मलेरिया, चिकनगुनिया व डेंगू की होती है फ्री जांच
आसपास मच्छर न पनपने दें: जिला मलेरिया अधिकारी
✍️दिव्या बाजपेई
कन्नौज । बरसात के मौसम में मच्छरों का प्रकोप तेजी से बढ़ता है। इसी वजह से मच्छरों के काटने से होने वाली बीमारियां जैसे मलेरिया, चिकनगुनिया और डेंगू भी तेजी से फैलते हैं। इन बीमारियों से बचने के लिए सबसे आसान तरीका है कि अपने आसपास मच्छरों को पनपने न दें। गमला, कूलर, टायर जैसी चीजें व जहां भी पानी जमा हो सकता है। सप्ताह में एक बार जरूर साफ- सफाई करें। यह बातें जिला मलेरिया अधिकारी डॉ. हिलाल अहमद खान ने तालग्राम ब्लाक के ग्राम गौरियापुर में लार्वा स्त्रोत निरीक्षण के दौरान लोगों को जागरुक करते हुए कहीं। जिला मलेरिया अधिकारी ने कहा कि अक्सर लोग बुखार आने पर लापरवाही बररते हैं।कई बार यह अनदेखी महंगी पड़ती है।जिले के सभी सरकारी अस्पतालों में मलेरिया, डेंगू ,चिकनगुनिया व टाइफाइड की नि:शुल्क जांच होती है। बस जरूरत है कि अपने आप को जागरूक व सजग बनाए रखने की।
उन्होंने बताया कि जिले में जनवरी से अब तक 9 मलेरिया मरीज सामने आए हैं। गलीमत है कि अभी तक एक भी डेंगू व चिकनगुनिया का मरीज नहीं मिला। जबकि पिछले साल 70 मरीज मलेरिया व 98 डेंगू से पीड़ित मिले थे।
जिला मलेरिया अधिकारी ने बताया कि डेंगू,मलेरिया चिकनगुनिया जैसी बीमारियों से निपटने के लिए विभाग अलर्ट है। जिला अस्पताल व सौ शैय्या चिकित्सालय में 10-10 और जिले के सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर 5-5 बेड आरक्षित किए गए हैं।इसके सीएचसी के सभी चिकित्साधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि सीएचओ व आशा कार्यकर्ताओं के द्वारा अपने कार्य क्षेत्र में जलभराव वाले स्थानों को चिन्हित करने के साथ-साथ ही घर-घर जाकर लोगों को जागरूक करें तथा आवश्यकता अनुसार लार्वा स्रोतों में दवा का छिड़काव व फागिंग की कार्रवाई करें। मलेरिया निरीक्षक सिद्धार्थ कुमार ने कहा कि इस मौसम में कुछ सावधानियां बरती जाएं। तो डेंगू मलेरिया से बचाव किया जा सकता है। इस दौरान उन्होंने कई जगह पर लार्वा स्रोत का निरीक्षण किया और लार्वा निरोधक दवा का छिड़काव कराया । मलेरिया निरीक्षक ने बताया कि व्यक्ति को जाड़े के साथ तेज बुखार आना,त्वचा पर लाल चकते और भूख न लगना,सिरदर्द, गले में खराश, पसीना आना,शरीर में थकान और बेचैनी होना,उल्टी और मांसपेशियों में दर्द होना आदि डेंगू व मलेरिया के लक्षण है। ये लक्षण या बुखार होने पर तुरन्त नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र में जाकर जांच करवाएं।
गांव के रहने वाले 45वर्षीय लाल बहादुर कहते है मच्छरों से डेंगू, मलेरिया जैसी खतरनाक बीमारियां फैलती है ये हम सभी जानते है। आज मलेरिया टीम के आने से यह जानकारी मिली की लार्वा स्त्रोत क्या है कैसे इनकी पहचान कर नष्ट करें व कैसे छोटी-छोटी सावधानियां बरतकर खुद का व परिवार का मच्छर जनित बीमारियों से बचाव किया जा सकता है। गांव के रहने वाले 23 वर्षीय सीमान्त तिवारी को कहना है कि गांव में स्वास्थ्य विभाग की टीम घरों में जाकर पानी के निकास, कूलर व जलभराव वाले स्थानों व नालियों का निरीक्षण कर दवा का छिड़काव किया। साथ ही लोगों को मच्छरों से बचाव के लिए भी जागरूक किया। यह सब हमारे सामने पहली बार हुआ। खुशी है कि दवा के छिड़काव से मच्छरों की संख्या कम होगी। बचाव के लिए सावधानी जरूरी घरों में नियमित सफाई करते रहे। कूलर, बर्तनों व आसपास पानी एकत्र न होने दें।
घरों मच्छरदानी का प्रयोग करें।
नालियों व घरों में मच्छरों का लार्वा नष्ट करने के लिए एंटी लार्वा दवा का छिड़काव करें।