्रेरणा मिलती रहेगी। गीता के संदेष को आत्मसात करते हुए देश के लोकप्रिय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्ररेणा और मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल के नेतृत्व में मेरी सरकार ने पहली बार गीता को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलवाने में सफलता प्राप्त की। हरियाणा सरकार द्वारा कुरुक्षेत्र के ब्रह्मसरोवर पर प्रतिवर्ष अंतर्राष्ट्रीय महोत्सव का आयोजन मील का पत्थर साबित हो रहा है।
उन्होंने कहा कि आधुनिक समय में गीता जन्मस्थली के रूप में कुरुक्षेत्र एक विश्व स्तरीय पर्यटन स्थल के तौर पर विकसित हो रहा है। केन्द्रीय पर्यटन मंत्रालय द्वारा देश में जो तीन पर्यटन सर्किट विकसित किए जा रहे हैं। उनमें रामायण तथा बुद्ध सर्किट के साथ-साथ श्रीकृष्ण सर्किट शामिल हैं। इसी के तहत श्रीकृष्ण की जन्मभूमि मथुरा से श्रीकृष्ण की ज्ञानभूमि कुरुक्षेत्र तक गीता जयंती ट्रेन शुरूआत की गई। सरकार द्वारा कुरूक्षेत्र की 48 कोस की परिधि में आने वाले करीब 110 गांवों तथा लगभग 10 शहरों के 164 प्राचीन तीर्थ स्थलों का जीर्णाेद्धार किया जा रहा है। इनमें करीब अठावन (58) तीर्थ स्थल कैथल जिले तथा पैतालीस (45) स्थल कुरुक्षेत्र जिले में हैं। इनके अलावा, जीन्द जिले में करीब 20, करनाल में चालीस (40) तथा पानीपत का एक तीर्थ स्थल हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस प्राचीन ग्रन्थ गीता की दिव्य गाथा देश-विदेश में सुनाकर भारतवर्ष का गौरव बढ़ाया है। इतना ही नही जापान, अमेरिका, आस्ट्रेलिया तथा चीन जैसे विकसित देशों के राष्ट्राध्याक्षों को यह बहुमूल्य ग्रन्थ उपहार स्वरूप भेंट भी किया है। गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानन्द भी इस कार्य में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे है।
भगवान श्री कृष्ण जी द्वारा जीवन जीने का संदेश आज भी उतना ही प्रासंगिक है : मुख्यमंत्री मनोहर लाल।
मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने कहा कि भगवान श्री कृष्ण जी के विराट स्वरूप का आज अनावरण होना बड़े ही सौभाग्य की बात है। उन्होंने कहा कि गीता का जो महत्व सारे विश्व में है, मानवता के लिए इससे बड़ा ग्रंथ कोई और नहीं हो सकता। भगवान श्री कृष्ण जी द्वारा जीवन जीने का जो संदेश पूरे विश्व को उस समय पर दिया गया था, वह आज भी उतना ही प्रासंगिक है। उन्होंने कहा कि श्री कृष्ण जी के विराट स्वरूप के अलावा विश्व स्तरीय संग्रहालय भी बनाया जा रहा है। इस संग्रहालय सहित अन्य कार्यों पर लगभग 200 करोड़ रुपए का खर्च आएगा। इस संग्रहालय में महाभारत और सरस्वती सभ्यता की व्याख्या होगी। संग्रहालय में लाइट एंड शो के माध्यम से गीता का संदेश दिया जाएगा जो वास्तव में देश और दुनिया के लोगों के लिए एक आकर्षण का केंद्र बनेगा।
अंतर्राष्ट्रीय गीता जयंती महोत्सव की तरह श्री कृष्ण उत्सव भी मनाया जाएगा- मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि ज्योतिश्वर की पावन धरा का अपना एक महत्व है। धर्मक्षेत्र कुरुक्षेत्र की नगरी का विकास करने के लिए कुरुक्षेत्र डेवलपमेंट बोर्ड का गठन किया गया। इस बोर्ड द्वारा 48 कोस सर्किट के तहत 164 स्थानों का जीर्णोद्धार किया जा रहा है। इन स्थानों पर स्थित मंदिरों और सरोवरों को विकसित किया जा रहा है। जिस प्रकार अंतरराष्ट्रीय गीता जयंती महोत्सव का भव्य तरीके से आयोजन किया जाता है उसी प्रकार आने वाले समय में श्री कृष्ण उत्सव भी मनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि कृष्णा
सर्किट योजना के तहत हरियाणा सरकार और केंद्र सरकार द्वारा कुरुक्षेत्र को ऐसा तीर्थ स्थल बनाया जा रहा है, जो आकर्षण का केंद्र बनेगा। कुरुक्षेत्र में तिरुपति बालाजी का एक मंदिर बन रहा है। इस्कॉन मंदिर, अक्षरधाम मंदिर बन चुके हैं। गीता ज्ञान संस्थानम भी गीता के ज्ञान के प्रसार के लिए बहुत बड़ा संस्थान बनने वाला है। यहां रिसर्च का काम भी चल रहा है। इतना ही नहीं, गीता के श्लोकों को दसवीं कक्षा के पाठ्यक्रम में शामिल किया गया है।
कुरुक्षेत्र को लैंड ऑफ श्री कृष्ण बनाना होगा
उन्होंने कहा कि जिस प्रकार कुरुक्षेत्र को अब से श्रीमद्भगवद्गीता की धरती के नाम से जाना जाएगा उसी प्रकार धर्मक्षेत्र कुरुक्षेत्र को लैंड ऑफ श्री कृष्ण भी बनाना होगा। जिस प्रकार लोग श्री कृष्ण के विचारों और उनके जीवन का संदेश लेने के लिए वृंदावन, मथुरा व द्वारिका जाते हैं, उसी प्रकार कुरुक्षेत्र में भी आएंगे, क्योंकि वास्तव में जीवन का संदेश कुरुक्षेत्र की पावन धरा पर दिया गया था। उन्होंने गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद जी महाराज का आभार और धन्यवाद व्यक्त करते हुए कहा कि उन्होंने गीता के संदेश के प्रचार प्रसार की जो मुहिम चलाई वह सराहनीय है। वर्ष 2016 से पहले गीता जयंती का एक छोटा कार्यक्रम होता था लेकिन धीरे-धीरे कार्यक्रम का विस्तार होने लगा और लगातार अंतर्राष्ट्रीय गीता जयंती महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है।
है। गीता जयंती की मुहिम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी चलाई जा रही है। अब तो विदेशों से भी यह मांग आने लगी है कि उनके देश में भी गीता जयंती का कार्यक्रम किया जाए। इस कार्यक्रम में पर्यटन विभाग के प्रधान सचिव एमडी सिन्हा, केडीबी के मानद सचिव मदन मोहन छाबड़ा, डा. मारकंडेय आहुजा ने भी अपने विचार व्यक्त किए।
सरकार के प्रयासों से सितंबर माह में कनाडा में भी मनाया जाएगी गीता महोत्सव : ज्ञानानंद।
गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद ने कहा कि वर्ष 2014 से पहले कुरुक्षेत्र अपने इतिहास को धीरे-धीरे खो रहा था, लेकिन वर्ष 2014 में भाजपा की सरकार बनने के बाद नई आभा के साथ, नई प्रेरणा लेकर सरकार ने कुरुक्षेत्र ही नहीं 48 कोस के तीर्थों का जीर्णोद्धार करने का काम किया। इस धर्मक्षेत्र-कुरक्षेत्र को पूरा विश्व जहां महाभारत की स्थली के रुप में जानता था, लेकिन मुख्यमंत्री मनोहर लाल के अथक प्रयासों से अब इसको गीता स्थली के रुप में जाना जाने लगा है। सरकार के प्रयासों से गीता जयंती के छोटे से समारोह को मॉरिशश और इंग्लैंड में मनाया गया और 16 से 18 सितंबर तक कनाडा में भी गीता महोत्सव मनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि जीओ गीता के प्रयासों से जेलों में गीता और शिक्षा के क्षेत्र में गीता को आगे बढ़ाया जा रहा है। इस जीओ गीता संस्थान की तरफ से पवित्र ग्रंथ गीता पर पाठयक्रम तैयार किए गए है। इन पाठयक्रमों में आज से सर्टिफिकेट कोर्स को शुरु कर दिया गया है और आने वाले समय में डिप्लोमा और डिग्री कोर्स भी शुरु किए जाएंगे।
इस मौके पर आरएसएस से सीताराम व्यास, पंवन जिंदल, विजय कुमार, सुरेंद्र पाल, भाजपा के प्रदेश महामंत्री एवं पूर्व विधायक डा. पवन सैनी, पूर्व विधायक लतिका शर्मा, भाजपा जिलाध्यक्ष राजकुमार सैनी, पूर्व जिलाध्यक्ष धर्मवीर मिर्जापुर, भाजपा महामंत्री सुशील राणा, श्री पंचायती निर्मल अखाड़ा के महंत गुरुभगत सिंह, करनाल की मेयर रेणू बाला गुप्ता, उपायुक्त मुकुल कुमार, पुलिस अधीक्षक डा. अंशु सिंगला, प्रमोद गुप्ता, अशोक आदि उपस्थित थे।

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