राष्ट्रीय शिक्षा नीति से रुकेगा ब्रेन ड्रेन : प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा।
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भारत केंद्रित है राष्ट्रीय शिक्षा नीति : मजहर आसिफ।
कुवि में नई शिक्षा नीति 2020 में शिक्षक की भूमिका पर एक दिवसीय वेबिनार आयोजित।
कुरुक्षेत्र 24 फरवरी :- कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय, नीति आयोग तथा भारतीय शिक्षण मण्डल के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित एक दिवसीय वेबिनार के उद्घाटन सत्र में बतौर मुख्य अतिथि कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा ने कहा की राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 से भारत मे इनोवेशन के अवसर बनेंगे तथा भारतीय छात्रों को विदेशों में जाने की आवश्यकता नहीं रहेगी। इस नीति से ब्रेन ड्रेन रुकेगा तथा प्रतिभा का लाभ अपने देश को प्राप्त होगा। उन्होंने बताया कि किसी भी नीति की सफलता उसके कार्यान्वयन पर निर्भर करती है। इस नीति की सफलता की पूरी जिम्मेदारी शिक्षकों पर है।
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय के प्रोफेसर व शिक्षा नीति की आलेखन समिति के सदस्य डॉ. मजहर आसिफ ने नीति को सफलतापूर्वक लागू करने में शिक्षक की भूमिका पर अपने विचार सभी के साथ सांझा किए। उन्होंने बताया कि संपूर्ण शिक्षा नीति का आधारस्तंभ शिक्षक ही है। एक छात्र के मानसिक, बौद्धिक व सांस्कृतिक विकास में एक शिक्षक अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। उन्होंने बताया कि नई शिक्षा नीति एक शिक्षक की भूमिका को समझते हुए उनके प्रशिक्षण व विकास पर बल देती है। कार्यक्रम में हिस्सा ले रहे प्रतिभागियों ने ब्रेकआउट रूम में राष्ट्रीय शिक्षा नीति में शिक्षकों की भूमिका के विभिन्न पहलुओं पर गहनता से चर्चा कर अपने विचार रखे।
कार्यक्रम की प्रस्तावना प्रो. तेजेंद्र शर्मा ने रखी तथा उन्होंने इस वेबिनार में उपस्थित सभी अतिथियों व प्रतिभागियों का स्वागत किया। इस कार्यक्रम में कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. संजीव शर्मा, चौधरी देवीलाल विश्वविद्यालय के कुलसचिव राकेश वधवा, चौधरी बंसीलाल विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. जितेंद्र भारद्वाज, इंदिरा गांधी कॉलेज लाडवा के प्रिंसिपल डॉ. हरि प्रकाश, मार्कण्डेय कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. अशोक चौधरी, आरकेएसडी कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. संजय गुप्ता, विभिन संकायों के अधिष्ठाता, निदेशक, विभागाध्यक्ष तथा शिक्षाविद् शामिल हुए।
इस वेबिनार में कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के शिक्षक, सम्बद्ध कॉलेजों के प्रिंसिपल, शिक्षक तथा देश के अन्य राज्यों से भी शिक्षाविदों ने भाग लिया। कार्यक्रम का धन्यवाद प्रस्ताव डॉ. रूपेश गौड ने रखा तथा मंच संचालन नेहा बंसल ने किया। इस कार्यक्रम के सफल आयोजन में तान्या, लॉरेल, नेहा, दीपक, नवदीप, सीमा, प्रिंकल तथा नैंसी ने भरपूर योगदान दिया।