महिलाओं की तुलना में पुरुष नसबंदी ज्यादा सरल व सुरक्षित

-पुरूष नसबंदी को लेकर हमें बदलनी होगी अपनी सोच
पुरूष नसबंदी के मामले में लाभुक व प्रेरक को दी जाती है प्रोत्साहन राशि

अररिया, 16 जुलाई ।

जिले में 31 जुलाई तक जनसंख्या स्थिरता पखवाड़ा का संचालन किया जा रहा है। इसी कड़ी में योग्य दंपतियों को परिवार नियोजन संबंधी विभिन्न उपायों की जानकारी देते हुए उन्हें इसे अपनाने के लिये प्रेरित किया जा रहा है। परिवार नियोजन का दायित्व हमेशा से महिलाओं के ऊपर रहा है। जबकि पुरुष नसबंदी के रूप में हमारे पास सरल व सुरक्षित विकल्प मौजूद है। पखवाड़ा के दौरान इसे लेकर लोगों को जागरूक करने की मुहिम भी साथ-साथ संचालित की जा रही है। लेकिन पूर्व धारणाओं की वजह से पुरुष नसबंदी को लेकर पुरूषों में हिचकिचाहट मौजूद है।

पुरूष नसबंदी सरल व सुरक्षित

सिविल सर्जन डॉ विधानचंद्र सिंह ने बताया कि पुरुष नसबंदी को लेकर लोगों के मन में व्याप्त भ्रांतियां निराधार है। पुरुष नसबंदी के बाद किसी भी तरह की शारीरिक या यौन कमजोरी नहीं होती है। इसके उलट यह पूरी तरह सुरक्षित व आसान है। लेकिन अधिकांश पुरुष अभी भी इसे अपनाने में हिचकिचाते हैं। अभी भी पुरुष नसबंदी से संबंधित जानकारी का अभाव है। सिविल सर्जन ने कहा कि महिलाओं में नसबंदी की प्रक्रिया पुरुषों की अपेक्षा ज्यादा जटिल होता है। पुरुष नसबंदी से किसी तरह की शारीरिक कमजोरी व संक्रमण का डर नहीं होता है। बहुत सामान्य ऑपरेशन होता है और इसमें आधे घंटे से भी कम का समय लगता है। लाभुक को अस्पताल में ज्यादा देर ठहरने की भी जरूरत नहीं होती है। ऑपरेशन के कुछ देर बाद ही वे घर जा सकते हैं। इससे किसी तरह से भी लाभुक की दिनचर्या प्रभावित नहीं होती है। इसलिये पुरुष नसबंदी को लेकर पुरुषों को अपनी सोच बदलने की जरूरत है। हमें ये समझना होगा कि परिवार नियोजन पति व पत्नी के लिये एक सामूहिक जिम्मेदारी की तरह है।

पुरुष नसबंदी में इन बातों का रखा जाता है ध्यान

पुरुष नसबंदी परिवार नियोजन के लिये पुरुरूषों के पास उपलब्ध एकमात्र स्थायी साधन है। इसलिये नसबंदी से पूर्व लाभार्थी की उम्र सहित कुछ अन्य बातों का ध्यान रखना होता है। लाभुक की उम्र कम से कम 22 साल से अधिक व 60 साल से कम होनी चाहिये। लाभार्थी का शादीशुदा होना व कम से कम उसके परिवार में एक बच्चा का होना जरूरी है। इसके अलावा इसके लिये पुरुषों का शारीरिक व मानसिक रूप से स्वस्थ होना भी जरूरी होता है।

लाभार्थी व प्रेरक को प्रोत्साहन राशि उपलब्ध कराने का है प्रावधान

सदर अस्पताल के प्रबंधक विकास आनंद ने बताया कि पुरुष नसबंदी के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिये सरकार द्वारा लगातार प्रयास किये जा रहे हैं। पुरूष नसबंदी के लिये प्रेरित करने वाले व लाभुक को प्रोत्साहन राशि भुगतान किये जाने का प्रावधान है। जो महिला नसबंदी की तुलना में अधिक है। नसबंदी के लिए पुरुष लाभार्थी को 3000 रुपये व प्रेरक को प्रति लाभार्थी 300 रुपये का भुगतान किया जाता है। वहीं महिला नसबंदी पर लाभार्थी को 2000 व प्रेरक को प्रति लाभार्थी की दर से 300 रुपये भुगतान का प्रावधान है।

नसबंदी के बाद पुरुष रखें इन बातों का ख्याल

  • शुरूआती तीन महीनों तक करें गर्भनिरोधक का इस्तेमाल
  • शुरूआती तीन महीनों तक असुरक्षित यौन संबंध से बचाव
  • नसबंदी के बाद पुन: इसे ठीक नहीं किया जा सकता है
  • नसबंदी के निर्णय से पूर्व इस पर गहन चिंतन जरूरी

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