रिपोर्ट पदमाकर पाठक
अब मुख्यमंत्री स्वास्थ्य मेले में टीबी जांच अनिवार्य
• शीघ्र निदान और उपचार टीबी को मिटाने में करता है मदद
• सभी जाँच व दवा की सुविधा है निःशुल्क
आजमगढ़। 17 अगस्त 2022
राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत जनपद में हर रविवार को लगने वाले मुख्यमंत्री स्वास्थ्य मेलों में टीबी जांच के लिए स्टाल अनिवार्य कर दिया गया है। सरकार के दिशा निर्देश के क्रम में स्वास्थ्य विभाग की ओर से इस संबंध में आदेश जारी कर दिया गया है। अब हर मेले में टीबी के लक्षण वाले और बिना लक्षण वालों की जांच की जायेगी। जिनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आयेगी, उनका तत्काल निक्षय पोर्टल पर पंजीयन किया जायेगा। जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ परवेज अख्तर ने बताया कि राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत अक्टूबर 2021 से मार्च 2022 तक 1543 टीबी मरीजों को गोद लिया गया था। अप्रैल 2022 से अब तक 150 टीबी मरीजों को गोद लिया जा चुका है। इसमें से 200 टीबी मरीजों का इलाज पूरा हो चुका है। वर्तमान में जनपद में 314 ड्रग रेजिस्टेंट मरीजों का इलाज चल रहा है। चेस्ट फिजीशियन डॉ. अख्तर हुसैन ने बताया कि प्रदेश को वर्ष 2025 तक क्षय रोग यानी टीबी मुक्त बनाने के लिए लगातार अभियान चलाया जा रहा है। मुख्यमंत्री स्वास्थ्य मेले में आने वालों में किसी को दो हफ्ते से अधिक समय से खांसी आ रही हो अथवा बुखार बना रहे, खांसी के साथ बलगम में खून आये, रात में पसीना आये, वजन गिर रहा हो, भूख न लग रही हो आदि लक्षण हों तो उनकी मुफ्त जांच और इलाज किया जायेगा। शीघ्र निदान और उपचार टीबी को मिटाने में मदद करता है।
ब्लाक कोल्हूखोर जहानागंज के अंतर्गत गाँव गोहना निवासी 26 वर्षीय अमरनाथ यादव ने बताया कि मैंने समस्या होने पर मई में दिखाया था। डाक्टर ने देखा और जाँच कराया और बोले कि आपको सामान्य टीबी है, आपको लगातार छह महीने दवा करना है, दवा बंद नहीं करना है। आज मैंने फिर से दिखाया है मुझे काफी आराम है, जहाँ में एक रोटी नहीं खा पाता था, अब भर पेट खाता हूँ। एक महीने बाद डाक्टर ने फिर से बुलाया है। सभी जाँच व दवाएं निःशुल्क मिली हैं तथा सरकार की तरफ से 500 रुपये पोषण भत्ते के रूप में मिलता है। शहर से सटे हुए गाँव रफीपुर निवासी 20 वर्षीय रितिका ने बताया कि मुझे कमर के पास दाहिनी तरफ सूजन थी, मैंने दो महीने पहले दिखाया था, डाक्टर ने देखने के बाद मुझे ट्युबेकुलर लिम्फेडीमा/कोल्ड एब्सिस (फोड़ा) बताया था, मैं लगातार इलाज कर रही हूँ, दवा से मुझे काफी आराम है। दवाएं तथा जाँच निःशुल्क हुई हैं। मुझे 500 रुपये सरकार की तरफ से पोषण भत्ता भी मिलता है।