देहरादून : श्रीकृष्ण जन्माष्टमी कल (गुरुवार) को श्रद्धा, भक्ति और उल्लास के साथ मनाई जाएगी। अष्टमी तिथि गुरुवार रात नौ बजकर 20 मिनट से शुक्रवार रात 10 बजकर 59 मिनट तक रहेगी। कोरोनाकाल के दो साल बाद इस बार उत्साह से इस दिन को मनाने के लिए मंदिर समितियों ने मंदिरों को फूलों और रंगविरंगी लाइट से सजाना शुरू कर दिया है।
हिंदू धर्म में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी (Janmashtami 2022) का विशेष महत्व है। पंचांग के अनुसार जन्माष्टमी हर साल भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाई जाती है। आचार्य डा. सुशांत राज के मुताबिक, इस दिन लोग व्रत रख भगवान कृष्ण की पूजा करते हैं।
भगवान विष्णु ने इस दिन धरती पर मौजूद लोग को कंस के अत्याचार से मुक्ति दिलाने के लिए कृष्ण के रूप में आठवां अवतार लिया था। इस बार जन्माष्टमी गुरुवार को मनाई जाएगी।
ज्योतिषाचार्य पंडित बंशीधर नौटियाल के अनुसार अष्टमी गुरुवार रात नौ बजकर मिनट से अगले दिन शुक्रवार रात 10 बजकर 59 मिनट तक रहेगी।
भगवान श्रीकृष्ण का जन्म मध्य रात्रि में हुआ था, अष्टमी की मध्यरात्रि यानी गुरुवार को ही जन्माष्टमी मनाई जाएगी।
इस तरह करें पूजा
सुबह व्रत धारण कर घर के मंदिर में दीप जलाएं और भगवान कृष्ण के बाल स्वरूप यानी लड्डू गोपाल का अभिषेक करें। मिश्री, मेवा आदि का भोग लगाएं। रात में भगवान कृष्ण की पूजा करें।