जिले में कल से चलेगा पेट में कीड़ा मारने की दवा खिलाने का अभियान
-अभियान के तहत जिले में एक से 19वर्ष तक के लगभग 6.60 लाख बच्चों को दवाई खिलाने का है लक्ष्य
कन्नौज । जनपद में 20 जूलाई (बुधवार) से राष्ट्रीय कृमि मुक्ति अभियान चलाया जायेगा।इस अभियान के सफल क्रियान्वयन हेतु सीएमओ सभागार मुख्य चिकित्साधिकारी डा.विनोद कुमार की अध्यक्षता में बैठक कर अभियान की तैयारियों की समीक्षा की। सीएमओ ने कहा कि कृमि यानि पेट में कीड़े से शरीर में अनेक प्रकार की परेशानियां जैसे शरीर में खून की कमी और भूख नहीं लगना, जी मिचलाना आदि हो सकती है। कुपोषण होने का कारण कृमि ही होता है। उन्होंने बताया कि सभी बच्चों व किशोर किशोरियों को अभियान के दौरान खिलाई जाने वाली एल्बेंडाजोल की गोली का सेवन करना चाहिए। सीएमओ ने कहा कि यह दवा बिल्कुल सुरक्षित और कारगर है।इस दवा का कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं हैं।
एनडीडी नोडल डा.ए.के जाटव ने बताया कि कृमि मुक्ति अभियान 20 जुलाई व किसी कारणवश छुटे हुए बच्चों को माप-अप राउंड के तहत 24 से 27 जुलाई को दवा खिलाई जायेगी। जिले में 6,64,332 बच्चों व किशोर-किशोरियों को एल्बेंडाजोल गोलियां खिलाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इस दौरान आशा व आंगनबाड़ी कार्यकर्ता घर-घर जाकर एक से 19 वर्ष के बच्चों को अपने सामने एलबेंडाजोल की खुराक देगीं। उन्होंने बताया कि एक वर्ष से दो वर्ष के बच्चों को 400 एमजी की टेबलेट की आधी गोली पीसकर व दो से तीन वर्ष के बच्चों को अल्बेंडाजोल 400 एमजी का एक टैबलेट चूर्ण कर पानी के साथ खिलाना है | इसके साथ ही तीन से 19 साल बच्चों और किशोर-किशोरियों को एक गोली चबाकर खिलाई जाएगी।
उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष जनपद में निर्धारित लक्ष्य 6,81,266 के तहत करीब 6.25 लाख बच्चों को दवाई खिलाकर लक्ष्य के अनूरूप 91.7 फीसदी उपलब्धि हासिल की। जिला अस्पताल में तैनात बाल रोग विशेषज्ञ डा.सुरेश यादव बताते हैं कि कृमि रोग अर्थात पेट में कीड़े होना एक साधारण बीमारी समझी जाती है। मगर इसका इलाज न किया जाए तो यह रोग कई जटिलताएं जैसे खून की कमी, कुपोषण, आंतों में रुकावट, एलर्जी आदि जानलेवा रोगों का कारण भी बन सकता है। गोल कृमि, वीप वार्म, अंकुश कृमि ऐसे कीड़े है।जो कि बच्चों को संक्रमित करते है।जिससें उनके पोषण स्तर तथा हीमोग्लोबिन स्तर के साथ-साथ शारीरिक व बौध्दिक विकास पर गलत प्रभाव पड़ता हैं।
उन्होंने बताया कि एल्बेंडाजोल दवाई बिल्कुल सुरक्षित है। लेकिन जिन बच्चों के पेट में कीड़ों की अधिकता होगी। उनके द्वारा दवा का सेवन करने पर मामूली लक्षण सामने आयेंगे जैसे दवा खाने के बाद जी मचलाना,पेट में हल्का दर्द, उल्टी,दस्त और थकान महसूस करना लेकिन इससे घबराने की जरूरत नहीं है पेट में कीड़ा होने के कारण प्रतिकूल प्रभाव दिखाई देगा। इस दौरान बच्चे को आराम करने की सलाह दें।