बलि का अहंकार तोडऩे के लिए अवतरित हुए थे वामन अवतार : आचार्य शुकदेव।
हरियाणा संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
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सीईओ कटारिया और डीएसपी धालीवाल ने रस वादन किया वामन पुराण कथा का।
कथा के पंडाल में भजनों पर खूब झूमे श्रद्धालु।
कुरुक्षेत्र, 07 सितंबर : श्री ब्राह्मण एवं तीर्थोद्धार सभा की ओर से सन्निहित सरोवर पर आयोजित वामन पुराण कथा के दूसरे दिन व्यासपीठ से अमृत वर्षा करते हुए प्रसिद्ध कथा वाचक शुकदेव आचार्य ने कहा कि भगवान विष्णु ने वामन अवतार लेकर राजा बलि का अहंकार तोड़ा था। जब राजा बलि को अभिमान हो गया कि इससे बड़ा दानी कोई नहीं है तो भगवान विष्णु वामन रूप धारण करके राजा बलि के पास भिक्षा लेने के लिए पहुंचे। राजा बलि ने उनसे सब कुछ मांगने को कहा लेकिन वामन भगवान ने तीन कदम भूमि ही मांगी। जब वामन भगवान भूमि नापने लगे तो ढाई कदमों में ही तीनों लोक नाप दिए और तीसरा कदम रखने को जब जगह नहीं बची तो राजा बलि इनके आगे नतमस्तक हो गए और कहा कि हे भगवान यह तीसरा कदम मेरे सिर पर रख दो। उसे एहसास हो गया कि यह ब्राह्मण के रूप में स्वयं भगवान आए हैं इस प्रकार उसका अहंकार टूट गया।
वामन पुराण की कथा के समापन अवसर पर कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं नगराधीश चंद्रकांत कटारिया मुख्य अतिथि के रुप में शामिल हुए, जबकि डीएसपी डा. शीतल सिंह धालीवाल इस कथा में विशिष्ट अतिथि के रुप में सम्मिलित हुए। दोनों अधिकारियों ने व्यासपीठ से आचार्य द्वारा की जा रही भागवत कथा का रसपान किया।