कल्पना चावला की स्मृति में कार्यक्रम आयोजित
फारबिसगंज ( अररिया ) आरएनएन।बिहार बाल मंच फारबिसगंज के द्वारा महान् महिला वैज्ञानिक कल्पना चावला की स्मृति में द्विजदेनी प्रांगण में कार्यक्रम आयोजित हुई जिसका संचालन मनीष राज एवं सिमरन कुमारी ने किया। तस्वीर पर स्कूली बच्चों के द्वारा श्रद्धा सुमन अर्पण के बाद सिमरन, आराध्या, अंकित, साक्षी, प्रिया, उन्नति,प्रियांशी,पीहू, नैतिक और अंशु ने कहा कि कल्पना का जन्म 17 मार्च 1962 को हरियाणा के करनाल जिले में हुआ था। सन् 1984 में इंजीनियरिंग में मास्टर डिग्री प्राप्त और कोलोरेंडो से पी•एच•डी की उपाधि प्राप्त की। फिर 1988 में ‘नासा’ में शामिल हो गई। यहाँ रहकर उन्होंने कई शोध किए। कालांतर में अंतरिक्ष अभियान से लौट रहा अमेरिकी यान कोलंबिया- 1 फरवरी 2003 की शाम को पृथ्वी से 63 किलोमीटर की उँचाई पर धमाके के साथ टूटकर बिखर गया। यान में सवार सभी अंतरिक्ष यात्री शरीर छोड़कर अंतरिक्ष यात्रा पर कहीं दूर निकल गए। यान का मलवा अमेरिका के टैक्सास शहर में गिरा। जिस शहर में कल्पना ने अपनी मास्टर डिग्री हासिल की थी उसी शहर में उसकी जीवन यात्रा की इति हुई।इस तरह कल्पना चावला के यह शब्द सत्य हो गए, “मैं अंतरिक्ष के लिए ही बनी हूँ। प्रत्येक पल अंतरिक्ष के लिए ही बिताया है और इसी के लिए ही मरूँगी।” कल्पना चावला जब भी भारत आती थीं अपने चंडीगढ़ स्थित इंजीनियरिंग कॉलेज में जरूर जाती थी। विद्यार्थियों एवं शिक्षकों के साथ अनुभव बाँटती थी। वे उत्सुक और जिज्ञासु विद्यार्थीयों को हमेशा इस दिशा में कार्य करने के लिए उत्साहित करती थी। उन्होनें कई योग्य विद्यार्थीयों को नासा में कार्य करने हेतु मदद की थी। उसने अपने देश भारत का मस्तक विश्व में गर्व से ऊंचा उठाया।