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कला कीर्ति भवन में मंचित हुआ नाटक विद लव आपकी सैयारा।
तलाक झेलने वाली महिला के दर्द को दिखा गया नाटक विद लव आपकी सैयारा।
डिस्कनेक्ट होने के बाद वापिस रिकनेक्ट होना ही जिंदगी है : जूही बब्बर सोनी।
कुरुक्षेत्र 17 जुलाई : जिंदगी में कईं उतार-चढ़ाव आते हैं, जिससे जिंदगी कईं बार तो खिली-खिली लगती है और कईं बार नीरस हो जाती है। जिस तरह मोबाईल का नेटवर्क जाने पर धैर्य रखते हुए वापिस रिकनेक्ट होने का इंतजार होता है, उसी तरह जिंदगी में भी आए उतार-चढ़ाव के बाद धैर्य रखते हुए दोबारा खुशनूमां जिंदगी के लिए प्रयास करना चाहिए। ऐसा ही कुछ नाटक के माध्यम से फिल्म अभिनेत्री जूही बब्बर सोनी ने कला कीर्ति भवन में अपने अभिनय से दिखाया। हरियाणा कला परिषद द्वारा आयोजित सांस्कृतिक संध्या में एकजुट संस्था, मुम्बई द्वारा जूही बब्बर सोनी के लेखन, निर्देशन और अभिनय से सजा नाटक विद लव आपकी सैयारा प्रस्तुत किया गया। इस मौके पर पुलिस अधीक्षक डा. अंशु सिंगला बतौर मुख्यअतिथि पहुंची। वहीं विशिष्ट अतिथि के रुप में प्रो. शुचिस्मिता शर्मा, सौरभ चौधरी, जय भगवान सिंगला उपस्थित रहे। हरियाणा कला परिषद के निदेशक संजय भसीन ने अतिथियों का स्वागत किया। कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्जवलित कर की गई। मंच का संचालन डा. मोहित गुप्ता द्वारा किया गया।
सिंगल वुमैन की जिंदगी की जद्दोजहद से रुबरु करवा गया विद लव आपकी सैयारा।
नाटक में मुम्बई शहर की एक एकल महिला की जिंदगी में चल रही जद्दोजहद का शानदार प्रदर्शन जूही बब्बर सोनी द्वारा किया गया। एक तलाकशुदा सफल लेखिका सैयारा अपनी किताब के लिए परेशान है, जिसमें पब्लिशर अपने हिसाब से बदलाव करना चाहते हैं। ऐसे में सैयारा लोगों से रुबरु होते हुए अपने जीवन के पन्नो को खोलना शुरु कर देती है। सैयारा दो बार शादी करती है और दोनों ही बार पति से प्रताड़ित होने के बाद तलाक ले लेती है। सैयारा बताती है कि उसने पहली शादी अपने से बहुत बड़ी उम्र के आदमी से की, जिसकी खुद के बीवी बच्चे होते हुए उसने सैयारा से शादी करली। कुछ समय बाद जब उसके बच्चों को पता चला तो वो खुद सैयारा के घर पहुंच गए उसे मारने के लिए। इस बारे में जब सैयारा अपने पति से बात करती है, तो उसका पति उसे ही दोषी ठहराकर तलाक देने की बात करता है। सैयारा परेशान हालत में अपने मां बाप से बात करती है और उसके मां बाप सैयारा को तलाक दिलवाकर घर वापिस ले आते हैं। उसके बाद एक मुस्लिम लड़का सैयारा से शादी कर लेता है। लेकिन अपने परिवार के कारण सैयारा को भला-बुरा कहना शुरु कर देता है। जिसके कारण सैयारा की जिंदगी नीरस हो जाती है और दोबारा तलाक हो जाता है। दो तलाक होने के बाद सैयारा की जिंदगी बदल जाती है और हर दूसरा आदमी सैयारा को एक पब्लिक प्रॉपर्टी समझकर तकलीफ देना शुरु कर देता है।
लेकिन सैयारा के मां बाप उसे सम्भाल कर नई जिंदगी शुरु करने को कहते हैं और सैयारा एक लेखिका के रुप में अपनी पहचान बना लेती है। इस प्रकार दो बार तलाक झेलने वाली महिला का दर्द भाव जूही बब्बर ने बखूबी अपने अभिनय से दर्शाते हुए लोगों को हैरान कर दिया। भावपूर्ण दृश्यों में जहंा जूही ने सभी को भावुक किया तो बीच-बीच में हंसी की चुटकियां छोड़ते हुए गुदगुदाया भी। नाटक की खूबसूरती अभिनय, संगीत, सेट, प्रकाश के साथ-साथ परदे पर दिखाए जा रहे दृश्यों ने और बढ़ाने का काम किया, जिसमें सैयारा के पिता का किरदार फिल्म अभिनेता धमेंद्र तथा माता का किरदार अभिनेत्री जरीना वहाब ने निभाते हुए अपने संवाद बोले।
नाटक में जूही बब्बर सोनी के अलावा रवि मिश्रा, अंचित मरवाह, स्मिता जुवाटकर, अनुश्री भड़ंग, आकाश चौधरी ने सहयोग दिया। अंत में सभी को सम्मानित किया गया। समापन अवसर पर मुख्यअतिथि डा. अंशु सिंगला ने जूही बब्बर सोनी को बधाई देते हुए हरियाणा कला परिषद के प्रयास को सराहा।