रिर्पोट पदमाकर पाठक
गुरूपूर्णिमा पर राम जानकी शिव दुर्गा मंदिर में हुआ गुरूपूजन।
आजमगढ़। नगर के ब्रह्मस्थान-करतालपुर स्थित राम जानकी शिव दुर्गा मंदिर में गुरु पूर्णिमा पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। सर्वप्रथम उपस्थितजनों ने गुरूपूजन कर उनका आशीष प्राप्त करते हुए नमन किया। अपने आर्शीवचन में स्वामी रामकृष्ण दास महाराज ने कहा कि जो अपने तेज के प्रकाश से सामने वाले के अज्ञान के अंधकार को दूर कर सके, वहीं सद्गुरु है। दत्तात्रेय ने तो चौबीस गुरू बनाए थे क्योंकि उनमें सीखने का भाव था और उन्होंने जिससे भी सीखा उसे गुरु मान लिया।कहा कि गुरू पूर्णिमा अपने अंदर गुरू के प्रभाव को आत्मसात करने के लिए भाव उत्पन्न करने का दिन होता है। पं. सुभाष चंद्र तिवारी कुंदन ने कहा कि इस दिन आदिगुरु भगवान शिव ने अपने शिष्यों को ज्ञान दिया था, महान गुरु व्यास का जन्म इसी दिन हुआ। गौतम बुद्ध ने गुरु पूर्णिमा को ही धर्म चक्र प्रवर्तन किया था। मानस भ्रमर पं. सुधीर चंद्र त्रिपाठी ने अपने संगीतमयी प्रवचन से लोगो को मंत्रमुग्ध किया।इस मौके पर शम्भुदास महाराज, मनोज शुक्ला, राजनाथ सिंह प्रधानाचार्य, बाबू राम अवतार सिंह, ब्रह्मदेव सिंह रामायणी, पंचदेव सिंह, अरुण पांडे, डॉ उमा यादव बीएचयू सहित भारी संख्या में शिष्यगण मौजूद रहे।