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चार साल बाद रेनू के मां बनने का सपना हुआ पूरा।
कुरुक्षेत्र : हर महिला की चाहत होती है कि वो मां जरूर बने। मगर स्वास्थ्य की खराबी और बिगड़ी जीवनशैली की वजह से कई महिलाओं का मां बनना मुश्किल हो जाता है। इंद्री के गांव जोड़ माजरा निवासी रेनू के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ। रेनू गर्भाशय की फैलोपियन ट्यूब ब्लॉकेज की समस्या से पीड़ित थी, जिसकी वजह से गर्भधारण में भी काफी दिक्कत थी। श्रीकृष्णा आयुष विश्वविद्यालय के राजकीय महाविद्यालय एवं अस्पताल में तीन महीने चली आयुर्वेदिक चिकित्सा से बीना सर्जरी के गर्भाशय की फैलोपियन ट्यूब ब्लॉकेज का सफल इलाज किया गया है। शादी के चार साल बाद अब रेनू के मां बनने का सपना पूरा होगा।
रेनू पिछले चार साल साल से मां बनने का प्रयास कर रही थी। इसके लिए शहर के कई बड़े डॉक्टरों को दिखाया। महंगी-महंगी दवा खाने के बाद भी गर्भधारण नहीं हुआ। 2021 में एक डॉक्टर ने ट्यूब टेस्ट की सलाह दी। इसके बाद फैलोपियन ट्यूब ब्लॉकेज का पता चला। डॉक्टरों द्वारा ऑपरेशन की सलाह दी गई। जो बहुत महंगा तो था उसके बाद भी कोई उम्मीद नहीं थी कि गर्भधारण होगा। किसी जानकार से श्रीकृष्णा राजकीय आयुर्वेदिक अस्पताल का पता चला। अस्पताल के स्त्री रोग विभाग द्वारा तीन महीने चलाए गए आयुर्वेदिक इलाज और थेरेपी के बाद सभी रिपोर्ट पॉजिटिव आई हैं। इलाज अभी भी चल रहा है।
सहायक प्राध्यापक व स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. सुनीति तंवर ने बताया कि इंद्री के जोड़ माजरा निवासी रेनू साल 2021 में इलाज के लिए अस्पताल आई थी। रेनू को फैलोपियन ट्यूब ब्लॉकेज की वजह से गर्भधारण करने में समस्या थी। फैलोपियन ऐसी दो नलियां होती हैं जो गर्भाशय में जाकर मिलती है, अगर किन्हीं कारणों से इन नलिकाओं में कोई बाधा आती है, तो ऐसी स्थिति में माता-पिता को संतान सुख की प्राप्ति नहीं होती। उन्होंने बताया कि लगातार तीन महीने उत्तर बस्ती और आयुर्वेदिक औषधी लेने से रेनू की सभी रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। इसके बाद अब गर्भधारण की प्रक्रिया चलेगी।
फैलोपियन ट्यूब ब्लॉकेज के कारण और इलाज
डॉ. सुनीति ने बताया कि ट्यूब ब्लॉकेज कई कारणों से हो सकती है। जिस वजह से स्त्री मातृ सुख से वंचित रह जाती है। ट्यूब ब्लॉकेज की मुख्य वजह सूजन, सर्जरी, इन्फेक्शन, हार्मोन की गड़बड़ी या किसी कारणवश गर्भपात भी हो सकता है। अगर सही समय पर सही तरीकों से समस्या को पहचान लिया जाए, तो बीमारी पर काबू पाया जा सकता है, आयुर्वेद में बिना किसी चीर-फाड़ के फैलोपियन ट्यूब को ठीक किया जाता है। आयुर्वेद में उत्तर बस्ती नामक उपचार पद्धति लाभकारी बताई गई है, इलाज के दौरान आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों का सेवन पथ्य-कुपथ्य का ध्यान रखते हुए कराया जाता है।